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ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन की एक नेता ने कैसे बच्चों के लिए ‘फ्रीडम स्कूल’ समर कार्यक्रम की शुरुआत की  

जैस्मिन रिचर्ड्स का मानना है कि उनके समुदाय में युवा अश्वेत और भूरे बच्चों के बीच शिक्षा एवं सशक्तिकरण का काम भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि नस्लवादी पुलिसिया क्रूरता के खिलाफ संघर्ष करना।
ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन की एक नेता ने कैसे बच्चों के लिए ‘फ्रीडम स्कूल’ समर कार्यक्रम की शुरुआत की  

मध्य एवं उच्च आय वाले माता-पिता इस तथ्य से बखूबी परिचित हैं कि गर्मियों की छुट्टियाँ उनके बच्चों के लिए संपूर्णता में शिक्षा हासिल करने का एक सुनहरा अवसर होता है, जो भविष्य में कॉलेज में प्रवेश पाने की योग्यता में इजाफा पहुंचा सकता है। समर कैंप रोस्टर आमतौर पर कई महीनों पहले ही भर जाते हैं और इन संवर्धन कार्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए प्राइस टैग प्रति सप्ताह 500 डॉलर से ऊपर हो सकती है। ये उच्च कीमतें विशेष रूप से दक्षिणी केलिफोर्निया जैसे महंगे इलाकों के लिए सच है, जहाँ मैं रहती हूँ और जहाँ जैस्मिन अब्दुल्लाह रिचर्ड्स ने अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के लिए, ब्लैक लाइव्स मैटर पासाडेना फ्रीडम स्कूल शुरू किया है, जिसमें एक सप्ताह में तीन दिनों का निःशुल्क ग्रीष्मकालीन शिविर आयोजित किया जाता है। 

जब हम लॉस एंजिल्स-क्षेत्र के उपनगरीय क्षेत्र पासाडेना से एलए नगर केंद्र के समीप केलिफोर्निया अफ्रीकन अमेरिकन संग्रहालय तक जाने वाली मेट्रो ट्रेन में एक साथ बैठकर सफर कर रहे थे, उस दौरान उन्होंने मुझे बताया कि “फ्रीडम स्कूल स्थानीय बच्चों के लिए है। यह निम्न-आय वर्ग के परिवारों के लिए है।” एक दूसरे से बात करने के लिए हमें अपने-अपने कोविड-19 फेस मास्क और दर्जन भर से भी अधिक अश्वेत एवं भूरे बच्चों, जिनकी उम्र 9 से 15 आयु वर्ष की रही होगी, जिन्होंने अपनी नई फ्रीडम स्कूल टी शर्ट्स पहन रखी थी और जो एक दूसरे के साथ तल्लीन होकर बातें करने में व्यस्त थे, के शोरगुल के बीच सुने जाने के लिए जोर-जोर से चिल्लाना पड़ रहा था। इनमें से कईयों ने इससे पहले कभी ट्रेन की यात्रा या पासाडेना की सीमा नहीं पार की थी। हमारी बातचीत को बीच में रोककर रिचर्ड्स ने उग्र और उत्तेजित बच्चों को शांत रहने के लिए चिल्लाकर चेताया, “अरे सुनो, सुनो हमें थोड़ा धीमी आवाज में बातें करनी चाहिए।”

रिचर्ड्स, ब्लैक लाइव्स मैटर (बीएलएम) के पासाडेना चैप्टर का 2014 से नेतृत्व कर रही हैं, जब मेरी मुलाक़ात उनसे पहली बार बीएलएम के सह-संस्थापक पैट्रिस क्युल्लर्स के साथ मिसौरी में फर्ग्यूसन विद्रोह के सिलसिले में एक व्यक्तिगत साक्षात्कार के दौरान हुई थी। क्युल्लर्स और रिचर्ड्स दोनों ही उसी समय फर्ग्यूसन से लौटे थे, जहाँ नस्लीय न्याय के लिए आंदोलन का नवीनतम अध्याय अपने अस्तित्व में आया था। रिचर्ड्स ने उस यात्रा को एक “आँखें खोल देने वाला अनुभव” बताया था, और कहा कि “ब्लैक लाइव्स मैटर ने मेरे जीवन को बदलकर रख दिया है।” इसके एक साल बाद वे अपने पड़ोस में रहने वाले एक युवा अश्वेत व्यक्ति, जिसका नाम केंड्रेक मैकडेड था, की पुलिस द्वारा घातक गोलीबारी में मारे जाने के खिलाफ मैकडेड की माँ आन्या स्लॉटर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रही थी। इस घटना के बाद से ही वे यह सुनिश्चित करने के मिशन में लगी हुई हैं कि आगे से किसी भी माँ को अपने बच्चों को पुलिस हिंसा में न खोना पड़े, और फ्रीडम स्कूल उस मकसद को पाने के लिए एक प्रयास है। 

सत्रह वर्षीया एमोनी वैटर्स और 20 वर्षीया अमारी स्टीवर्ट ये दोनों 2018 में रिचर्ड्स द्वारा आयोजित फ्रीडम स्कूल के पहले सत्र के स्नातक हैं। ये दोनों युवा महिलाएं अब रिचर्ड्स के साथ कैंप सलाहकार के तौर पर काम करती हैं, जिसमें वे नई पीढ़ी के पड़ोस के बच्चों का मार्गदर्शन करती हैं और उन्हें ऐसे स्थलों और ध्वनियों से परिचित कराती हैं, जिन तक अन्यथा उनकी पहुँच संभव नहीं है। वैटेर्स ने इस बात को स्वीकार किया कि इस स्कूल में शामिल होने से पहले “मैं बस पार्क में बैठी रहती थी और बाहर घूमा फिरा करती थी। मैं बुरी चीजों से जुड़ गई थी।” लेकिन फिर, “जब जैस्मिन ने फ्रीडम स्कूल की शुरुआत की, तो यह मेरे लिए इन सबसे बाहर निकलने और सिर्फ सकारात्मक चीजें करने का एक जरिया बन गया।” स्टीवर्ट के पास भी कुछ इसी प्रकार का अनुभव था। “इसने मुझे काफी हद तक बदल डाला है” उन्होंने बताया। “जैस्मिन ने हमें सिखाया कि दूसरों से कैसे बातचीत करनी चाहिए, ताकि आप उनपर पहली बार में अच्छा प्रभाव बना सकें।”

वास्तव में, ‘आंटी जैस्मिन’, जैसा कि बच्चे उन्हें इस नाम से पुकारते हैं, अपने कैंप में उपस्थित बच्चों को संग्रहालय क्षेत्र की यात्रा के दौरान, जब कभी भी उन्हें मौका लगता है अपनी दानिशमंद सलाह देती हैं। ट्रेन के आने की प्रतीक्षा के बीच में उन्होंने बच्चों से सवाल किया था, “तो बताओ, आप में से कितने लोग गैंग्स के बारे में जानते हैं?” जो मास्क उन्होंने पहना था उसने उनकी आवाज को दबा रखा था, और एक नन्हें बच्चे जिसने उनके प्रश्न का कुछ और ही मतलब निकाल लिया था ने उत्साहपूर्वक जवाब दिया, “हाँ, मेरे फोन में तो सारे गेम हैं!” “गैंग्स”, एक पल के लिए अपने चेहरे से मास्क हटाकर जैस्मिन ने धैर्यपूर्वक दोबारा से उच्चारण किया। एक बड़े लातीनी लड़के ने उत्तर दिया “मैं गैंग्स के बारे में कुछ भी नहीं जानता।” “तुम जानते हो, गुस्तावो” उन्होंने सीधे उसकी आँखों से देखते हुए जवाब दिया। “मैं आप सभी को गैंग्स के बारे में अपने अनुभव को बताती हूँ” उन्होंने कहा और अपनी खुद की कहानी साझा करनी शुरू कर दी।

जब वे सात साल की थीं, तो रिचर्ड्स का परिवार पासाडेना में रहने चला आया था, और वे 210 फ्रीवे के उत्तरी हिस्से में पली-बढीं, जहाँ अधिकाँश संख्या में शहर के कम आय वाले अश्वेत और ब्राउन निवासी रहा करते थे और जहाँ पासाडेना पुलिस अधिकारियों का नियमित तौर पर गश्त चलता रहता था। उन्होंने मुझे बताया “मेरा अड़ोस-पड़ोस “जीरो टॉलरेंस ज़ोन” के अंतर्गत आता था, इसलिए भले ही हम अपने अपार्टमेंट के सामने घूमने फिरने निकलने की सोचते थे तो हमें गैंग के सदस्य के तौर पर मान लिया जाता था। जब वे 14 साल की थीं, तब रिचर्ड के बड़े भाई जो गैंग्स को छोड़ चुके थे, को चलती गाड़ी से गोली मार दी गई थी। अपने भाई को खोने के गम ने उन्हें बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया था, और वे नशीली दवाओं और शराब की लत में डूब गईं।

ब्लैक लाइव्स मैटर मुहिम में शामिल होने के साथ ही सब कुछ बदल गया, और आज रिचर्ड्स अपने जीवन में पूरी तरह से स्वच्छ और शांत हैं और अपने साथी के साथ स्वस्थ्य संबंध में हैं। वे कहती हैं, फ्रीडम स्कूल ने “मुझे जीने का मकसद दिया है, इसने मुझे नया जीवन दिया है।” “मैं इनसे छोटी उम्र में, मन पर छाप छोड़ने वाली उम्र में जब वे बायें या दायें किसी ओर भी जा सकते हैं, संपर्क में आ जाती हूँ। और यदि मुझे उनकी जिंदगी से कुछ भी लेना-देना है, तो मैं चाहती हूँ कि वे सही रास्ते पर आगे बढें।” वे बीएलएम संबंधी अपनी सक्रियता में स्कूल के कामकाज को केंद्रीय कार्य के रूप में देखती हैं, और उनका कहना है कि “बच्चों के बगैर कोई क्रांति संभव नहीं है।”

निम्न-आय वाले अश्वेत और ब्राउन बच्चों के सामने बहुत सारी बाधाएं हैं। फ्रीडम स्कूल में दाखिला लेने वाले कई बच्चों का अपने पड़ोस में पुलिस के साथ नियमित तौर पर और भयावह मुठभेड़ हो चुकी हैं। फ्रीडम स्कूल में सहभागी रह चुके सत्रह वर्षीय रुनिट, उनमें से एक है। उसने बताया कि फ्रीडम स्कूल बच्चों को सिखाता है “कि जब पुलिस आये तो हमें उससे डरने की जरूरत नहीं है।” वह कृतज्ञ है कि इस प्रोग्राम ने उसे और उसके चचेरे भाई जाडेन को, जो उसके साथ इस म्यूजियम की यात्रा में आया है, को यह सुअवसर प्रदान किया गया है। “वे [रिचर्ड्स] हमारे बच्चों के लिए अच्छी-अच्छी चीजें कर रही हैं और उन्हें उन जगहों पर ले जा रही हैं जहाँ बच्चे सचमुच में बच्चों की तरह व्यवहार करते हैं। हम पार्क में मिलते हैं। हम एक समूह के रूप में सुरक्षित रूप से बस की सवारी करते - हम सभी को पहनने के लिए शर्ट्स मिली हुई है जिससे कि हम दिखा सकें कि हम एक ग्रुप में हैं।” 

पुलिस के साथ कैसे बातचीत करनी चाहिए, फ्रीडम स्कूल के पाठ्यक्रम में इसे सिखाया जाता है। ट्रेन में रिचर्ड्स ने अचानक से अपने एक और भाषण में बच्चों से कहा “भले ही पुलिस अगर आपसे बात करे, तो भागना मत।” “यदि आप कुछ चुराते हैं, तो आपने जिस चीज को चुराया है उसके साथ रुक जायें [उसे जमीन पर फेंक दो के संकेत के साथ] और कहा, ‘यहाँ, मैं तो इसे चाहता भी नहीं, इस बकवास चीज को वापस ले जाओ।’ लेकिन कभी भागना मत। भागना बिलकुल नहीं है, वरना वे तुम्हें गोली मार देंगे।” यह “बातचीत” का वह संस्करण था जिसे अश्वेत माता-पिताओं को पीढ़ियों से अपने बच्चों को देना पड़ा है जिससे कि वे अपने जिंदा रहने की बाधाओं को सर्वोत्तम रूप से सुनिश्चित कर सकें, और “अपने अधिकारों को जानें” ट्रेनिंग का एक अनौपचारिक संस्करण है जिसे रिचर्ड्स ने अपने कैंप के पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर शामिल किया है।

लेकिन रिचर्ड्स अपने अड़ोस-पड़ोस के बच्चों के लिए जिंदा बने रहने से कुछ ज्यादा चाहती हैं। “मैं चाहती हूँ कि वे खुद से प्यार करना शुरू करें और [उन्हें सिखाना चाहती हूँ] कि कैसे खुद से अपनी समस्याओं कैसे सुलझाएं क्योंकि जो कुछ भी देखते हैं वह गैंग वार और ऐसी ही चीजें होती हैं।” कैलिफोर्निया अफ्रीकन अमेरिकन म्यूजियम के चुनाव के बारे में उन्होंने बताया कि “प्रतिनिधित्व मायने रखता है। मैं चाहती हूँ कि वे इन जैसे लोगों की कहानियों के बारे में जानें।”

रिचर्ड्स फ्रीडम स्कूल की अपनी मुहिम को ब्लैक पैंथर पार्टी के ब्रेकफास्ट प्रोग्राम की परंपरा के अनुगामी के तौर पर देखती हैं। जबकि उन्होंने इस प्रोग्राम को पासाडेना में बने शून्य को भरने के लिए शुरू किया था - इस वर्ष शहर में चलने वाले ग्रीष्मकालीन कार्यक्रम निःशुल्क नहीं हैं- यह कैंप बच्चों के लिए शहर में किसी भी अन्य प्रोग्राम की तुलना में कहीं अधिक रोचक अनुभव बन गया है।

ग्यारह वर्षीय जाडेन म्यूजियम की यात्रा को लेकर इतने उत्साह से लबरेज था कि वह ठीक से एक जगह पर खड़ा तक नहीं हो पा रहा था। उसने बताया “मैं आज यहाँ इसलिए आया हूँ क्योंकि मेरी माँ चाहती थी कि मैं अपने संस्कृति और अपने इतिहास के बारे में जानूं, कि हम अतीत में क्या करते थे।” यह दर्शाते हुए कि फ्रीडम स्कूल का पहले से ही उसके उपर कितना असर पड़ा है, उसने उत्तेजित स्वर में बताया, “सारे गोरे लोगों ने, हमें गुलामों के रूप में रखा और हमें कपास चुनने दिया और उन्होंने हमें कोड़े मारे, और यह सब काफी खराब और आहत करने वाला है। यही कारण है कि हम सब आज यहाँ पर अपने इतिहास में मौजूद हर चीज के बारे में जानने के लिए आये हैं।”

फ्रीडम स्कूल जैसे कार्यक्रम को संचालित करने के लिए धन की आवश्यकता पड़ती है, और रिचर्ड्स जो हमेशा से अन्वेषी रही हैं, ने अपने खुद के सामाजिक नेटवर्क और अपनी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बल पर इस प्रोग्राम के लिए हजारों डॉलर की रकम बिना हाथ में कुछ होते हुए भी जुटाने में सफल रही हैं। उन्होंने इस छवि को कष्टसाध्य तरीके से अर्जित किया है। 2016 में उन्होंने पहली अफ़्रीकी मूल की अमेरिकी के रूप में सुर्खियाँ बटोरीं, जब उन्हें उनके पड़ोस में एक पुलिस गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने के संबंध में “महापराध” का दोषी पाए जाने का आरोपी बनाया गया था। रिचर्ड्स ने बताया कि वे कई महीनों से पुलिस के निशाने पर बनी हुई थीं, और अधिकारियों द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था।

आज उन्होंने उस राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को जिसे पुलिस ने उन्हें अनजाने में अर्पित कर दिया था, को बदल कर रख दिया है जिसे वे “सामाजिक पूंजी” कहती हैं। अपनी उपलब्धियों को लेकर वे गौरवान्वित महसूस करती हैं और उन्हें इस बात प्रसन्नता व्यक्त की कि जब उन्होंने “मेरे पड़ोस के लिए मेरी मदद कीजिये”  कैम्पैन के लिए कहा तो उनके “फेसबुक, इंस्टाग्राम के सभी फॉलोवर्स, जो अंजान लोग हैं, बड़ी संख्या में लोग पैसे भेज रहे हैं”। इस दान का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कैंप में दाखिला लेने वाले बच्चों के लिए दौरे पर जाने के लिए ब्रांडेड टी-शर्ट्स, ट्रेन और म्यूजियम की टिकटें और तैरने के दिनों के लिए बाथिंग सूट खरीदे हैं। वे फ्रीडम स्कूल की दो स्नातकों, वैटर्स और स्टीवर्ट को कैंप सलाहकार के तौर पर काम करने के लिए भी भुगतान कर रही हैं।

रिचर्ड्स के पास अपने आस-पड़ोस के बच्चों के लिए फ्रीडम स्कूल से परे भी कई योजनायें हैं। जब विक्टर गोर्डो पेसिडिना मेयर के चुनावों के लिए पिछले साल मुकाबले में थे, तो उन्होंने उनसे इस मांग के साथ मुलाक़ात की थी कि वे एक जन सेवक के तौर पर आचरण करेंगे। “मैंने उनसे कह दिया था, ‘यदि हमने आपके पक्ष में वोट देते हैं तो भाई, मैं चाहूंगी कि आप हमारे समुदाय के लिए भी कुछ करेंगे।” तो उन्होंने ऐसा करने की कसम खाई थी।” गोर्डो ने मेयर का चुनाव जीता और वे रिचर्ड्स के साथ शहर के स्तर पर स्नातक कर रहे नौजवानों, जैसे कि वैटेर्स के के लिए, जो पासाडेना सिटी कॉलेज में वेल्डिंग प्रोग्राम में हिस्सा लेंगे। अपनी उपलब्धियों पर आराम करने वालों में से रिचर्ड्स नहीं हैं, उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कह दिया है, ‘मैं’ आप पर दबाव बनाये रखना नहीं छोडूंगी। यदि आपने ये चीजें नहीं कीं, तो आपको भी जाना होगा।”

अपने पास उपलब्ध सभी साधनों का उपयोग करने के साथ-साथ अपनी राजनीतिक संवेदनशीलता, जीवन के अनुभवों, फंड इकट्ठा करने वाले कौशल, राजनीतिज्ञों को जवाबदेह ठहराने में निपुणता और उनके इलाके के लोगों ने जिस प्रकार का भरोसा उन पर बना रखा है, उसे देखते हुए रिचर्ड्स प्रगतिशील बदलाव के लिए एक मॉडल को पेश करती हैं, जो बच्चों को सबसे आगे रखता है।

सोनाली कोल्हाटकर टेलीविजन और रेडियो शो “राइजिंग अप विद सोनाली” की संस्थापक, आयोजक और कार्यकारी निर्मात्री हैं, जिसे फ्री स्पीच टीवी और पैसिफिक स्टेशनों पर प्रसारित किया जाता है। आप इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट के साथ इकॉनमी फॉर आल नामक परियोजना के लिए राइटिंग फेलो के तौर पर सम्बद्ध हैं।

इस लेख को इंडिपेंडेंट मीडिया इंस्टीट्यूट के एक प्रोजेक्ट, इकॉनमी फॉर आल द्वारा तैयार किया गया है। 

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल ख़बर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें

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