बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना रहा है।
साक्ष्यों से पता चलता है कि मुसलमान मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करते थे जो यह संकेत देता है कि उन्होंने यहां कब्जा नहीं खोया है : न्यायालय।
बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मंदिर के पक्ष में पक्ष में फ़ैसला देते हुए केंद्र सरकार से ट्रस्ट बनाने को कहा है। तीन महीने में ट्रस्ट बनाकर कोर्ट को सूचित करने का निर्देश। मस्जिद के लिए अयोध्या में ही अलग से 5 एकड़ ज़मीन देने के निर्देश। शिया वक्फ़ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा का दावा ख़ारिज
साक्ष्यों से पता चलता है कि मुसलमान मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करते थे जो यह संकेत देता है कि उन्होंने यहां कब्जा नहीं खोया है : न्यायालय।
बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ था : न्यायालय।
विवादित 2.77 एकड़ जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास बना रहेगा : न्यायालय।
अयोध्या फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा आदेश जारी : दिल्ली पुलिस ।
सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के लिये किसी मुनासिब जगह पर पांच एकड़ जमीन दी जाए : नयायालय।
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के शनिवार सुबह को आने वाले फैसले के मद्देनजर मध्यप्रदेश में ऐहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रदेश भर में पुलिस की 32 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं।
प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को कहा, "उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुद्देनजर प्रदेश में पुलिस की 32 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात करके सुरक्षा बढ़ा दी गई है।"
अधिकारी ने कहा कि शांति और कानून एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में निषेधाज्ञा लागू की गई।
राज्य पुलिस मुख्यालय द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी किया गया था जिसमें पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को 1 नवंबर से छुट्टी पर जाने से रोक दिया गया था।
केंद्र न्यास स्थापित करने में निर्मोही अखाड़े को भी किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे : न्यायालय।
केंद्र और उप्र सरकार साथ मिलकर प्राधिकार की आगे की कार्रवाई की निगरानी कर सकती हैं: न्यायालय।
जयपुर: अजमेर दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन अली खान ने अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है।
दीवान ने पीटीआई भाषा से कहा,' न्यायपालिका सर्वोच्च है और हम सभी को उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए। यह दुनिया के सामने एकता दिखाने का समय है क्योंकि पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है।'
उन्होंने कहा,' हम फैसले का सम्मान करते हैं और स्वीकार करते हैं। मैं देश के लोगों से सौहार्द्र और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। यह न्यायपालिका की जीत है और संदेश जोर से और स्पष्ट होना चाहिए कि न्यायपालिका हमारे लिए कितनी महत्वपूर्ण है और देश के लोग शांति प्रिय हैं।'
उन्होंने कहा कि कानून का सम्मान करना मूल इस्लामी शिक्षा है।
अयोध्या फैसले में विरोधाभास का जिक्र करते हुए उप्र सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जीलानी ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की मंशा जाहिर की।
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