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तेलगू कवि और सामाजिक कार्यकर्ता वरवरा राव कोरोना पॉजिटिव

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार कवि और कार्यकर्ता वरवरा राव को चक्कर आने की शिकायत के बाद सोमवार रात को सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वरवर राव

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार वरवरा राव कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। सोमवार को उन्हें चक्कर आने की शिकायत के बाद मुंबई के जेजे अस्पताल ले जाया गया था। राव 2018 से जेल में हैं। उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल में रखा गया है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक गुरुवार को 81 वर्षीय की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

गौरतलब है कि इससे पहले उनके परिवार के सदस्यों ने द्वारा काफी समय से दावा किया जा रहा है कि राव कुछ समय से अस्वस्थ हैं और उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सेवा दी जाए। उन्होंने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप भी लगाया था।

राव ने अस्थायी जमानत का अनुरोध करते हुए सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और इसके लिए उन्होंने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य और वर्तमान कोविड-19 महामारी का हवाला दिया था।

कार्यकर्ता ने अदालत से यह भी अनुरोध किया था कि वह जेल प्राधिकारियों को उनका मेडिकल रिकॉर्ड पेश करने और उन्हें किसी अस्पताल में भर्ती कराए जाने का निर्देश दे।

वरवरा राव के वकील आर. सत्यनारायण अय्यर ने बताया, ‘राव को चक्कर आने के बाद सोमवार रात जेजे अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल उनकी कुछ जांचें कर रहा है।’

आपको बता दें कि इतिहासकार रोमिला थापर, अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र सरकार और एनआईए को पत्र लिखकर अपील की थी कि कवि वरवरा राव को जेल से जेजे अस्पताल में शिफ्ट किया जाए, जहां उन्हें उचित इलाज मिल सके।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर तेलुगू कवि वरवर राव की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

चौधरी ने कहा कि 81 वर्ष की उम्र में राव ‘दुनिया के सबसे मजबूत देशों में एक के लिए खतरा नहीं हो सकते हैं।’

उन्होंने मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘81 वर्ष का एक व्यक्ति वर्षों से जेल में बंद है और उसे अपने अपराध का भी पता नहीं है। अब वह मानसिक रूप से ठीक भी नहीं हैं और उन्हें चिकित्सीय सहायता भी नहीं दी जा रही है।’

उन्होंने लिखा, ‘आप कृपया इस मामले में हस्तक्षेप करें और उनका जीवन बचाएं, अन्यथा हमारी भावी पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेगी।’

आपको बता दें कि राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को भीमा कोरेगांव मामले में कथित माओवादी संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की प्रारंभ में पुणे पुलिस ने जांच की थी लेकिन इस साल जनवरी में इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दिया।

यह मामला 31 दिसंबर, 2017 में पुणे के एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित उत्तेजक भाषण देने से जुड़ा है। पुलिस के अनुसार इसी के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा वार स्मारक के पास हिंसा हुई थी।

समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ 

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