आईपीएल : क्या खोया, क्या पाया?, अब वर्ल्ड कप पर नज़र

आईपीएल खत्म हो गया, अब सभी क्रिकेट फैन्स और भारतीय टीम की नज़र वर्ल्ड कप पर है। इस आईपीएल सीजन में जितने भी भारतीय खिलाड़ी जो वर्ल्ड कप के लिस्ट में हैं, उनका काफी अच्छा प्रदर्शन रहा। इस आईपीएल से आने वाले वर्ल्ड कप पर काफी प्रभाव पड़ सकता है।
आईपीएल सीजन 12 का फाइनल 12 मई को हैदराबाद के राजीव गाँधी स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इन्डियनस के बीच खेला गया, जिसमे मुंबई इन्डियनस ने चेन्नई को महज 1 रन से मात देकर आईपीएल सीजन 12 का ख़िताब जीता।
वर्ल्ड कप में शामिल हुए 15 खिलाडियों में से एक अहम खिलाडी केदार जाधव आईपीएल के आखिरी प्लेऑफ में चोटिल होकर बहार हो गये। उस चोट से कब वो उबरेंगे ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन अब वर्ल्ड कप में ज्यादा दिन नहीं बचे है। क्रिकेट वर्ल्ड कप 30 मई से शुरू हो रहा है। 5 जून को इंडिया साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना 2019 का पहला वर्ल्ड कप मैच खेलेगा।
अगर अन्य भारतीय खिलाड़ी जो वर्ल्ड कप 2019 में शामिल हैं, कि बात की जाये तो लोकेश राहुल ने 53.90 के औसत से 14 मैच में 593 रन बनाये, वहीं ऑल राउंडर हार्दिक पंड्या ने भी 16 मैच में 402 रन के साथ 14 विकेट भी लिए। और अगर गेंदबाज़ की बात की जाये तो मोहम्मद शमी ने 14 मैच में 8.68 की इकॉनमी रेट के साथ 19 विकेट लिए और लेग स्पिनर युजवेन्द्र चहल ने 14 मैच में 18 विकेट लिए।
क्रिकेट को भारत का सबसे पैसा वाला खेल माना जाता है। और इसी क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल ने भी 2008 में कदम रखा। दुनियाभर में सबसे पैसे वाला खेल आईपीएल में भी कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले। कभी मैच फिक्सिंग तो कभी फील्ड पर लड़ाई,कभी प्लेयर्स के बीच तनातनी तो कभी टीम मालिक के साथ विवाद की बातें। इन सब के बावजूद बीसीसीआई (BCCI) आईपीएल के माध्यम से बड़ी रकम हासिल करने में सक्षम रहा है।
BCCI द्वारा दिए गए आंकड़ो के मुताबिक आईपीएल ने 2015 में भारत के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) में 11.5 बिलियन ($182मिलियन) का योगदान दिया था। यह आंकलन BCCI द्वारा नियुक्त केपीएमजी स्पोर्ट्स एडवाइजरी ग्रुप (KPMG Sports Advisory Group) ने किया। उनके मुताबिक ये पता चला कि भारत में आईपीएल से जुड़ा आर्थिक उत्पादन 26.5 बिलियन था।
BCCI ने कहा था कि, “यह 2015 के मैचों की आर्थिक गतिविधि के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष या प्रेरित प्रभाव के रूप में हुए सभी लेनदेन का कुल मूल्य है। आईपीएल मैच की मेजबानी राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए मूल्य और राजस्व को भी जोड़ती है।”
जैसे कि इस साल 2019 लोकसभा चुनाव और आईपीएल एक साथ टकरा गए, ठीक उसी प्रकार 2014 में भी आईपीएल और लोकसभा चुनाव एक ही कतार में थे, जिसके कारण 2014 में पहले 20 मैच UAE में खेले गए थे।
आईपीएल से बीसीसीआई और खिलाड़ियों के पास बहुत पैसा आया है तो इसका नुकसान ये हुआ है कि,
आईपीएल की वजह से इस देश का घरेलू क्रिकेट नज़रंदाज़ हो गया है। जहां पहले भारतीय क्रिकेट टीम में रणजी के प्रदर्शन के हिसाब से चुने जाते थे वहीं अब रणजी का जगह आईपीएल ने ले ली है।
हालांकि आईपीएल ने भी कई अच्छे खिलाड़ी हमें दिए हैं। इस बार की अगर बात की जाए तो इस लिस्ट में सबसे पहले मुंबई इन्डियनस के तरफ से खेलने वाले 19 साल के राहुल चहर आते है जो इस सीजन के फाइनल को जिताने में काफी मददगार साबित हुए। उनकी बॉलिंग की बात की जाये तो 16 मैच में 6.78 की इकॉनमी रेट के साथ 15 विकेट लिए जो की एक नए खिलाडी के लिए बहुत है। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की टीम की ओर से खेलने वाले महज 17 साल के रियान पराग भी काफी अच्छे फॉर्म में दिखे। 32 के औसत से 5 मैच में पराग ने 160 रन बनाये।
आईपीएल ने नई उम्र के कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं। मगर ख़तरा ये भी है कि कम उम्र के खिलाडियों को अगर पैसों का लत जाये तो आगे चलकर बहुत नुकसान हो सकता है।
आपको मालूम होगा कि मैच फिक्सिंग के आरोप के कारण चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के ऊपर बीसीसीआई ने 2 साल का प्रतिबंध लगाया गया था जिससे चेन्नई और राजस्थान की टीम 2016 और 2017 के आईपीएल सीजन में हिस्सा नहीं ले पाई थी।
इस मैच फिक्सिंग की वजह से कई खिलाड़ियों के क्रिकेट करियर पर धब्बा लग गया। जैसे की भारत के युवा क्रिकेटर अंकित चवन के ऊपर फिक्सिंग के इलज़ाम में क्रिकेट खेलने पर प्रतिबन्ध लगाया था वही दूसरी ओर ऑफ-स्पिन गेंदबाज़ अजित चंदीला जो राजस्थान की ओर से खेलते थे, 2013 में उन्हें भी गिरफ्तार किया था। भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी गेंदबाज़ एस. श्रीसंत को भी अपनी क्रिकेट करियर से हाथ धोना पड़ा था।
ख़ैर, आईपीएल काफी लोकप्रिय हो रहा है। 2008 में तब के BCCI अध्यक्ष ललित मोदी द्वारा आईपीएल का आगाज़ हुआ था। 2018 में ब्रिटेन की डेली टेलीग्राफ द्वारा प्रकाशित एक इंटरव्यू में ललित मोदी ने कहा था की, “आईपीएल इतनी आसानी से नहीं जायेगा,वो यहाँ रुकने आया है।” उन्होंने डोमेस्टिक क्रिकेट तो दूर, यहाँ तक की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को भी चुनौती देते हुए कहा कि, “आज के समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का कोई मायने नहीं है। और यह भारतीय फैन्स के लिए शून्य मान है।” उन्होंने ये भी कहा कि,“आने वाले समय में द्विपक्षीय क्रिकेट गायब हो जायेंगे और वर्ल्ड कप जैसे बड़ी टूर्नामेंट ही हुआ करेंगे।” ICC के ऊपर ताना मरते हुए उन्होंने कहा, “यह अब अप्रासंगिक निकाय बन कर रह जायेगा। इसके पास अब कोई ताकत नहीं बचेगी।”
ललित मोदी की इन सब बयानों से तो ये साफ़ ज़ाहिर हो गया कि भारत में घरेलू क्रिकेट को विलुप्त करने की कोशिश की जा रही है और उसकी जगह पैसा बनाने वाला आईपीएल छा रहा है।
आईपीएल के ज्यादातर फ्रैंचाइज़ी और मालिक या तो बड़े बड़े व्यवसायी हैं या फिर अमीर कलाकार। अब आईपीएल महज एक धारावाहिक की तरह प्रतीत होता है जिसे केवल मनोरंजन के लिए खेला जाता है।
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