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चमकी बुखार को आपदा घोषित करे सरकार: माले

एसकेएमसीएच में माले जांच दल ने पीड़ित बच्चों व उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पाया कि एक बेड पर दो-तीन बच्चे पड़े हुए हैं। अस्पताल में बिस्तर का घोर अभाव है।
CPIM
एसकेएमसीएच का दौरा करते विधायक महबूब आलम।

भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय जांच टीम ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया और एसकेएमसीएच अस्पताल में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का हाल जाना।

इस टीम में महबूब आलम के अलावा मुजफ्फरपुर के जिला सचिव कृष्ण मोहनखेग्रामस के नेता शत्रुघ्न साहनी और आर वाई ए के प्रदेश सचिव सुधीर कुमार शामिल थे।

अस्पतालों का दौरा करने के बाद माले विधायक ने कहा कि चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए कोई भी एक्शन प्लान बिहार सरकार के पास नहीं है। विगत कई सालों से इंसेफेलाइटिस जैसी अज्ञात बीमारी से सैकड़ों बच्चे मारे जा रहे हैं लेकिन सरकार ने लगता है इससे कोई सबक नहीं लिया और बीमारी शुरू होने के पहले रोकथाम का कोई भी उपाय नहीं किया। यह बिल्कुल आपराधिक लापरवाही है और सरकार की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है।

विधायक आलम ने कहा, हमारी पार्टी मांग करती है कि इस बुखार को तत्काल आपदा घोषित किया जाए और युद्ध स्तर पर राहत अभियान चलाया जाए।

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एसकेएमसीएच में माले जांच दल ने पीड़ित बच्चों व उनके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने पाया कि एक बेड पर दो-तीन बच्चे पड़े हुए हैं। अस्पताल में बिस्तर का घोर अभाव है। वहां के अधीक्षक सुनील कुमार से भी जांच दल के नेताओं ने बात की और चमकी बुखार के कारणबच्चों के इलाज तथा विकराल हो रही इस समस्या पर बातचीत की। अधीक्षक ने बताया बड़ी संख्या में बच्चे इसके शिकार बन रहे हैं । गरीबों के बच्चों को यह बीमारी सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही है लेकिन बीमारी का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है। इसे आम बुखार तथा प्रोटोकोल सिंड्रोम की तरह इलाज करना बड़ी ही लापरवाही है।

माले विधायक महबूब आलम ने केंद्र व बिहार सरकार से मांग की है कि तत्काल विशेषज्ञों की टीम गांव-गांव भेजी जाए और राहत युद्ध स्तर पर संचालित किए जाएं तभी मरने वाले बच्चों की संख्या पर रोक लगाई जा सकती है। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा अनुमंडल स्तर के अस्पतालों में आईसीयू और प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा तत्काल बहाल की जाए। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र व राज्य सरकार की आपराधिक लापरवाही इतनी बड़ी संख्या में मौतों मौतों की जिम्मेदार है।

उधर, दरभंगा में चल रही भाकपा-माले की दो दिवसीय राज्य कमेटी के बैठक में भी चमकी बुखार का मुद्दा उठा।

बैठक में चमकी बुखार की बीमारी से अब तक 100 से ज़्यादा बच्चों की मौत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया गया और इसे सरकार की नाकामी करार दिया गया। माले का मानना है, यदि सरकार ने सही समय पर उचित कदम उठाया होता तो बच्चों की मौत रोका जा सकता था लेकिन सत्ता के मद में चूर भाजपा-जदयू की सरकार जनता के प्रति तनिक भी जवाबदेह नहीं रह गई है यह एक आपराधिक लापरवाही है जिसके लिए इन सरकारों को माफ नहीं किया जा सकता है।

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