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गुजरात: गोधरा में ‘जय श्रीराम' न बोलने पर 3 मुस्लिम युवकों की पिटाई का आरोप

कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस घटना की कहानी में बदलाव करने की कोशिश कर रही है और उनको धमका रही है जिन्होंने एफआईआर करने का दबाव बनाया था।
‘जय श्रीराम' ना बोलने पर 3 मुस्लिम युवकों की कथित पिटाई  

गुजरात के पंचमहल जिले के गोधरा में कथित तौर पर ‘‘ जय श्री राम’’ कहने से इंकार करने पर 1 अगस्त की रात 11 बजे छह अज्ञात लोगों ने तीन मुस्लिम युवकों की पिटाई कर दी। तीनों लड़कों को मामूली चोटें आई थीं, जिन्हें इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और बाद में छुट्टी दे दी गई।

पीड़ितों के बयान के अनुसार, तीन दोस्त, समीर हाफिज भगत, सोहेल हाफिज भगत और सलमान गितेली रात में चाय पीने के लिए निकले थे, तभी लगभग छह या सात लोग उनके सामने आ गए और उन लोगों ने 'जय श्री राम'  कहने को बोला और पीटने लगे।

पीड़ित समीर भगत ने न्यूज़क्लिक को बताया, “समीर, सोहेल और मैं गोधरा कस्बे में बाबा नी मठ्ठी नामक स्थान पर रात के लगभग 11 बजे चाय पीने गए थे, तभा छह या सात आदमी कहीं से आए और हमें घेर लिया। उन्होंने हमसे जय श्री राम बोलने को कहा और फिर हमें पीटना शुरू कर दिया। हम अपनी जान बचाने के लिए भागे, तो वो हमारा पीछा करने लगे। उन लोगों ने तभी हमें छोड़ा जब स्थानीय लोग इकट्ठा होने लगे”। उन्होंने आगे कहा कि मेरे सर पर चोट आई है। 

पंचमहल की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल ने तीनों पीड़ितों के दावों का खंडन किया है। उन्होंने न्यूज़क्लिक को बताया कि ये दो गुटों के बीच आपसी झड़प का मामला है। ये लोग जब रात को करीब 11 बजे चाय पीने निकले तो मोटर साईकिल से एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में गाली- गलोच करने लगे। मामला आगे बढ़ गया और बात हाथापाई तक पहुंच गई। पाटिल ने आगे कहा, उनके पास इसके सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज मौजूद हैं। हालांकि सुबह करीब  तीन बजे मुस्लिम युवकों के बयान के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। चूंकि गोधरा सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जगह है, इसलिए इस घटना के आसपास एक सांप्रदायिक माहौल का निर्माण किया जा रहा है।

गोधरा साल 2002 में गुजरात दंगों का केंद्र था। हालांकि जिले को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील घोषित किया गया, दंगों के बाद यहां कोई भी बड़ी सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।

एक स्थानीय कार्यकर्ता के अनुसार, “गोधरा धार्मिक घेटों में बंटा हुआ है लेकिन शहर में कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है। ये लड़के एक ऐसे क्षेत्र में रात को चाय के लिए निकले जो मुस्लिम बहुल नहीं है और एक गैर-मुस्लिम व्यक्ति के लिए रात में शहर के मुस्लिम बहुल इलाके में घूमना और चाय पीना असामान्य बात नहीं है। ये हैराने वाली बात है कि कैसे इन लड़कों को घेर लिया गया और इन्हें पिटा गया ।” उन्होंने आगे बताया कि पुलिस अपने हिसाब से इस मामले का नैरेटीव सेट करने में लगी है। गोधरा के पुलिस अधीक्षक ने उन्हें तीन लड़कों के साथ खड़े होने और पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए मजबूर करने के लिए धमकी भी दी

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