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सफ़ूरा ज़रगर का दाखिला रद्द करने के ख़िलाफ़ जामिया वीसी को 150 कार्यकर्ताओं ने पत्र लिखा

पत्र में कार्यकर्ताओं ने लिखा है कि जामिया द्वारा जरगर का पंजीकरण उनके काम को असंतोषजनक बताकर रद्द करना नाकाफ़ी है और उसके पिछले मूल्यांकन के विरोधाभास में है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने शोध में काफी प्रगति की है।
Safoora Zargar
फाइल फोटो।

150 से अधिक नारीवादी कार्यकर्ताओं, जानी-मानी हस्तियों, और नागरिक समूहों ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति और संकाय समिति को पत्र लिखकर "सफूरा जरगर के प्रवेश को रद्द करने और उन्हें एमफिल थीसिस जमा करने की अनुमति न दिए जाने के फ़ैसले को वापस लेने को कहा।

पत्र में कार्यकर्ताओं ने लिखा है कि जरगर का पंजीकरण उनके काम को असंतोषजनक बताकर रद्द करना नाकाफ़ी है और उसके पिछले मूल्यांकन के विरोधाभास में है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने अपने शोध में काफी प्रगति की है।

बयान में कहा गया है कि अपने कार्यों से जामिया प्रशासन ने केवल जरगर की पीड़ा को बढ़ाया है। जबकि देशभर के रिसर्च विधयार्थियों को COVID-19 के संदर्भ में कई एक्सटेंशन दिए गए थे, लेकिन जामिया समाजशास्त्र विभाग ने ज़रगर को बिना किसी वैध औचित्य के एक से अधिक एक्सटेंशन के लिए अयोग्य मान लिया था।

विश्वविद्यालय ने सोमवार को असंतोषजनक प्रगति रिपोर्ट का हवाला देते हुए समाजशास्त्र विभाग में इंटीग्रेटेड एमफिल-पीएचडी कार्यक्रम में जरगर का प्रवेश रद्द कर दिया था।

जरगर को पहले 23 फरवरी, 2020 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत बुक किया गया था। उन्हें जून 2020 में इस मामले में जमानत दे दी गई थी।

कल, एक ट्विटर पोस्ट में, जरगर ने बताया कि जामिया प्रशासन ने यह कदम उठाते हुए सभी उचित प्रक्रिया की अनदेखी की और उनके खिलाफ कार्रवाई में अत्यधिक तेजी दिखाई।

जामिया ने 26 अगस्त की तिथि को एक अधिसूचना में, सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन कार्यालय ने कहा था कि जरगर ने पांच सेमेस्टर के अधिकतम निर्धारित समय के भीतर अपना एम.फिल शोध पत्र जमा नहीं किया। अधिसूचना में आगे कहा गया है कि एम.फिल./पी.एच.डी. (समाजशास्त्र) से सफूरा जरगर का पंजीकरण 22 अगस्त, 2022 से रद्द कर दिया गया है।  डीन कार्यालय ने उल्लेख किया कि अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) द्वारा 5 जुलाई को की गई सिफारिश पर कार्रवाई की गई है। इस मामले को विभाग के बोर्ड ऑफ स्टडीज द्वारा 22 अगस्त को अनुमोदित किया गया था।

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