Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

व्यापमं घोटाला : सीबीआई ने 160 और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 160 और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया है। आरोपियों में प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी शामिल हैं।
vyapam
फ़ोटो साभार: प्रभासाक्षी

इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 650 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किया जा चुके हैं।
   
सीबीआई के विशेष अभियोजक सतीश दिनकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि व्यापमं से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया की विशेष अदालत में बृहस्पतिवार को 160 नए आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। आरोपियों में मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) के दो अधिकारी भी शामिल हैं।
  
उन्होंने कहा कि चिरायु मेडिकल कॉलेज (भोपाल) के अध्यक्ष अजय गोयनका, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज (भोपाल) के अध्यक्ष एस एन विजयवर्गीय और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज ( इंदौर) के सुरेश सिंह भदौरिया के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
  
सीबीआई ने पहले बताया था कि नकल करने के लिए परीक्षा में नए तरीके जिसे ‘इंजन-बोगी’ तरीका कहा जाता है, अपनाया जाता था। इसके तहत बुद्धिमान छात्र को परीक्षा हाल में कतार में आगे बैठाया जाता था जबकि नकल करने वालों को उसके पीछे बैठाया जाता था।
   
दिनकर ने कहा कि 56 उम्मीदवारों को ‘बोगी’ तथा 46 ‘इंजन’ छात्रों के लिखाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसके अलावा चिकित्सा पाठ्यक्रम के अभ्यर्थियों के 13 अभिभावकों तथा नौ बिचौलियों को भी आरोपी बनाया गया है।
    
दिनकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आरोपियों को अदालत में अलग अलग बैच में पेश करने को मंजूरी दी गई है। आरोपियों को 22 फरवरी से 12 मार्च के बीच कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के पालन के साथ अदालत में पेश किया जाएगा।
  
उन्होंने कहा कि आरोप पत्र की प्रतियां आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने से पहले उन्हें सौंपी जाएंगी।
   
करोड़ों रुपए का व्यापमं घोटाला 2013 में सामने आया था। इसमें उम्मीदवारों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को लिखने के लिए बिचौलियों के जरिए अधिकारियों को रिश्वत दी और परीक्षा में धांधली की। यह घोटाला 1995 में शुरु हुआ जिसमें राजनेता, वरिष्ठ अधिकारी और व्यवसायी शामिल थे। सीबीआई ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली थी।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest