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मध्य प्रदेश: एक हफ़्ते में अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ घृणा आधारित अत्याचार की 6 घटनाएं

इंदौर में दो मामले सामने आए हैं, जबकि दतिया, खंडवा, नीमच और झाबुआ जिले में एक-एक मामला आया है।
mp

भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले हफ़्ते अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ घृणा आधारित अत्याचार के करीब़ आधा दर्जन मामले सामने आए हैं। दो मामले इंदौर और दतिया, खंडवा, नीमच व झाबुआ में एक-एक मामला सामने आया है।

इंदौर में अपने कॉलेज की गरबा नाइट (नवरात्रि नृत्य) में हिस्सा लेने पर रविवार रात को चार मुस्लिम युवाओं को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जबकि शनिवार रात को इंदौर के हिंदू बहुल कांपल गांव में एक मुस्लिम परिवार पर तब हमला कर दिया गया, जब उन्होंने गांव छोड़ने से इंकार कर दिया। इस हमले में पांच लोग घायल हो गए।

दतिया में रविवार को पुलिस ने ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 10 लोगों के ऊपर कथित तौर पर धार्मिक किताबों को अस्त-व्यस्त करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया। झाबुआ में दक्षिणपंथी संगठन ने एक चर्च को गिराने की धमकी दी है, जिसके बाद अल्पसंख्यक समुदाय को प्रशासन से सुरक्षा की अपील करनी पड़ी।

खंडवा में एक मुस्लिम युवक को कॉलेज कैंपस में कथित तौर पर उसकी धार्मिक पहचान के चलते पीटा गया। यह घटना 4 अक्टूबर की है। नीमच में एक दरगाह पर दो दर्जन अज्ञात लोगों ने 2 और 3 अक्टूबर के बीच की रात को हमला कर दिया।

लेकिन सभी मामलों में मिलाकर अल्पसंख्यक समुदाय के 19 लोगों पर अलग-अलग धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है, जबकि 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इंदौर में चार मुस्लिम छात्रों को गरबा कार्यक्रम में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया।

रविवार रात को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने ऑक्सफोर्ड कॉलेज के भीतर आयोजित गरबा कार्यक्रम में चार मुस्लिम युवकों पर हमला कर दिया। संगठनों ने उनके ऊपर "लव जिहाद" का आरोप लगाया। संगठनों ने इन युवकों के कार्यक्रम में प्रवेश करने का विरोध किया। इन छात्रों को सार्वजनिक तौर पर अपमानित करने के बाद गांधी नगर पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां पुलिस ने उन्हें "सार्वजनिक उपद्रव" और कोविड नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया।

अगले दिन एसडीएम पराग जैन द्वारा वारंट जारी किए जाने के बाद उन्हें इंदौर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जबकि कार्यक्रम के आयोजक अक्षय तिवारी के ऊपर सिर्फ़ कोविड नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया।

गिरफ़्तार किए गए चार में से दो छात्र, द्वितीय वर्ष के कॉलेज छात्र हैं, जबकि उमर खालिद और सैय्यद साकिब इनके दोस्त थे, जो कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे।

कार्यक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दक्षिणपंथी संगठन के सदस्य चारों लोगों को कॉलर से पकड़कर कॉलेज के बाहर ले जा रहे हैं, जबकि इस दौरान आयोजक अक्षय तिवारी भी मौजूद थे।

लेकिन न्यूज़क्लिक से बात करते हुए तिवारी ने दावा किया, "हर साल की तरह यह कार्यक्रम अनुमति के बाद ही आयोजित किया गया था और 800 छात्रों को कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कहा गया था। लेकिन दुर्भाग्य से उन्होंने (दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों) चार मुस्लिम युवाओं को कॉलेज परिसर के बाहर पकड़ लिया और उनके कॉलेज में प्रवेश का विरोध करने लगे।"

जब हमने इंदौर वेस्ट एसपी महेशचंद जैन से बता कि तो उन्होंने कहा कि चारों के खिलाफ़ की गई कार्रवाई "अनुचित" थी और उन्होंने उनकी हिरासत के खिलाफ़ सुझाव दिया है। लेकिन एसडीएम पराग जैन का कहना है कि चारों को पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर "सार्वजनिक उपद्रव" के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। पराग जैन ने यह भी कहा कि इन लोगों को जेल इसलिए भेजा गया है क्योंकि उनके परिवार बेल बॉन्ड पेश करने में नाकाम रहे थे। वहीं छात्रों के रिश्तेदार का कहना है कि ना तो उन्हें एफआईआर की कॉपी दी गई और ना ही उन्हें बताया गया कि उनके बच्चे कहां हैं।

बी कॉम तीसरे वर्ष के छात्र हबीब नूर कॉलेज कार्यक्रम में प्रवेश द्वार पर तैनात थे, उन्होंने बताया कि बजरंग दल के सदस्यों ने मंसूरी को पॉर्किंग से उठाया था। "कादिर उन्हें यह बताने की कोशिश कर रहा था कि वो कॉलेज का छात्र है, लेकिन बजरंग दल वालों ने उसे घसीटना जारी रखा। जब मंसूरी ने अदनान शाह को इस बात की पुष्टि करने के लिए बुलाया कि वो उसके साथ पढ़ता है, तो बजरंग दल वालों ने अदनान को भी उठा लिया। चारों को कहीं और ले जाया गया।"

एक वीडियो में अदनान के चाचा साजिद शाह बता रहे हैं कि उन्हें छात्रों की हिरासत के बारे में रविवार को साढ़े ग्यारह बजे पता चला। "मेरा भतीजा अपने कॉलेज के गरबा कार्यक्रम में हिस्सा लेने गया था, उसे गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है?"

इस बीच रतलाम से रिपोर्ट आ रही है कि विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों ने वहां गरबा करवा रहे 56 पंडालों में मुस्लिमों के प्रवेश को प्रतिबंधित करते हुए पोस्टर भी लगा दिए हैं, ताकि "विवादास्पद कार्यक्रम" से बचा जा सके।

गांव खाली ना करने पर मुस्लिम परिवारों पर हमला

इंदौर के गांधी नगर से 45 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव में शनिवार रात को एक मुस्लिम परिवार पर हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया, इस दौरान यह लोग धार्मिक नारे भी लगा रहे थे। यह गांव का एकमात्र मुस्लिम परिवार है। परिवार ने पहले धमकियां दिए जाने के बावजूद गांव नहीं छोड़ा था, इसलिए अब उनके ऊपर हमला किया गया। हमलावरों ने परिवार के पांच लोगों को गंभीर तौर पर घायल कर दिया। घायलों को इंदौर के एम वाय हॉस्पिटल में इलाज़ के लिए ले जाया गया है।

इंदौर पुलिस के मुताबिक़, घटना शनिवार रात को 8 बजे इंदौर जिले के पेवडे गांव में हुई है, जो खुदेल पुलिस स्टेशन के तहत आता है। शाहरुख लोहार (25) की शिकायत पर पुलिस ने 9 लोगों के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 294, 506, 427, 147 और 148 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मामला भी तब दर्ज किया, जब वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर दबाव बनाया। मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर विश्वजीत तोमर ने बताया, "मुस्लिम परिवार की शिकायत पर IPC की अलग-अलग धाराओं में 9 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है।"

यहां दिलचस्प चीज यह है कि एक आरोपी विकास सिंह की शिकायत पर इंदौर पुलिस ने काउंटर एफआईआर भी दर्ज कर ली है। यह मामला पैसे से संबंधित विवाद को लेकर दर्ज किया गया है। पुलिस रिपोर्ट में विकास का दावा है कि दो महीने पहले मुस्लिम परिवार को ट्रैक्टर की ट्रॉली बनाने के लिए 75,000 रुपये दिए गए थे, जिसे चुकाने में यह लोग नाकाम रहे हैं। पैसे के ऊपर हुए विवाद से हिंसा हो गई।"

जांच अधिकारी तोमर ने बताया, "मुस्लिम परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ़ हमले और दंगे के आरोप में IPC की धारा 323, 294, 506, 147 और 148 के तहत काउंटर केस दर्ज किया गया है। लेकिन अब तक किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है।"

परिवार ने आरोप लगाया है कि हमलावरों का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से है और वे लोग महीनों से उन्हें धमकी दे रहे थे। हमने तोमर से जब इस बारे में पूछा, तो तोमर ने इस तरह की जानकारी होने से इंकार किया। 

दतिया: धार्मिक किताबों का वितरण करने पर 10 लोगों के ऊपर मुक़दमा दर्ज

सोमवार को पुलिस ने बताया कि दतिया में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा कुछ लोगों पर विवादित धार्मिक किताबों के वितरण का आरोप लगाए जाने के बाद, 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। संगठनों का दावा था कि यह किताबें धर्मांतरण से संबंधित थीं।

एक अधिकारी ने बताया, पांच महिलाओं समेत 10 लोग रविवार को होली क्रॉस स्कूल के पास धार्मिक किताबें बांट रहे थे, तब एक हिंदूवादी संगठन ने इस पर आपत्ति जताई और पुलिस को खबर की।

कोतवाली पुलिस स्टेशन के इंचार्ज रविंद्र शर्मा ने कहा, "हमने IPC की धारा 502 (2) (ऐसे वक्तव्य जिनसे विभिन्न वर्गों में नफ़रत, घृणा या दुश्मनी फैल रही हो) के तहत 10 लोगों के खिलाफ़ मामला दर्ज किया है। दो लोगों की पहचान नहीं हुई है।"

शर्मा ने आगे कहा, "सूचना की जानकारी मिलने के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता संबंधित समूह को ले आए और उनके ऊपर आरोप लगाया कि यह लोग ऐसी किताबें बांट रहे थे, जो धर्म परिवर्तन के बारे में हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं।"

मुस्लिम पहचान के चलते खंडवा में युवक की पिटाई

खंडवा के रहने वाले 22 साल के नवाज खान कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए गए थे। कॉलेज परिसर के भीतर एक अज्ञात समूह ने उनकी मुस्लिम पहचान के चलते बुरे तरीके से पिटाई कर दी।

नवाज खान ने बताया, "मेरिट लिस्ट में अपना नाम देखने के बाद मैं कॉलेज से बाहर आ रहा था, तभी एक अज्ञात युवकों के समूह ने मेरा नाम पूछा और मुझ पर हमला शुरू कर दिया।"

लेकिन नवाज की मुसीबतें यहीं ख़त्म नहीं हुईं। जब वो पुलिस में शिकायत दर्ज कराने पहुंचा, तो पुलिस वालों ने मामला दर्ज करने इंकार कर दिया। पुलिस ने कहा, "इसका कोई केस नहीं बनता, छोटा-मोटा मारपीट का मामला है।" पुलिस ने तभी मामला दर्ज किया, जब नवाज ने खंडवा एसपी के पास गुहार लगाई। नवाज ने हमें फोन पर बताया, "लेकिन पुलिस ने अबतक ना तो आरोपियों की पहचान की है और ना ही किसी को गिरफ्तार किया है।"

पिछले महीने इंदौर के हिंदू बहुल गोविंद नगर में चूड़ी बेचने के चलते तस्लीम अली की पिटाई कर दी गई थी, इसके बाद राज्य भर में मुस्लिमों के खिलाफ़ अत्याचार के ऐसे ही मामले सामने आए थे।

इस लेख को मूल अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

6 Incidents of Atrocities Against Minorities Reported in a Week in Madhya Pradesh

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