Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

बिहार में  ज़हरीली शराब मामले पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘जो पिएगा वो मरेगा’’; मृतक संख्या 26 हुई

पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 26 हो गई।
nitish kumar
फ़ोटो साभार: ट्विटर

पटना: बिहार में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 26 पर पहुंचने और राज्य सरकार की शराबबंदी नीति को लेकर हो रहे चौतरफा हमलों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि लोग जहरीली शराब पीते हैं, तो उनकी मौत हो सकती है।

पूर्ण शराबबंदी लागू कर चुके बिहार के सारण जिले में कथित रूप से जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को बढ़कर 26 हो गई।

इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने उस रुख पर कायम रहे कि शराबबंदी ‘‘ मेरी व्यक्तिगत इच्छा से लागू नहीं की गई, बल्कि राज्य की महिलाओं के अनुरोध पर इसे लागू किया गया।’’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘जो पिएगा वो मरेगा।’’

सारण जिला मजिस्ट्रेट राजेश मीणा ने बताया कि बुधवार रात मृतक संख्या 21 थी, जो आज बढ़कर 26 हो गई। सारण के सिविल सर्जन एवं चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि प्रभावित गांवों में उन घरों में मौत के मामले सामने आए हैं जहां ये लोग कुछ नशीला पदार्थ पीने के बाद बीमार पड़ गए थे, लेकिन कानून के दायरे में आने के डर से उन्होंने इसकी शिकायत नहीं की।

इस घटना को लेकर लगातार दूसरे दिन भी राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत ‘महागठबंधन’ सरकार और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला।

विपक्षी दल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और शराबबंदी कानून के प्रावधानों की ‘‘समीक्षा’’ किए जाने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
 
चुनावी रणनीतिकार एवं कार्यकर्ता प्रशांत किशोर ने इस कानून को वापस लेने का अनुरोध किया है।

शिवहर जिले में उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा , ‘‘प्रतिबंध के कारण बिहार खिल्ली उड़ाये जाने का विषय बन गया है। कानून को किसी समीक्षा की जरूरत नहीं है, उसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। समय आ गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उनके साथ चार साल सत्ता में रही भाजपा और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की राजद (राष्ट्रीय जनता दल) सहित सभी राजनीतिक दल पाखंड छोड़ें और वोट की चिंता किए बिना फैसला करें।’’

गौरतलब है कि नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल 2016 से बिहार में शराब के उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
राज्य की राजधानी में सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित एक समारोह के मौके पर नीतिश कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘इस प्रतिबंध से समाज को काफी फायदा हुआ है। मुझे हैरानी है कि लोग इसके खिलाफ कैसे बोल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं प्रतिबंध और जहरीली शराब पीने से हुई मौत को जोड़े जाने से आश्चर्यचकित हूं। जहां शराब पर प्रतिबंध नहीं होता वहां भी लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत होती है।’’

नीतीश कुमार के आज विधानसभा पहुंचने पर भाजपा के विधायकों ने नारेबाजी की। विधायकों ने बाद में सदन की कार्यवाही भी बाधित करने की कोशिश की। वे हाथ में पोस्टर लिए लगातार नारेबाजी करते दिखे।

विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मार्शल से उनके हाथों से पोस्टर व तख्तियां लेने को कहा और भाजपा विधायकों की लगातार नारेबाजी के बीच कार्यवाही आगे बढ़ाई।

इसके बाद अध्यक्ष पर ‘‘ सत्तारूढ़ दल का पक्ष लेने’’ का आरोप लगाते हुए भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest