Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

हिन्दी: वर्चस्व की राजनीति का एक और ज़रिया

इतिहास के पन्ने के इस अंक में हम बात कर रहे हैं कि किस तरह बीजेपी और आरएसएस हिंदी भाषा को अपनी वर्चस्व की राजनीति का मोहरा बना रहे हैंI हाल ही में अमित शाह ने एक बयान दिया जिसमें हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में बाँधने वाली भाषा बताया गयाI

इतिहास के पन्ने के इस अंक में हम बात कर रहे हैं कि किस तरह बीजेपी और आरएसएस हिंदी भाषा को अपनी वर्चस्व की राजनीति का मोहरा बना रहे हैंI हाल ही में अमित शाह ने एक बयान दिया जिसमें हिंदी को पूरे देश को एक सूत्र में बाँधने वाली भाषा बताया गयाI इस बयान ने देश में भाषाई विवाद को एक बार फिर केंद्र में ला दिया हैI वरिष्ठ पत्रकार निलांजन मुखोपाध्याय संघ और बीजेपी की हिंदी से जुड़ी राजनीति के तमाम पहलुओं को हमारे सामने रख रहे हैंI

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest