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चीन ने चुनावी लाभ के लिए COVID-19 का राजनीतिकरण करने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी

चुनावी लाभ के लिए इस महामारी का इस्तेमाल करने के ख़़िलाफ़ चेतावनी देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया को हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों के बीच सर्कुलेट किए गए चीन-विरोधी मेमो के परिपेक्ष में देखा जा रहा है।
चीन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार 27 अप्रैल को एक संवाददाता सम्मेलन में COVID -19 महामारी के लिए चीन को दोष देने के प्रयासों को लेकर प्रतिक्रिया दिया। अमेरिका का नाम लिए बिना मंत्रालय ने चुनावी लाभ के लिए चीन को राजनीतिक बहस में घसीटने को लेकर चेतावनी दी। इस बयान को हाल ही में अमेरिकी कांग्रेस के रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों और आगामी चुनावों में पार्टी के उम्मीदवारों के बीच सर्कुलेट किए गए चीन विरोधी ज्ञापन की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

पोलिटिको की 24 अप्रैल की रिपोर्ट में 57 पन्नों के मेमो को प्रकाशित किया गया। यह कथित तौर पर नेशनल रिपब्लिकन सेनेटोरियल कमेटी द्वारा सर्कुलेट किया गया था जो पार्टी की चुनावी रणनीति का कार्य-प्रभारी होगा। इसमें सदस्यों से कहा गया "ट्रम्प का बचाव न करें, चीन की यात्रा प्रतिबंध के अलावा - चीन पर हमला करें।" इस मेमो ने चीन सरकार पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

ये मेमो इस साल नवंबर में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए चीन विरोधी अभियान की रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। वायरस के प्रकोप को लेकर चीन पर प्रतिबंध की मांग, चीन को लेकर नरम रुख अपनाने के लिए विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी पर हमला और महामारी छुपाने और उत्पन्न होने को लेकर चीन पर आरोप लगाने के लिए पार्टी सदस्यों को कहते हुए इसने तीन चरणों वाले नैरेटिव तैयार किया।

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने COVID-19 महामारी के लिए चीन पर दोष लगाना जारी रखा है। 27 अप्रैल को व्हाइट हाउस प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रम्प ने कहा कि उनका प्रशासन "चीन से खुश नहीं है" और साथ ही उन्होंने कहा कि जांच जारी है।

उन्होंने मीडिया से कहा, "उन्हें जवाबदेह ठहराने के कई तरीके हैं"। आगे उन्होंने कहा कि "हमें विश्वास है कि इसे पैदा होने वाले स्थान पर रोका जा सकता था। इसे जल्दी रोका जा सकता था और यह पूरी दुनिया में नहीं फैलता।” ट्रम्प ने यह भी कहा कि उनका प्रशासन चीन से क्षतिपूर्ति की मांग कर सकता है और फिलहाल नुकसान का अनुमान लगा रहा है।

इस सप्ताह ये पहला मौका है जब ट्रम्प प्रशासन और रिपब्लिकन पार्टी द्वारा चीन को निशाना बनाया गया। इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को फंडिंग करने पर रोक लगा दी। अमेरिका ने चीन केंद्रित होने और चीन की ग़लतियों को छुपाने का एजेंसी पर आरोप लगाया था। पिछले हफ्ते, रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े मिसिसिपी और मिसौरी के स्टेट अटॉर्नी जनरलों ने चीन के ख़िलाफ़ एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया और अपने राज्यों में COVID -19 के प्रकोप के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और नुकसान की मांग की।

अमेरिका वर्तमान में सबसे प्रभावित देश है। अब तक यहां एक मिलियन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जो विश्व में प्रभावित कुल संख्या का लगभग एक तिहाई है।

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