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'पोडियम से फुटपाथ तक', सड़क पर फिर धरना देने को मजबूर हुए भारतीय पहलवान

पहलवानों का कहना है कि बार-बार कोशिश करने के बावजूद सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, जिसके चलते उन्हें तीन महीने बाद फिर सड़क पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है।
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भारतीय कुश्ती महासंघ और इसके अध्यक्ष बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक सहित कई खिलाड़ी बीते रविवार, 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। आज सोमवार, 24 अप्रैल को दूसरे दिन भी इन पहलवानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इन खिलाड़ियों का कहना है कि जब तक यौन शोषण आरोपी बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक ये सभी यहां से नहीं जाएंगे।

बता दें कि इन पहलवानों ने इस बार दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस थाने में बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत भी दर्ज करवाई है, लेकिन अभी इनका आरोप है कि कई दिन बीत जाने के बाद भी अब तक दिल्ली पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी है। ध्यान रहे कि इससे पहले पहलवानों ने अपने जनवरी वाले प्रदर्शन के दौरान कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है, लेकिन चेतावनी भी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे।

उधर, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्लू) ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को एक वीडियो जारी कर बताया कि उन्हें दो दिन पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह द्वारा महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली है।

दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को जारी किया नोटिस

मालीवाल ने दिल्ली पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि आखिर लिखित शिकायत के दो दिन बाद भी अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई। आयोग ने डीसीपी नई दिल्ली को नोटिस जारी करते हुए 25 अप्रैल तक कार्रवाई की रिपोर्ट और गिरफ्तारियों का ब्योरा मांगा है। साथ ही मुकदमे में देरी का कारण भी बताने को कहा है।

स्वाति मालीवाल ने अपनी वीडियो में कहा है, "शिकायतकर्ता ने आयोग को सूचित किया है कि एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति भारतीय कुश्ती महासंघ में अपने कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के अपराध में शामिल रहा है।"

इस वीडियो में ये भी दावा किया गया है कि शिकायतकर्ताओं ने आयोग को बताया है कि मामले में एफआईआर दर्ज करने के बजाय, कुछ शिकायतकर्ताओं और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी पहचान के बारे में खेल मंत्रालय में तैनात एक आईपीएस अधिकारी के फोन कॉल आने लगे हैं।

इस पूरे मामले में किरकिरी होने के बाद अब दिल्ली पुलिस भी नींद से जागी है। सोमवार को पुलिस ने बयान जारी कर कहा है, ''भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के बीच दिल्ली पुलिस ने उनकी शिकायत की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।''

बार-बार कोशिश के बावजूद सरकार की तरफ़ से नहीं मिली कोई प्रतिक्रिया

बता दें कि रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन पहलवानों ने बताया था कि बार-बार कोशिश करने के बावजूद सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है, जिसके चलते उन्हें तीन महीन बाद फिर सड़क पर उतरने की जरूरत पड़ी है। पहलवानों का कहना है कि वो लोग तीन महीने से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और अन्य संबंधित प्राधिकरण से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन समिति के सदस्य न तो उन्हें जवाब दे रहे हैं और न ही उनका फोन उठा रहे हैं। खेल मंत्रालय भी पूरी तरह चुप है।

ज्ञात हो कि इस साल जनवरी में तीन दिन लगातार हुए विरोध प्रदर्शन और कई दौर की बातचीत के बाद खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और इस समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। बाद में, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा दो सप्ताह और बढ़ा दी और बीजेपी नेता और पहलवान बबीता फोगट को जांच पैनल में छठे सदस्य के रूप में शामिल कर लिया गया। समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी लेकिन मंत्रालय ने अभी तक न तो रिपोर्ट को और न ही अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक किया है।

राष्ट्रमंडल और एशियाई दोनों खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगट ने मीडिया से कहा, ''हम किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करेंगे। पिछली बार हम गुमराह हुए थे। हमें उम्मीद है कि इस बार इस मामले में कोई राजनीति नहीं होगी।''

विरोध का समर्थन करने वाली सभी पार्टियों का स्वागत

वहीं ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा कि इस बार विरोध में शामिल होने के लिए सभी पार्टियों का स्वागत है, चाहे वह भाजपा, कांग्रेस, आप, या कोई अन्य पार्टी हो। हम किसी भी पार्टी से संबद्ध नहीं हैं। लेकिन इस बार हम किसी को मना नहीं करेंगे और जो भी हमारे विरोध का समर्थन करना चाहता है, वह आ सकता है और इसमें शामिल हो सकता है।

पहलवान विनेश फोगाट ने रात में एक तस्वीर को ट्वीट किया जिसमें लिखा, "पोडियम से फुटपाथ तक। आधी रात खुले आसमान के नीचे न्याय की आस में।"

गौरतलब है कि 18 जनवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ एकाएक उस वक्त खबरों में आ गया था, जब देश के जाने माने दिग्गज पहलवान फेडरेशन के खिलाफ राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने बैठ गए थे। इन पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कुश्ती संघ को मनमाने तरीक़े से चलाने का आरोप लगाया था। धरने पर बैठी महिला कुश्ती खिलाड़ियों ने महासंघ के प्रेसिडेंट पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए थे। बाद में इस प्रदर्शन में 200 से ज्यादा खिलाड़ी शामिल हो गए। ये शायद पहली बार था ओलंपिक्स, एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को कई पदक दिलाने वाले कुश्ती खिलाड़ी धरने पर बैठे हों और संघ पर यौन शोषण, अत्याचार और साजिश का आरोप लगाया लगा रहे हों।

पहलवानों का प्रदर्शन शुरू होने के बाद 18 जनवरी को ही अपने ऊपर लगे आरोपों पर बृजभूषण शरण सिंह ने मीडिया के सामने सफाई दी थी। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि अगर आरोप सही साबित हुए तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये खिलाड़ी ट्रायल में भाग नहीं लेना चाहते। इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

कई दौर की बातचीत और फिर धरना ख़त्म लेकिन सवाल बरकरार

इसी दिन खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगते हुए 72 घंटों के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया था। वहीं, 18 जनवरी से लखनऊ में शुरू होने वाले महिला पहलवानों का कैंप भी रद्द कर दिया गया था। फिर 19 जनवरी और 20 जनवरी को भी इन पहलवानों का प्रदर्शन जारी रहा था और इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्रालय और मंत्री अनुराग ठाकुर से बातचीत का दौर भी।

20 जनवरी को ही लगभग सात घंटे लंबी चली मीटिंग में मंत्रालय और खिलाड़ियों के बीच आपसी सहमति बनी और देर रात करीब 1 बजे एक ज्वाइंट प्रेस वार्ता में धरना प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान पहलवानों की ओर से किया गया। वहीं खेल मंत्री ने जांच कमेटी के गठन और जांच तक अध्यक्ष बृजभूषण सिंह को पद से अलग रहने की घोषणा की थी।

अब पहलवान एक बार फिर न्याय की आस में सड़कों पर उतर आए हैं और इस बार डटे रहने की ठान कर भी आए हैं, ऐसे में देखना है कि आज ही मणिपुर में चल रहे खेल मंत्रियों के चिंतन शिविर में खिलाड़ियों की जीत का जश्न मनाने के साथ-साथ उनकी मदद का ज्ञान देने वाले पीएम मोदी अपने घर से महज़ कुछ किलोमीटर की दूरी पर बैठे इन खिलाड़ियों की क्या मदद करते हैं।

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