हिन्दी: वर्चस्व की राजनीति का एक और ज़रिया
इतिहास के पन्ने के इस अंक में हम बात कर रहे हैं कि किस तरह बीजेपी और आरएसएस हिंदी भाषा को अपनी वर्चस्व की राजनीति का मोहरा बना रहे हैंI हाल ही में अमित शाह ने एक बयान दिया जिसमें हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में बाँधने वाली भाषा बताया गयाI
इतिहास के पन्ने के इस अंक में हम बात कर रहे हैं कि किस तरह बीजेपी और आरएसएस हिंदी भाषा को अपनी वर्चस्व की राजनीति का मोहरा बना रहे हैंI हाल ही में अमित शाह ने एक बयान दिया जिसमें हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में बाँधने वाली भाषा बताया गयाI इस बयान ने देश में भाषाई विवाद को एक बार फिर केंद्र में ला दिया हैI वरिष्ठ पत्रकार निलांजन मुखोपाध्याय संघ और बीजेपी की हिंदी से जुड़ी राजनीति के तमाम पहलुओं को हमारे सामने रख रहे हैंI
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