राजद्रोह कानून से मुक्ति मिलने की कितनी संभावना ?
सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन पीनल कोड की धारा 124 A की संवैधानिकता की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में कहा कि हम यह उम्मीद और अपेक्षा करते हैं कि जब तक यह मामला विचाराधीन है तब तक केंद्र और राज्य सरकार धारा 124 A के तहत किसी तरह का FIR दर्ज करने, छानबीन करने और किसी को प्रताड़ित से रोकें। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को ऐतिहासिक बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ इस आदेश को लेकर ढेर सारी उलझने हैं। कई जानाकार कह रहे हैं कि इस आदेश सावधानी से पढ़े जाने की जरूरत है। इस मुद्दे की उलझनों को सुलझाने के लिए प्रोफेसर फैज़ान मुस्तफा से बातचीत।
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