दिल्ली: जल बोर्ड की सरकारी विभागों पर इतनी कृपा क्यों?
दिल्ली जल बोर्ड के कुल बजट का लगभग 77% केवल चार सरकारी महकमों पर बकाया है,मिडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड ने एक आरटीआई के जबाब में बतया है कि उत्तरी नगर निगम पर अब तक कुल 1283 करोड़ रूपए का पानी ले चुकी है, जिसमें से 231 करोड़ रुपये साल 2017 से 2018 के हैं | इनमें से उत्तरी नगर निगम ने फिलहाल 20 करोड़ रुपये ही चुकता किये हैं| यानी 1263 करोड़ अभी भी जल बोर्ड पर बकाया हैं|
इसी प्रकार दिल्ली पुलिस पर भी जल बोर्ड की भारी रकम बकाया है | दिल्ली पुलिस ने 334 करोड़ रूपये का पानी प्रयोग किया है | इसमें से 72 करोड़ तो साल 2017 से 2018का ही है | इसमें से केवल 12 करोड़ ही अदा किया गया है | जबकी अभी भी 322 करोड़ जैसी भारी रकम बाकि है |
इस रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में भी 434 करोड़ का बकाया बिल है जिसमें से उन्होंने केवल 2करोड़ ही अदा कियें हैं | अभी भी 432 करोड़ का बकाया है |
भारतीय रेलवे बकाया न चुकाने में इन सबसे आगे है | वह जल बोर्ड का 1933 करोड़ का पानी प्रयोग कर चुके हैं | जबकी 333 करोड़ रूपये इसी साल का है ,सबसे गंभीर बात है कि इस पूरी देनदारी में से रेलवे ने केवल 7करोड़ ही अदा किये हैं | अभी भी 1926 करोड़ के रूप में भारी रकम बकाया है जो कि अकेले ही दिल्ली जल बोर्ड के वार्षिक बजट का 37% है |
क्र |
विभाग |
मुलधनराशी |
अदा रकम |
कुल बकाया राशी |
1 |
उत्तरी नगर निगम |
1283 |
20 |
1263 |
2 |
दिल्ली पुलिस |
334 |
12 |
322 |
3 |
स्वास्थ्य विभाग |
434 |
2 |
432 |
4 |
भारतीय रेलवे |
1933 |
7 |
1926 |
5 |
कुल |
3984 |
39 |
3943 |
(नोट: धनराशि करोड़ रुपये)
इन चारों विभागों में से दिल्ली पुलिस और भारतीय रेलव केंद्र सरकार के अंतर्गत आते है | ये समझना बड़ा ही मुश्किल है कि केंद्र सरकार किसी राज्य सरकार के जल बोर्ड के बकया राशी का भुगतान क्यों नहीं कर रही है?जबकी उत्तरी नगर निगम जिस पर भी एक बड़ी धन राशी बकया है | दिलचस्प है कि ये तीनों ही विभाग भाजपा शासित हैं |
इस पूरे बकाया को देखें तो एक गंभीर चिंता का विषय है जहाँ दिल्ली जल बोर्ड का बजट का कुल वार्षिक बजट 5137 करोड़ है वहीं इसका सिर्फ चार सरकारी विभागों पर 3943 करोड़ बकाया है | जो कि इनके बजट का लगभग 77%है | इसमें अभी कई अन्य विभागों के अन्य बकाया राशी नहीं जुड़ी है और निश्चित ही अगर उनका बकाया इसमें जुड़े तो इस बकाया राशी में और भरी वृद्धि होगी|
दिल्ली जल बोर्ड के लिए ये कोई नई बात नहीं है पिछले साल भी इस पर कई रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि सरकारी सात विभागों में 3200 करोड़ बकाया| जिसे वो नहीं चुका रहे हैं | तब भी जल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा था की अगर वो बकाया भुगतान नही करेगें तो उनके कनेक्शन काट दिए जायेगें परन्तु इस प्रकार की कोई भी करवाई नहीं की गई | जिस कारण ये बकया धनराशी बढती जा रही है |
इस रिपोर्ट के आने के बाद भी दिल्ली जल बोर्ड के वाईस चेयर दिनेश मोहनिया ने फिर से पुरानी बात दोहरायी कि हमने कई नोटिस जारी किया है |
हम जानते हैं कि दिल्ली किस तरह के जल संकट से जूझ रही है, अभी बहुत बड़ी आबादी को जल बोर्ड पीने का स्वच्छ जल तक सप्लाई करने में असफल रहा है | इस पर सवाल के जवाबों में सरकारों का एक ही जबाब होता है कि उनके पास संसाधन का आभाव है | ऐसे में जल बोर्ड द्वरा इन सरकारी विभगों पर इतनी कृपा क्यों?
बता दें दिल्ली में एनजीटी के आदेश के बाद लगभग 700 से अधिक बोरवेल बंद किए गए हैं जिसकी वजह से राज्य पानी की किल्लत से जूझ रहा है | दिल्ली जल बोर्ड के एक आंकड़े के मुताबिक 5,000 से अधिक अवैध बोरवेल दिल्ली में हैं जिन पर सरकार एक्शन लेने जा रही है| ये बोरवेल अधिकतर उन कालोनियों में हैं जहाँ सरकार पानी नही पहुँचा पाई है | सरकारे अगर इस तरह सरकारी विभगो में ऐसे ही खैरता बाँटे तो लगता है कि दिल्ली का जल संकट खत्म नहीं होने वाला है |
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