Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

छत्तीसगढ़: अनियमित कर्मचारी फिर सड़कों पर उतरने को तैयार, 11 जून को करेंगे सीएम आवास का घेराव

अनियमित कर्मचारी बीते लंबे समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं, साथ ही कांग्रेस को उसके मेनिफेस्टो में किए वादे की भी याद दिला रहे हैं।
 Chhattisgarh
फाइल फ़ोटो।

छत्तीसगढ़ में चुनावी समर के बीच राज्य की भूपेश बघेल सरकार और सत्ताधारी कांग्रेस इस वक्त युवाओं, महिलाओं और कर्मचारी संगठनों के निशाने पर है। बीते कई महीनों से प्रदेश में प्रदर्शन-आंदोलन और कर्मचारियों की हड़ताल देखने को मिल रही है, बावजूद इसके बघेल सरकार अपने वादों को अमल में लाने के मूड में नहीं नज़र आ रही। मौजूदा समय में छत्तीसगढ़ के हजारों संविदाकर्मी सभी 33 जिलों में नियमितीकरण रथ यात्रा निकाल रहे हैं, तो वहीं अब अनियमित कर्मचारियों ने भी अपने परिवार सहित11 जून को राजधानी रायपुर में विशाल धरना प्रदर्शन, महारैली और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान कर दिया है।

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले ये सभी अनियमित कर्मचारी बीते लंबे समय से सरकार के समक्ष अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं, साथ ही कांग्रेस को उसके मेनिफेस्टो में किए वादे की भी याद दिला रहे हैं लेकिन अब तक सरकार का कोई सकारात्मक रूख सामने नहीं आया है। जिसके चलते अब ये कर्मचारी एक बार फिर 11 जून से चरणबद्ध तरीके से सड़क पर उतरने को तैयार हैं।

संगठन के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने न्यूज़क्लिक को बताया कि नियमितीकरण को लेकर उनका संघर्ष साल 2013 से ही जारी है। लेकिन साल 2018 में विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस और उसके नेताओं ने सभी कर्मचारियों से ये वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद 10 दिन के भीतर ही अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। उनके जन घोषणा पत्र में भी इसका लिखित जिक्र है। लेकिन अब जब सरकार का पूरा कार्यकाल समाप्त होने को है तब भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा, उलटा अनियमित कर्मचारियों की छंटनी पर आमादा है।

इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़: 225 दिनों से जारी विधवा महिलाओं का प्रदर्शन, अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर सरकार को घेरा

कई चरण में होगा प्रदर्शन, परिजन भी देंगे साथ

गोपाल प्रसाद के अनुसार छत्तीसगढ़ में इस समय करीब 6 लाख अनियमित कर्मचारी हैं जो विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत हैं इसमें दैनिक वेतन भोगी से लेकर कलेक्टर और श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, ठेका कर्मी और शिक्षाकर्मी सभी शामिल हैं। 11 जून के प्रदर्शन को कई संगठन भी अपना सहयोग दे रहे हैं। इसके तहत हजारों कर्मचारी अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 चरणों में आंदोलन करेंगे, जिसमें उनके परिवार वाले भी उनका साथ देंगे। पहले चरण में 11 जून को कर्मचारी अपने परिवार के साथ राजधानी में धरना देंगे। दूसरे चरण में 15 जून को सभी अनियमित कर्मचारी प्रदेश भर में अपने घरों की दीवारों पर अपनी मांगों और उससे जुड़े दर्द को लिखेंगे। इसके बाद भी यदि सरकार मांगों पर फैसला नहीं करती तो तीसरे चरण में मानसून विधानसभा सत्र के दौरान बड़ा आंदोलन करेंगे।

संगठन की मानें, तो कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कूल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वस्थ्य कर्मचारियों, ग्रामीण विकास विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटरों की छंटनी कर दी, और ये छंटनी निरंतर जारी है। इतना ही नहीं मार्च 2017 के बाद न्यूनतम वेतन और अगस्त 2019 के बाद संविदा वेतन में बढ़ोत्तरी भी नहीं की गई।

क्या है अनियमित कर्मचारियों की मांगे?

* समस्त अनियमित कर्मचारियों का नियमतिकरण।

* निकाले गए अनियमित कर्मचारियों की बहाली।

* आंशिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए।

* आउटसोर्सिंग ठेका बंद हो।

* दिवंगत शिक्षाकर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति मिले।

प्रदेश के अलग-अलग सरकारी विभागों में कार्यरत कई कर्मचारियों का कहना है कि बघेल सरकार से उन्हें बहुत उम्मीदें थी क्योंकि वो बीते कई सालों से इन विभागों में अनियमित कर्मचारियों के तौर पर काम कर रहे हैं, और नियमित होने का इंतज़ार भी। लेकिन सरकार इन्हें नियमित करना तो दूर इनकी छंटनी कर रही है, जिसे लेकर इनके सामने रोज़गार का नया संकट खड़ा हो गया है। ठेका कर्मियों का पहले से ही शोषण जारी है, ऐसे में सालों से बिना किसी सुविधा, साधन और नियुक्ति पत्र के नौकरी करने वाले ये छोटे कर्मचारी अब मजबूरन सड़कों पर उतर रहे हैं। इसमें स्कूलों में काम करने वाले स्वीपर से लेकर पुलिस वालंटियर और स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मचारी तक शामिल हैं।

गौरतलब है कि घोषणा पत्र में तमाम वादों के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने आखिरी बजट में भी अनियमित कर्मचारियों के लिए किसी तरह का प्रावधान नहीं किया। जिसे लेकर इन कर्मचारियों ने कुछ महीने पहले ही अर्ध नग्न प्रदर्शन भी किया था। अब एक बार फिर ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं, इसी बीच कई अन्य कर्मचारी संगठनों का अनिश्चितकालीन धरना भी जारी है। ऐसे में देखना होगा कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार इन कर्मचारियों से किए वादे पर आगे चुनावों के मद्देनजर क्या रूख अपनाती है।

इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़: हज़ारों संविदा कर्मियों का प्रदर्शन, 15 मई से निकलेगी 'संविदा नियमितीकरण रथयात्रा'

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest