भारत में क्लिनिकल परीक्षण: कॉर्पोरेट अपराध की बेशर्म कॉकटेल, भ्रष्ट सरकार और गरीबों का शोषण
पिछले महीने स्वास्थ्य पर संसदीय समिति द्वारा संसद के पटल पर रखी रपट दिल को दहलाने वाली , लापरवाह रवैया और स्वास्थ्य मंत्रालय की मिलीभगत को उजागर करने वाली है।भारत के औषध महानियंत्रक कार्यालय और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने 2005 के बाद से क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियों की मदद की जिसकी वजह से 2,644 लोगों की मृत्यु हो गयी।नेहा दीक्षित ने अमूल्य निधि से बातचीत की, वे स्वास्थ्य अधिकार मंच के सह-संयोजक हैं ,इन्होने क्लीनिकल परीक्षणों पर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की और जिसकी वजह से इस मुद्दे पर भानुमती का पिटारा ही खोला डाला और भारत को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।
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