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अपराध/बलात्कार के बाद वीडियो वायरल : ये कहां आ गए हम...!

आख़िर समाज किस मानसिकता का गुलाम होता जा रहा है जहां अपराध करने वाला खुद वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में डंके की चोट पर वायरल भी कर देता है।
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अजीब सा ट्रेंड चल पड़ा है जहां अपराध और अपराधियों की खबर पुलिस को बाद में मिलती है,  पहले सोशल मीडिया के जरिये देश में फैल जाती है। वीडियो बनता रहता है अपराध होता रहता है और फिर उसी वीडियो को अपराधी बड़ी शान से सोशल मीडिया में वायरल कर देते हैं। वायरल वीडियों के इस दौर में महिला उत्पीड़न की भयावह सच्चाई भी सामने आ रही है। कभी किसी प्रेमी युगल को खंभे से बांधकर पीटने का वीडियो वायरल हो रहा है तो कभी सरेआम बदमाशों द्वारा किसी महिला से छेड़छाड़ व बलात्कार करने का वीडियो सामने आ रहे हैं।  और ऐसा देश के किसी एक हिस्से में घटित नहीं हो रहा झारखंड, बंगाल ,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश, राजस्थान,  बिहार हर तरफ से वायरल वीडियो सामने आ रहे हैं।  

ऐसे वीडियो बेशक अपराधियों तक पहुँचने में पुलिस के मददगार तो साबित हो रहे हैं लेकिन सवाल इससे कहीं ज़्यादा बड़ा है कि आख़िर समाज किस मानसिकता का गुलाम होता जा रहा है जहां अपराध करने वाला खुद वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया में डंके की चोट पर वायरल भी कर देता है। 

पिछले दिनों बिहार के मुंगेर के खरगौन गाँव में प्रेमी युगल को खंभे से बांधकर ग्रामीणों द्वारा पीटने का वीडियो सामने आया तो वहीं बेगूसराय में भी बदमाशों द्वारा प्रेमी जोड़े को पीटे जाने और युवती के साथ दुष्कर्म की कोशिश का वीडियो वायरल हुआ और हाल फिलहाल घटी राजस्थान की घटना सभी के मस्तिष्क में कैद है जहाँ नवदम्पति के साथ दबंगों  ने न सिर्फ मार पिटाई की बल्कि पति के सामने ही पत्नी का रेप किया यहाँ तक कि पति को भी सबके सामने पत्नी से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला। उफ्फ कितना भयावह रहा होगा वह सब।

अब थोड़ा और पीछे चलते हैं बात बुलन्दशहर व उन्नाव की घटना की जो ऐसी वायरल वीडियों के वीभत्स चेहरों में से हैं। पिछले साल  बुलन्दशहर में एक पति ने गाँव वालों के ही सामने अपनी पत्नी को पेड़ पर बांधकर बेल्ट से तब तक पीटा जब तक कि व बेहोश नहीं हो गई।  पति को शक था कि उसकी पत्नी का किसी अन्य पुरुष के साथ सम्बन्ध है इसी के कुछ समय बाद फिर एक दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आता है जहाँ कुछ ग्रामीण युवक एक महिला को जंगल के अंदर खींचते हुए ले जा रहे हैं और उसका बलात्कार करने की बात कह रहे हैं महिला बार बार उनसे छोड़ देने की गुहार लगा रही है पर एक युवक वीडियो बनाता जा रहा है व रेप की बात कह रहा है। 

ये घटनाएँ अपने आप में न तो पहली है न अंतिम पिछले कुछ सालों में ऐसी घटनाएँ एक के बाद एक सामने आई हैं जहाँ बेखौफ़ होकर लोग अपराध भी कर रहे हैं और स्वयं वीडियो बनाकर खुद ही वायरल भी कर रहे हैं। पर ऐसी घटनाओं का विश्लेषण करे तो एक तथ्य जो समान रूप से सामने आता है कि इस तरह के हेट क्राईम्स के वीडियो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों, निम्न या निम्न मध्यवर्गीय समाज से ज्यादा आ रहे हैं। अपराध जितने गंभीर है, सवाल उतने ही जरूरी कि आख़िर क्या कारण है कि गाँव का नौजवान ऐसे अपराध का हिस्सेदार बनता जा रहा है जहाँ स्वयं उसका भी जीवन दांव पर लगा हो। वीडियो बनाकर वायरल करने की प्रवृत्ति का नशा इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि न तो उन्हें समाज की परवाह है न कानून का खौफ़, न बदनामी का डर।  

पर सवाल तो या भी है न कि आख़िर किस समाज का डर हो उस समाज का जो अपने सामने एक महिला को भरी सभा में पिटते हुए देखकर भी चुप है या उस कानून का जिसके पोषक लोग खुद हेट क्राइम में शामिल हैं। फरीदाबाद के आदर्श नगर थाने का मामला भी ऐसे ही हेट क्राइम के वायरल वीडियो को आगे बढ़ाने की कड़ी में शामिल है जहाँ थाना परिसर में एक अकेली महिला को कुछ पुलिस वाले घेर कर बेल्ट से पीट रहे हैं।

इस ओर हमको गंभीरता से तो सोचना ही होगा कि आख़िर ऐसी प्रवृत्ति के पोषक कौन लोग हैं।  ऐसे वायरल वीडियो न केवल महिला उत्पीड़न की प्रधानता को दिखाते हैं बल्कि इस ओर भी इशारा करते हैं कि अपने पौरुष वर्चस्व की मानसिकता से लबरेज एक तबका खुद को दूसरे जेंडर के मुकाबले कितना श्रेष्ठ समझने लगा है कि रेप जैसी घटनाओं का भी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया की मार्फत लाखों लोगों तक पहुँचा दे रहा है। समय कठिन है और चुनौतियां ज्यादा पर कहते हैं न कि बगैर लड़े कुछ भी हासिल करना नामुमकिन है तो नामुमकिन को मुमकिन बनाने के लिए लड़ना तो लाज़िम है।

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