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बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय में युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों पर तुर्की पुलिस ने की कार्यवाही

हाल ही में पुलिस का दमन बोलने की आज़ादी पर राज्य प्रायोजित दमन की एक लंबी सूची में एक और जुड़ाव है, जब एर्दोगान सत्ता में आऐ है |
बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय में युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों पर तुर्की पुलिस ने की कार्यवाही

तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तईप एर्दोगान ने बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय के युद्ध विरोधी प्रदर्शनकारियों को “आतंकवादी” बुलाया इसके कुछ दिन बाद ही, पुलिस ने विश्वविद्यालय के परिसर में कार्यवाही शुरू कर दी। सोमवार को, पुलिस ने छात्रों के घरों और छात्रावास पर छापा मारा और मार्क्सवादी ओपिनियन सोसाइटी से संबंधित तीन छात्रों को हिरासत में लिया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार हिरासत में लिए गए छात्रों की कुल संख्या सात थी।

यह विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस दमन की दूसरी लहर थी। इससे पहले, 22 मार्च को ज़्यादातर छात्र मार्क्सवादी फाकिर टोपुलुलुकलारी (मार्क्सवादी विचारों के लिए समुदाय ,एमएफटी) और सोस्यलिस्ट एमेक्सिलेर पार्टीस (समाजवादी मज़दूर दल)| इन्हें अफरीन में चल रहे तुर्की आक्रमण के विरोध करने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। 19 मार्च  को जब कुछ छात्र विरोध के तौर पर टर्किश डिलाइट बाँट रहे थे  उन्होंने इसका नाम अफरीन डिलाइट कर दिया- अफरीन अभियान में मारे गए सैनिकों का सम्मान  मेंI युद्ध विरोधी कार्यकर्ताओं अपने बैनरों पर लिख कर लाये कि  “आक्रमण, नरसंहार को टर्किश डिलाइट से चिह्नित नहीं किया जा सकता”| इस साल जनवरी में तुर्की ने सीरिया के अफरीन क्षेत्र से ख़ुर्द सेना को बाहर करने के लिए 'ओलिव शाखा' ऑपरेशन शुरू किया।बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय
शनिवार को, एर्दोगान ने, व्यक्तिगत रूप से विद्यार्थियों को लक्षित करते हुए कहा, "हम फुटेज के ज़रिए इन आतंकवादी छात्र पहचान कर पाएंगे और जो आवश्यक है वह करेंगे।"

 

"हम उन लोगो को कान से पकड़ेंगे और उन्हें ज़मीन पर पटक देंगे," उन्होंने इस्तानबुल में अपने सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी की बेयोग्लू शाखा में एक भाषण के दौरान यह धमकी दी।

 

 

dokuz8 NEWS@dokuz8_EN

Replying to @dokuz8_EN

Students of Bosphorus University have gathered in North Campus to protest against the detention of students with dawn raids from dormitories and houses this morning. Riot Police entered the campus for the first time in university's 155 year history. pic.twitter.com/bx1vGbjafd

dokuz8 NEWS@dokuz8_EN

Riot Police forcefully detained numerous students on campus. Other Bosphorus University students and academics have reacted against police presence on campus and forceful detention of students. pic.twitter.com/b9ft6KqrkG

 

विडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान परिसर के अंदर पुलिस की क्रूरता को इंगित करते हैं, जिसमें छात्रों के आंखों पर पट्टी बांधना, पीटना और आतंकवाद विरोधी पुलिस द्वारा उन्हें घसीटा गया है। रिपोर्टों के अनुसार, बोगाज़ीसी परिसर के मैदानों पुलिस गश्त के कारण माहौल तनावपूर्ण रहता है क्योंकि ये अफवाहें हैं की आगे पुलिस लोगों को हिरासत में ले रही है |

 

बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय एक लंबे समय से एर्दोगान की प्रहार सूची (हिट लिस्ट) में था |  बोगाज़ीसी विश्वविद्यालय के खिलाफ दमन के बारे में बोलते हुए,विश्वविद्यालय में दो शिक्षाविदों ने अदालत में सुनवाई के दौरान, शिक्षा और विज्ञान श्रमिक संघ (इगितिम-सेन) शाखा नं .4 चेयर से इज़्ज़ट इलडेस ने ये कहा था |

 

"इस समय बोगाज़ीसी में एक विशेष परियोजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। छात्रों और शिक्षाविदों की बड़ी संख्या में हिरासत में लिया जा रहा है।बोगाज़ीसी तुर्की के सबसे प्रभावशाली विश्वविद्यालयों में से एक है।सबसे सफल 1 प्रतिशत छात्र ही इस विश्वविद्यालय में आ पाते हैं। उन्हें बहुत अच्छी तरह सेपता है कि किस का बचाव करना चाहिए। शांति का बचाव कभी भी अपराध नहीं होना चाहिए। "

बोकाज़ीसी विश्वविद्यालय के दो शिक्षाविद, 166 अन्य तुर्की के शिक्षाविदों के बीच घोषणा में हस्ताक्षर करने पर उन लोगो पर “ आतंकवादी संगठन के प्रचार करने का का आरोप लगाया गया था "2016 में शांति के लिए शिक्षाविदों द्वारा तैयार किए गए इस घोषणा में कहा गया कि हम इस अपराध का हिस्सा नहीं बनेंगे "। घोषणा में तुर्की पर राज्य हिंसा को खत्म करने और बातचीत के लिए शर्तों को तैयार करने के लिए बोला गया है। हस्ताक्षरकर्ताओं के नाम चॉम्स्की, जुडिथ बटलर, एटिने बालिबार और डेविड हार्वे शामिल हैं, जिनमें से 1,600 अन्य तुर्की और विदेश से हैं। पूरा घोषणा पत्र यहाँ देखा जा सकता है।

तुर्की के आतंकवाद विरोधी कानून के अनुच्छेद 7/2 के तहत अधिकांश शिक्षाविदों पर "आतंकवादी संगठन प्रचारपर आरोप लगाया गया था |  इसके साथ ही तीन शिक्षाविदों को 1 वर्ष और 3 महीने की जेल में सजा सुनाई गई थी और इन्हें निलंबित कर दिया गया।

हाल ही में पुलिस का दमन स्वतंत्र भाषण पर राज्य प्रायोजित दमन की एक लंबी सूची में एक और जुड़ाव है, जब से एर्डोगन सत्ता में आया है |

मानव  अधिकार निगरानी (Human Rights Watch ) के मुताबिक, एर्दोगान ने अफरिन में तुर्की के सैन्य अभियानों की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट करने के करण 20 जनवरी से 26 फरवरी के बीच 648 लोगों को हिरासत में लिया है। मानव अधिकारों की निगरानी ने एक बयान में कहा है कि,उन्होंने अन्य तरीकों से आलोचना व्यक्त करने के लिए 197 अन्य लोगों को हिरासत में लिया  "सड़क पर विरोध प्रदर्शन या सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए"|

जुलाई 2016 में असफल तख्तापलट के बाद से, एरडोगन ने लगभग 50,000 शैक्षिक कर्मचारियों के सदस्यों को निलंबित करने या हटाने का निर्णय लिया है, और 37,000 लोगों को लंबित मुकदमो में जेल भेजा गया है।

मीडिया आजादी के संदर्भ में, समिति के रक्षा पत्रकारों के अनुसार, तुर्की सबसे खराब देशों में से एक है। एरडोगन के तहत, तुर्की में वर्तमान किसी भी अन्य देश की तुलना में जेल में सबसे ज्यादा पत्रकारों की संख्या है।

 

 

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