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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को किया गिरफ़्तार

ज्योतिप्रिय मलिक को तड़के साढ़े तीन बजे कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित सॉल्ट लेक में उनके आवास से केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय लाया गया।
Jyotipriya Mallick
फ़ोटो : PTI

कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में राज्य के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार, 27 अक्टूबर को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि मंत्री को 17-18 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शुक्रवार को तड़के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया।

ईडी अधिकारियों ने कहा कि मलिक को तड़के साढ़े तीन बजे कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित सॉल्ट लेक में उनके आवास से यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय लाया गया।

मलिक को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा जहां ईडी उनकी हिरासत का अनुरोध करेगा।

कथित राशन वितरण घोटाला से संबंधित मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ने कहा, ‘‘मैं बहुत बड़ी साज़िश का शिकार हुआ हूं।’’

मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि यह साज़िश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी ने रची है जो पहले तृणमूल कांग्रेस पार्टी में पूर्व सहयोगी थे।

ईडी ने इससे पहले मंत्री बकिबुर रहमान के एक विश्वासपात्र को गिरफ्तार किया था जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म होने वाली है।

सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले में घटनाक्रमों के बारे में दोनों का बयान जानने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है।

केंद्रीय एजेंसी ने बृहस्पतिवार को मलिक के परिसरों पर तलाशी शुरू की थी।

ईडी ने मध्य कोलकाता में एमहर्स्ट स्ट्रीट पर उनके पैतृक आवास की भी तलाशी ली। कथित घोटाला सार्वजनिक वितरण प्रणाली और कोविड लॉकडाउन के दौरान खाद्यान्न वितरण में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

इससे पहले बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पूछताछ के दौरान मलिक को कुछ भी होने की स्थिति में पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की चेतावनी दी थी क्योंकि वह बीमार थे और उन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां थीं।

बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी को भाजपा की ‘‘एक गंदी राजनीति’’ बताया।

तृणमूल कांग्रेस नेता एवं राज्य की मंत्री शशि पांजा ने भी मलिक के आवास पर छापेमारी की निंदा की थी और कहा था कि ‘‘यह ‘विजया दशमी’ के समय में बंगाल की संस्कृति पर हमला है और यह बदले की राजनीति के सिवा कुछ नहीं है।’’

राज्य के मंत्री की गिरफ्तारी के जवाब में भाजपा ने कहा कि मामले में जांच की गति को देखते हुए ऐसा होना ‘‘अपेक्षित’’ था।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘उनके सहयोगियों में से एक द्वारा किए गए खुलासे के बाद गिरफ्तारी अपेक्षित थी, जिसे कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। एक बार फिर यह साबित हुआ है कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूबी हुई है।’’

पिछले एक साल में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दो अन्य विधायकों और तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल को स्कूल भर्ती घोटाला और मवेशी तस्करी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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