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बिहार में महागठबंधन सरकार रोज़गार पैदा करने की अपनी क्षमता को अपनी यूएसपी बनाएगी?

पिछले ढाई महीने के भीतर ऐसा दूसरी बार होगा जब राज्य सरकार बड़ी संख्या में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित करेगी।
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 23 जून को पटना में बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान विपक्षी दलों के नेता। छवि फोटो साभार: पीटीआई

पटना: आश्चर्यचकित कर देने वाले घटनाक्रम में पिछले कुछ महीनों में बिहार और अन्य राज्यों के हजारों बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरियों मुख्य रूप से स्कूल शिक्षकों के पदों हेतु नियुक्ति पत्र मिले हैं। अगले सप्ताह और आने वाले महीनों में हजारों और लोगों को नियुक्ति पत्र मिलने की संभावना है।

13 जनवरी 2024 को, बिहार की महागठबंधन सरकार एक लाख से अधिक नवनियुक्त स्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने की योजना बना रही है। इनमें से 25,000 शिक्षकों को जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र सौंपेंगे, वहीं शेष शिक्षकों को उसी दिन जिला स्तर पर नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। 

पिछले ढाई महीने के भीतर ऐसा दूसरी बार होगा जब राज्य सरकार इतनी बड़ी संख्या में बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र वितरित करेगी। 2 नवंबर, 2023 को राज्य सरकार ने 1,20,336 नवनियुक्त स्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किये थे।

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने कहा है कि वह 2025 तक 10 लाख सरकारी नौकरियां देने के अपने वादे को पूरा करने के लिए और अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, राज्य सरकार निजी क्षेत्र में नौकरियां पैदा करने के लिए भी काम कर रही है। यह काम मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे के निर्माण में और अन्य क्षेत्रों में किया जा रहा है।

तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को एक्स पर जारी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नवंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच, तीन महीने के भीतर, बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो लगभग 2,25,000 नवनियुक्त स्कूल शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करेगा।

सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनरायन मदान ने तेजस्वी के दावे का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी राज्य सरकार ने एक दिन में या तीन महीने के भीतर इतने नियुक्ति पत्र नहीं बांटे हैं। उन्होंने जनवरी 1979 का उदाहरण दिया जब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने एक ही दिन में लगभग 7,000 जूनियर इंजीनियरों को नौकरियां दीं थीं। ठाकुर को व्यापक रूप से एक समाजवादी प्रतीक और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और वर्तमान जद-यू अध्यक्ष, नीतीश कुमार दोनों के राजनीतिक गुरु के रूप में पहचाना जाता है।

रोजगार पैदा करने पर महागठबंधन सरकार का ध्यान भाजपा के हिंदुत्व नेरेटिव का मुकाबला करने की एक रणनीतिक प्रतिक्रिया है जो रोजगार चाहने वाले युवाओं को अधिक लुभा नहीं पाती है। 

रोजगार पैदा करने के अलावा, महागठबंधन सरकार ने शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग और आंदोलन का जवाब देते हुए दिसंबर 2023 में 3.5 लाख से अधिक संविदा स्कूल शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दे दिया है।

तेजस्वी ने केंद्र की मोदी सरकार पर कई निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नौकरियों के वादे को पूरा करने में विफल रही है। तेजस्वी ने कहा, "कुछ लोग युवाओं के बीच तलवारें बांट रहे हैं जबकि हम बिहार में युवाओं के बीच नौकरियां बांट रहे हैं।" उन्होंने केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया।

तेजस्वी के करीबी राजद नेताओं के मुताबिक, सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों में लंबे समय से खाली पड़े पदों को भरने का फैसला किया है। एक नेता ने दावा किया कि, "सरकार ने सरकारी नौकरियों की गुंजाइश बनाने के लिए पुलिस, सार्वजनिक स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास और अन्य सभी विभागों में नियमित भर्ती अभियान शुरू किया है।"

पिछले बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान रोज़गार सबसे महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दों में से एक था। राज्य में नौकरियों और बेरोजगारी पर ध्यान केंद्रित करने वाला महागठबंधन का अभियान मतदाताओं को पसंद आया था।

हालांकि राजद के जवाब में जारी अपने घोषणापत्र में, तत्कालीन सत्तारूढ़ भाजपा (2020 में), जो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) की सहयोगी थी, ने अगले पांच वर्षों में 19 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। यह अलग बात है कि अगस्त 2022 में राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ी और रोजगार पैदा करने वाली योजनाओं की घोषणा की। पिछले साल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर, नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक संबोधन में कहा था कि राज्य में महागठबंधन सरकार युवाओं को 20 लाख नौकरियां देने के अपने लक्ष्य को हासिल करेगी। इसके बाद नी‍तीश कुमार ने याद दिलाया कि अगस्त 2022 में हमने युवाओं के लिए 10 लाख सरकारी नौकरियों और विभिन्न क्षेत्रों में 10 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसरों की घोषणा की थी।

चूंकि नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया के संयोजक बनने जा रहे हैं तो आने वाले अभियानों में उनके नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा बिहार में रोजगार पैदा करने में सफलता "भाजपा और मोदी सरकार की विफलता" को उजागर करने और उनका मुकाबला करने में एक मुद्दा बनने की संभावना है। 

मूल अंग्रेजी लेख को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
Mahagathbandhan Govt in Bihar to Make Job Creation its USP?

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