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बेंगलुरू: स्थायी नौकरी की मांग को लेकर निगम कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू
"वे जो वेतन देते हैं वह घर के किराए के लिए, हमारे बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने या जिंदगी गुजारने के लिए पर्याप्त नहीं है।"
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 Jul 2022
bangalore
Image courtesy : HT

स्थायी नौकरी और अपने परिवारों के पालन पोषण के लिए बेहतर वेतन की मांग करते हुए कम से कम 15,000 “पोराकर्मी” या निगम कर्मियों ने शुक्रवार से बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। ये निगमकर्मी कर्नाटक के हर एक नगर निगम की रीढ़ हैं और विशेष रूप से बेंगलुरु जहां 12 मिलियन से अधिक लोग रहते हैं।

एक पौराकर्मिका ने नाम बताए बिना हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि, “हम पिछले 20 वर्षों से यह काम कर रहे हैं लेकिन अभी भी स्थायी नहीं किया जा रहा है। वे जो वेतन देते हैं वह घर के किराए के लिए, हमारे बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने या जिंदगी गुजारने के लिए पर्याप्त नहीं है। हम अपनी हड़ताल तब तक जारी रखेंगे जब तक कि हमारी नौकरी स्थायी नहीं हो जाती।”

जबकि भारत का तकनीकी केंद्र कहे जाने वाला बेंगलुरु सड़कों को साफ रखने के लिए सफाई कर्मियों और अन्य उपकरणों के मशीनीकरण पर करोड़ों खर्च कर रहा है। यह पौराकर्मिका की बड़ी सेना है जो बड़े पैमाने पर काम करते हैं और सड़कों और अन्य स्थानों से हाथ से कचरा इकट्ठा करते हैं।

बेंगलुरु से हर दिन लगभग 5,000 टन कचरा निकलता है और इसका केवल एक छोटा सा हिस्सा ही रीसाइक्लिंग में जाता है। बड़े क्षेत्रों में कचरा संग्रह एक छोटे ऑटो से किया जाता है जो इसे बड़े ट्रकों में स्थानांतरित करता है जो फिर छटाई करने वाली जगह जाता है या कभी-कभी लैंडफिल की तरफ फेंक दिया जाता है।

ये हड़ताल ऐसे समय में हुई है जब कर्नाटक विशेष रूप से बेंगलुरु में कोविड -19 संक्रमणों में तेज वृद्धि देखी जा रही है जो कि शहर को साफ रखने वाले निगम कर्मियों के लिए और भी अधिक महत्व रखते हैं।

ये कचरा संकट, जहां 2012 में बेंगलुरु में कई दिनों तक कचरा इकट्ठा नहीं किया गया था, ने वैश्विक सुर्खियां बटोरीं, जिससे वैश्विक आईटी हब के रूप में शहर की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।

बेंगलुरु को साफ रखने के लिए पौराकर्मिका, कचरा इकट्ठा करने वाले और हाथ से काम करने वाला पूरे श्रम पारिस्थितिकी तंत्र ने बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में अपनी हड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें अन्य मांगों के साथ-साथ सुरक्षा उपकरण, सेवानिवृत्ति के बाद के लाभ और नौकरियों के स्थायी करने सहित सम्मानजनक काम करने की स्थिति की मांग की गई है।

इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन पौराकर्मिका संगठन जनति होराता समिति द्वारा किया जा रहा है जिसका सह-आयोजक बीबीएमपी पोराकर्मिकरा संघ हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक बैठक की थी।

बोम्मई ने कहा कि, “राज्य सरकार राज्य में विभिन्न शहरी निकायों में सीधे भुगतान पर काम कर रहे पौराकर्मिका की सेवाओं को नियमित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गई है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार इसे लागू करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों, कानून विभाग के अधिकारियों और पौराकर्मिका के प्रतिनिधियों की एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि ये कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी।

हालांकि, प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों ने कहा है कि मुख्यमंत्री से लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही वे अपनी हड़ताल वापस लेंगे।

बीबीएमपी पौराकर्मिका एसोसिएशन की अध्यक्ष निर्मला ने कहा, “सरकार ने कहा है कि वे हमारी नौकरियों को स्थायी करेंगे, हमें समान वेतन देंगे, लोडर और अनलोडर्स को भी वेतन समानता मिलेगी। सीएम ने कहा है कि वह आज दिए गए निर्देशों पर लिखित पत्र देंगे। हम इस पत्र की प्रतीक्षा करेंगे, जिसके कल आने की उम्मीद है और उसके बाद ही हम हड़ताल खत्म कर देंगे।'

ज्ञात हो कि यह कोई पहला मौका नहीं जब निगम कर्मियों ने बीबीएमपी को कचरा न उठाने की धमकी दी है। इस साल पौराकर्मिको ने दस बार अनिश्चितकालीन हड़ताल किया है। लेकिन इनमें से कोई भी एक सप्ताह से ज्यादा तक नहीं चला। हालांकि इस बार निगम कर्मियों के यूनियन के नेताओं ने कहा है कि जब तक स्थायी नौकरी नहीं होती तब तक हड़ताल वापस नहीं लिया जाएगा।

ध्यान रहे कि 18000 कर्मियों में केवल एक हजार की ही स्थायी नौकरी है। 15 हजार सीधे भुगतान प्रणाली के तहत काम कर रहे हैं वहीं 2 हजार कर्मी शहरी निकाय द्वारा कॉन्ट्रैक्ट आधार पर काम कर रहे हैं। जो 15 हजार कर्मी सीधी भुगतान प्रणाली पर काम कर रहे हैं उनका काम सड़कों की सफाई करना है। जबकि कॉन्टैक्ट आधार पर काम कर रहे कर्मियों का काम घरों से गिला और सूखा कचरा इकट्ठा करने की जिम्मेदारी है। अस्थायी कर्मियों को 14000 रुपये वेतन के रूप में मिलता है जिसमें पीएफ और ईएसआई फंड की कटौती के बाद वे नकद के तौर पर सिर्फ 11000 रुपये ही हासिल कर पाते हैं।

ये भी पढ़ें: पीएसयू बीमा यूनियनों ने वेतन संशोधन प्रस्ताव ठुकराया, अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

Bangalore
karnataka
workers protest
Permanent Jobs

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