कार्टून क्लिक: ज़रा याद करो क़ुर्बानी!
आठ नवंबर का दिन देश की अर्थव्यवस्था के इतिहास में एक खास दिन के तौर पर दर्ज है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2016 में इसी दिन रात आठ बजे दूरदर्शन के जरिए देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था।
नोटबंदी की यह घोषणा उसी दिन आधी रात से लागू हो गई। इससे कुछ दिन देश में अफरातफरी का माहौल रहा और बैंकों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं। बाद में 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट जारी किए गए। सरकार ने ऐलान किया कि उसने देश में मौजूद काले धन और नकली मुद्रा की समस्या को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया है। आतंकवाद रोकना भी इसका एक लक्ष्य बताया गया।
लेकिन इसमें से कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सका। न काला धन वापस आया, न भ्रष्टाचार रुका, न नकली नोट बंद हुए और न आतंकवाद। नोटबंदी से कोई भी घोषित लक्ष्य हासिल नहीं हुआ, अलबत्ता अर्थव्यवस्था और मुंह के बल गिर गई। हर कोई परेशान रहा और सैकड़ों लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसी नोटबंदी का असर यह है कि देश की अर्थव्यवस्था आज तक संभल नहीं पाई है।
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