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जस्टिस लोकुर व शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम द्वारा लिखे पत्र में "हमारी संवैधानिक लोकतंत्र की बुनियाद" से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर "सार्थक प्रतिक्रियाओं" या बहस की कमी का हवाला देते हुए यह प्रस्ताव दिया गया है कि इस तरह की बहस से लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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