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तिहाड़ जेल के पूर्व महानिदेशक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संदीप गोयल निलंबित

1989 के बैच के आईपीएस अधिकारी गोयल को पिछले महीने तिहाड़ जेल के महानिदेशक पद से हटाकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
Sandeep Goel

नयी दिल्ली: भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी एवं तिहाड़ जेल के पूर्व महानिदेशक संदीप गोयल को कर्तव्यों के निर्वहन में कथित लापरवाही के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
     
1989 के बैच के आईपीएस अधिकारी गोयल को पिछले महीने तिहाड़ जेल के महानिदेशक पद से हटाकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
     
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गोयल को तिहाड़ जेल के महानिदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कर्तव्यों के निर्वहन में ‘लापरवाही’ के लिए निलंबित किया गया है। हालांकि, निलंबन आदेश में फैसले के पीछे कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई है।
     
गोयल को उस समय तिहाड़ जेल के महानिदेशक पद से हटा दिया गया था, जब कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर ने मंडोली जेल में अपनी सुरक्षा के लिए अधिकारी को 12.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने का सनसनीखेज दावा किया था। चंद्रशेखर 200 करोड़ रुपये के धन शोधन मामले के सिलसिले में मंडोली जेल में बंद है।
     
दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना को सात अक्टूबर को लिखे पत्र में चंद्रशेखर ने यह भी दावा किया था कि उसने आम आदमी पार्टी (आप) में एक ‘अहम पद’ के लिए पार्टी को 50 करोड़ रुपये और जेल में अपनी सुरक्षा के लिए मंत्री सत्येंद्र जैन को 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

चंद्रशेखर ने ये आरोप प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक अदालत में जैन के तिहाड़ जेल में एक गवाह से मिलने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कोशिश करने का दावा किए जाने के तुरंत बाद लगाए थे।
     
वर्ष 2019 में चंद्रशेखर ने आरोप लगाया था कि जैन ने अपने सचिव और करीबी मित्र सुशील के साथ उससे जेल में मुलाकात की थी और जेल में ‘सुरक्षित रहने’ तथा मूलभूत सुविधाएं हासिल करने के लिए हर महीने दो करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था।
     
चंद्रशेखर ने गोयल को सत्येंद्र जैन का ‘भरोसेमंद सहयोगी’ भी बताया था। उसने दावा किया था कि जैन ने गोयल को डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा था।
     
चंद्रशेखर ने आरोप लगाया था कि जैन ने उस पर दो-तीन महीने में दस करोड़ रुपये का भुगतान करने का दबाव बनाया था। कथित ठग ने दावा किया था कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर गोयल द्वारा वसूली गिरोह चलाने का खुलासा किया था। उसने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जैन और गोयल को अदा की गई धनराशि के बारे में बताने का भी दावा किया था।

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