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हांगकांग हवाई अड्डे की घटना एक असभ्य आंदोलन के रूप में सामने आई

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया जिसने पहले चीन-विरोधी प्रदर्शनकारियों के हिंसक और उत्तेजक गतिविधियों को कवर करने से परहेज किया है वह अब इस आंदोलन की अराजक और प्रतिक्रियात्मक विकृति की रिपोर्ट करने को मजबूर है।
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पैरामेडिकल स्टाफ पत्रकार के स्वास्थ्य की जांच करते हुए जिनके हाथों को प्रदर्शानकारियों ने बांध दिया था। पत्रकार को प्रदर्शनकारियों ने हवाई अड्डे पर घेर लिया।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) द्वारा वित्त पोषित ग्लोबल टाइम्स के लिए काम करने वाले पत्रकार को हांगकांग हवाई अड्डे पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने 13 अगस्त को हमला किया और उन्हें घंटों बंधक बनाए रखा। एक खुफिया पुलिस अधिकारी के रूप में काम करने और प्रदर्शनकारियों की जासूसी करने की अफवाह फैलने के बाद फू गुओहाओ के हाथ को कसकर बांध दिया गया था। हवाई अड्डे से ट्वीट करते हुए लेखक और पत्रकार जेम्स ग्रिफ़िथ ने इस समय का "ख़तरनाक विरोध" बताया।

ग्रिफ़िथ ने ट्वीट किया, "मैंने प्रदर्शनकारियों से पूछा कि भले ही वह व्यक्ति पुलिस वाला था फिर भी मामला ही क्या है तो  उनके पास कोई जवाब नहीं था।" उस दिन बाद में, उन्होंने बातचीत के दौरान ट्वीट किया कि उन्होंने कुछ प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की।

हवाई अड्डे पर बड़ी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को कवर करने के लिए परिसर में मौजूद अन्य पत्रकारों को घेरने की भी कोशिश की। ग्रिफ़िथ के अनुसार कई लोगों ने उन पर खुफिया पुलिस होने का आरोप लगाया और अश्लील शब्द बोलने लगे।

जारी सरकार-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान यह घटना गंभीर चुनौती के रूप में सामने आई है। कुछ समय पहले तक मीडिया ने चीन-विरोधी प्रदर्शनकारियों को आम तौर पर अहिंसक और शांतिपूर्ण बताया। हालांकि, रिपोर्टों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण से पता चलता है कि जब से प्रदर्शनकारी विधान परिषद (लेगको) की इमारत में घुसे हैं तब से चीन-विरोधी प्रदर्शनकारी लगभग हर दिन सरकार समर्थक गुटों और पुलिस के साथ लड़ाई कर रहे हैं।

चीन के भीतर अपनी स्वायत्तता खो रहे हांगकांग के संबंध में बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया था। ताइवान, मकाऊ और चीन की मुख्य भूमि के लिए लागू विवादास्पद प्रत्यर्पण बिल लाने को लेकर इस साल की शुरुआत में सरकार द्वारा एक प्रस्ताव लाया गया था। इस विधेयक ने अदालत की मध्यस्थता, अपराध की विशिष्ट श्रेणियों के लिए केस-वाइज प्रत्यर्पण प्रक्रिया के लिए तंत्र प्रदान किया, इनमें से किसी ने भी राजनीतिक अपराध को शामिल नहीं किया। हालांकि, इसका बीजिंग-विरोधी गुट द्वारा इस आधार पर विरोध किया गया कि इसने हांगकांगवासी को मुख्य भूमि की राजनीतिक प्रणाली के प्रति असुरक्षित बना दिया।

इस बिल को शहर के व्यापारिक अभिजात्य वर्ग के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा जिसे बीजिंग सरकार का समर्थक माना जाता है। इस बिल के विरोध में कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान जून महीने में एक दिन के लिए बंद रहे। आखिरकार इस बिल को हांगकांग के मुख्य कार्यकारी कैरी लैम के आश्वासन के साथ रद्द कर दिया गया कि इसे विधायिका में फिर से पेश नहीं किया जाएगा।

इस सच्चाई के बावजूद कि ये विधेयक प्रभावी रूप से समाप्त हो गई है फिर भी प्रदर्शनकारियों के कुछ वर्गों ने हिंसक रूप अपना लिया है। पुलिस के मुताबिक़, सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी आई है।

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बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लेगको भवन हैंडओवर डे के दिन घुस गए और भवन को क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने औवनिवेशिक झंडा भी फहराया। (तस्वीर- टायरोन सियू/रॉयटर्स)

1 जुलाई को शहर में हैंडओवर-डे मनाया गया। ये दिवस ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की समाप्ति की वर्षगांठ है और हांगकांग पर चीनी संप्रभुता को फिर से शुरू करने की घोषणा का दिन है। इस दिन सरकार और पुलिस के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस बीच सैकड़ों चीन-विरोधी प्रदर्शनकारी विधायिका में घुस गए और केंद्रीय कक्ष में तोड़फोड़ की और ब्रिटिश औपनिवेशिक झंडा फहराया। चीन-विरोधी गुट की ओर से हिंसक और खुले विरोध की यह पहली बड़ी घटना थी।

हांगकांगवासी बनाम हांगकांगवासी

तब से एक महीने की अवधि में सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारी अक्सर काले शर्ट और मास्क पहने हुए दिखाई देते हैं। वे अब हिंसक हो गए हैं। हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया गया है जिससे सैकड़ों उड़ानें रद्द हो गई हैं। इन घटनाओं के अलावा प्रदर्शनकारियों की तरफ से हिंसक गतिविधि की भी सूचना मिली है। हवाई अड्डे पर प्रदर्शनकारियों द्वारा कई यात्रियों को परेशान किया गया है। शहर की पुलिस ने दावा किया है कि शहर के कई इलाक़ों में कई पुलिस थानों में तोड़फोड़ की गई है और काला कपड़ा पहने लोगों की भीड़ ने अधिकारियों पर हमला किया है।

पुलिस पर भीड़ में शामिल लोगों से दुर्व्यवहार करने, आंसू गैस छोड़ने और हमला करने का आरोप लगाया गया है। अलग-अलग अनुमानों के मुताबिक़, 400 और 500 के बीच प्रदर्शनकारियों की सामूहिक गिरफ्तारी हुई है। सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारी भी चीन-विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़पों में शामिल हैं। सबसे व्यापक रूप से की गई ऐसी घटना यूएन लॉन्ग एमटीआर स्टेशन पर हुई, जहां सफेद कपड़ा पहने लोगों की भीड़ ने चीन-विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला किया। कुछ रिपोर्टों के अनुसार नियमित यात्रियों पर भी हमला किया गया। इस घटना के संबंध में 20 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

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हिंसक झड़प 5 अगस्त को सरकार-समर्थक और चीन-विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच पूर्वी ज़िले के नॉर्थ प्वाइंट के ईर्द गिर्द हुई। (तस्वीर- एससीएमपी)

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़ कर रिपोर्टिंग

राजनीतिक विभाजन के दोनों ओर हिंसा आम होने के बावजूद दोनों गुटों की गतिविधियों को अलग-अलग तरीके से चित्रित करने की प्रवृत्ति रही है। उदाहरण के लिए सरकार-समर्थक प्रदर्शनकारियों को सीएनएन, बीबीसी और सीबीएस जैसे मीडिया घरानों द्वारा अधिकांश रिपोर्टों में यूएन लॉन्ग की घटना के बाद नियमित रूप से "मॉब" के रूप में बताया गया था। यह इस तथ्य के बावजूद था कि यूएन लॉन्ग की घटना के अलावा सरकार-समर्थक प्रदर्शनकारी विशेष रूप से चीन-विरोधी लोगों की तुलना में अधिक हिंसक नहीं है।

बीबीसी की एक हालिया रिपोर्ट से यह पता चलता है कि सरकार-समर्थक प्रदर्शनकारियों में से अधिकांश को व्यवसायिक अभिजात वर्ग द्वारा रखा गया है। उन्होंने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की 2017 की एक ख़बर का हवाला दिया जिसमें अनुमान लगाया गया था कि शहर में 1,00,000 से अधिक लोग बदनाम ’ट्रायड्स’ से जुड़े थे जो कि शहर में संचालन के लंबे इतिहास वाला आपराधिक समूह है। ऐसी खबरें थीं कि यूएन लॉन्ग मामले में गिरफ्तार किए गए 20 लोगों में से आठ लोगों पर ट्रायड में सक्रिय होने का रिकॉर्ड था।

तुलनात्मक रुप से इस बिल के ख़िलाफ़ लेगको की घटना के कवरेज ने इसे एक आकस्मिक घटना के रूप में दिखाया गया। यहां तक कि पुलिस थानों पर हमलों की घटनाओं, दर्शकों और पत्रकारों को घेरने और इसी तरह सरकार-समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ हिंसक झड़पों को अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा न के बराबर कवर किया गया या तो किया ही नहीं गया।

हवाई अड्डे पर हालिया घटना के मामले में सरकार-विरोधी प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखने वाले पत्रकारों और मीडिया घरानों ने भी आत्मविश्लेषण करना शुरू कर दिया है। ग्रिफ़िथ जिन्होंने खुद बीजिंग-विरोधी गुट और इसके विरोध का समर्थन किया है वे सहायता नहीं कर सके और इस तरह के घटनाक्रम से हताश हुए। उन्होंने ट्वीट किया कि "यह एक ऐसा आंदोलन था जो सड़कों पर मौजूद हज़ारों लोगों को रास्ते से हटाने के लिए प्रसिद्ध था ताकि एम्बुलेंस को जाने दिया जा सके"। उन्होंने आगे लिखा, "यह अब स्ट्रेचर का रास्ता अवरुद्ध कर रहा है जबकि परेशानियों को समझने वाले कुछ लोग उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं।"

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