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हिन्दवी उत्सव: "हिंदी विभिन्न भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ती है"

‘हिन्दवी उत्सव’ दो सत्र में आयोजित किया गया। पहले सत्र में 'रचना में नया क्या’ विषय पर चर्चा हुई वहीं दूसरे सत्र में ‘कविता-संध्या’ हुई।
हिन्दवी उत्सव: "हिंदी विभिन्न भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ती है"

रेख़्ता फाउंडेशन की हिन्दवी वेबसाइट की ओर से राजधानी दिल्ली के साहित्य अकादमी में 'हिन्दवी उत्सव' का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में हिंदी भाषा के साहित्यकार, लेखक और हिंदी भाषा प्रेमी शामिल हुए।

साल 2020 में 31 जुलाई को प्रेमचंद जयंती के मौके पर इस वेबसाइट की शुरुआत की गई थी। वेबसाइट ने इस क्रम में अपना दूसरा स्थापना दिवस मनाया।

शनिवार 30 जुलाई को आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा के प्रख्यात साहित्यकार और आलोचक विश्वनाथ त्रिपाठी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

हिन्दवी उत्सव’ दो सत्र में आयोजित किया गया। पहले सत्र में 'रचना में नया क्या’ विषय पर चर्चा हुई वहीं दूसरे सत्र में ‘कविता-संध्या’ हुई। पहले सत्र में विमर्श के दौरान यह चर्चा की गई साहित्य को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से साहित्य में क्या नया है या हो सकता है और इस पर हिंदी भाषा के साहित्यकार और लेखक क्या सोचते हैं।

वहीं दूसरे सत्र में हिंदी के नामचीन कवि-व्यक्तित्वों का रचना-पाठ हुआ। दोनों सत्रों में हिंदी के महत्त्वपूर्ण रचनाकारों नरेश सक्सेना, अशोक वाजपेयी, आलोक धन्वा, दिनेश कुमार शुक्ल, शुभा, श्यौराज सिंह बेचैन, गगन गिल, सविता सिंह, धीरेंद्र नाथ तिवारी, गरिमा श्रीवास्तव, व्योमेश शुक्ल और सुदीप्ति जैसे प्रख्यात साहित्यकार मौजूद रहे।

इस अवसर पर चर्चा के दौरान मुख्य अतिथि विश्वनाथ त्रिपाठी ने कहा, "कविता से लड़ाइयां बाहर नहीं हो सकतीं"। रेख़्ता फाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ़ ने इस मौके पर कहा, “हिंदी वह भाषा है जो विविध भारतीय भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ती है। उन्होंने कहा कि रेख़्ता फाउंडेशन का उद्देश्य भारतीय साहित्य, कला और संस्कृति को संरक्षित करना और बढ़ावा देना है और इसी क्रम में फाउंडेशन हिन्दवी उत्सव आयोजित कर रहा है। यह उत्सव हिंदी भाषा के विभिन्न आयामों का समारोह है जो भारतीय दर्शन और जीवन शैली का आधार एवं सार है।

ज्ञात हो कि ‘हिन्दवी’ वेबसाइट पर इस समय हिंदी काव्य-परंपरा के सभी प्रमुख कवियों और अलक्षित कवियों सहित 900 से अधिक नए-पुराने कवियों की 10,000 से अधिक कविताएं, 1200 पद, 1800 दोहे और लगभग 400 से अधिक लोकगीत उपलब्ध हैं जिन्हें हिंदी काव्य-परंपरा के विभिन्न विभागों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें छंद के भिन्न-भिन्न अनुशासनों और कालक्रमानुसार कविता को श्रेणीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही समकालीन विमर्शों से संबंधित कविता, विषयानुसार कविता और लोकप्रिय कविता भी मौजूद हैं। साथ-ही-साथ ‘हिन्दवी ब्लॉग’ के माध्यम से साहित्य संसार के प्राचीन और प्रासंगिक को पहलू नियमित रखने का प्रयास किया गया है। इस क्रम में 90 से अधिक रचनाकारों की 225 से अधिक पोस्ट्स और स्तंभ ‘हिन्दवी ब्लॉग’ पर उपलब्ध हैं।

ज्ञात हो कि हिन्दवी ने ‘संगत’ की भी शुरुआत की है। यह एक ऐसी नवीनतम सीरीज़ है जिसके अंतर्गत साहित्य-संस्कृति-संसार के प्रसिद्ध व्यक्तित्वों के वीडियो साक्षात्कार प्रस्तुत और प्रसारित किए जाएंगे। साथ-ही-साथ हिन्दवी में हिंदी की सौ श्रेष्ठ कहानियों के संग्रह को भी पाठकों के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है।

साल 2020 में अपने शुरुआत के बाद से ही हिन्दवी ने कई महत्त्वपूर्ण आयोजन और संग्रह पाठकों के लिए प्रस्तुत किए हैं। इनमें ‘इसक’ भी है जो हिन्दवी का वार्षिक आयोजन है जिसमें 21वीं सदी के प्रमुख 21 कवियों की कविताओं को प्रस्तुत किया गया है जिन्होंने बीते 21 वर्षों में हिंदी कविता संसार में अपनी अस्मिता और उपस्थिति को पाया और पुख़्ता किया है। वहीं कोरोना कविता: हिन्दवी द्वारा कोरोना समय में प्रस्तुत हिंदी कविता संवेदनशील और महत्त्वपूर्ण दस्तावेज है। यह कोरोना महामारी में संभव हुई हिंदी कविता का संग्रह है। 'नई सृष्टि नई स्त्री' में वेबसाइट ने 21 स्त्री-कवियों का चयन किया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी विभिन्न स्तंभों जैसे वर्षा विशेष, छंद-संसार, क़िस्से कवियों के, आज का उद्धरण, शब्द-संसार, शीर्षक-संसार, पत्रिका-पहुंची, पुस्तक-संसार, ज्ञान-संसार, कहन-संसार और सूक्तिसंसार इत्यादि के माध्यम से समय-समय हिन्दवी द्वारा प्रयोग किए जा रहे हैं।

रेख़्ता फ़ाउंडेशन के उपक्रम ‘हिन्दवी’ के हिंदी साहित्य को डिजिटल माध्यम में संरक्षित और संकलित करने के लिए शुरू किए गए प्रयास को हिंदी साहित्य-जगत, विभिन्न कला-क्षेत्रों और सामाजिक सरोकारों से जुड़े महत्त्पूर्ण लोगों द्वारा सराहा गया है।

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