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महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जा सकता है, जनगणना-परिसीमन की ज़रूरत नहीं: राहुल

“जनगणना और परिसीमन दोनों करने के लिए कई साल लगेंगे। लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट आज ही महिलाओं को दी जा सकती हैं। यह कोई जटिल मामला नहीं है।”
rahul gandhi

नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर जाति आधारित जनगणना से ध्यान भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जा सकता है और इसके लिए नई जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में इस बात पर भी अफसोस जताया कि संप्रग सरकार के रहते हुए महिला आरक्षण विधेयक में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे का प्रावधान नहीं हो सका। साथ ही उन्होंने कहा कि अब अगर उनकी पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो इस पर जरूर अमल किया जाएगा। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मोदी सरकार से पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय हुई जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने का आग्रह किया और कहा कि अगर 2024 में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो जाति जनगणना कराई जाएगी। 

लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी (एक सौ अट्ठाईसवां संविधान संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई। लोकसभा ने बुधवार को इसे पारित किया था। 

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ यह कहा गया है कि महिला आरक्षण देने से पहले हमें जनगणना करनी पड़ेगी और परिसीमन भी करना होगा। दोनों चीजों को करने के लिए कई साल लगेंगे। सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है। लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट आज ही महिलाओं को दी जा सकती हैं। यह कोई जटिल मामला नहीं है।’’

उन्होंने दावा किया कि सरकार महिला आरक्षण को तत्काल लागू नहीं करना चाहती और वह सिर्फ जनगणना के विषय से ध्यान भटकाना चाहती है।

इस सवाल पर कि क्या उन्हें अफसोस है कि कांग्रेस की सरकार में महिला आरक्षण विधेयक के भीतर ओबीसी कोटा का प्रावधान नहीं हो पाया के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मुझे 100 फीसदी अफसोस है। उस समय कर देना था। आगे हम 100 फीसदी करेंगे।’’

राहुल गांधी का कहना था, ‘‘प्रधानमंत्री कहते हैं कि वह ओबीसी के लिए बहुत काम कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री इतना काम कर रहे हैं, तो 90 सचिवों में से सिर्फ तीन लोग ओबीसी समुदाय से क्यों हैं? ओबीसी वर्ग के अधिकारी हिंदुस्तान के 5 प्रतिशत बजट को नियंत्रित कर रहे हैं? प्रधानमंत्री हर रोज ओबीसी की बात करते हैं?’’

एक सवाल के जवाब में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार के समय ओबीसी वर्ग के सचिवों की संख्या कम थी तो वह गलत था और आज कम है तो यह भी गलत है।

उनका कहना था कि इस स्थिति में सुधार होना चाहिए।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हर ओबीसी युवा को ये समझना है कि क्या आपको इस देश को चलाने में भागीदारी मिलनी चाहिए या नहीं। ’’

उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जनगणना कराई जाए और संप्रग सरकार के समय हुई जाति जनगणना के आंकड़ों को जारी किया जाए। 

एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘केंद्र में हमारी सरकार के आने पर जाति जनगणना कराई जाएगी और देश को पता लगेगा कि हमारे ओबीसी कितने हैं, दलित कितने हैं। देश को चलाने में उनको भागीदारी मिलेगी।’’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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