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केरल: एक और व्यक्ति निपाह वायरस की चपेट में, सरकार बढ़ाएगी जांच

स्थिति का जायज़ा लेने के लिए कोझिकोड कलेक्टरेट में एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। बैठक के बाद बताया गया कि वायरस से संक्रमित नौ साल का लड़का वेंटिलेटर सपोर्ट पर है।
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फाइल फ़ोटो। PTI

कोझिकोड (केरल): केरल के कोझिकोड जिले में 39 वर्षीय एक व्यक्ति के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति एक संक्रमित मरीज के सीधे संपर्क में आया था जिसकी 30 अगस्त को संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण राज्य सरकार ने उन सभी लोगों की जांच का फैसला किया जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और जिनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है।

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि व्यक्ति ने एक निजी अस्पताल में इलाज की मांग की थी।

स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां कोझिकोड कलेक्टरेट में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जॉर्ज के अलावा मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास, अहमद देवरकोविल और ए. के. शशिंद्रन ने हिस्सा लिया।

बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए जॉर्ज ने कहा कि वायरस से संक्रमित नौ साल का लड़का वेंटिलेटर सपोर्ट पर है, उसके अलावा प्रभावित अन्य लोगों की स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है।

उन्होंने कहा कि संदेह है कि उपचाराधीन मरीज उस व्यक्ति से संक्रमित हुआ था जिसकी 30 अगस्त को मृत्यु हो गई थी।

जॉर्ज ने कहा, ‘‘इसलिए, हमने उन सभी लोगों की जांच करने का निर्णय लिया है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं और उनके संक्रमित होने का जोखिम अधिक है, भले ही उनमें कोई लक्षण नहीं हों। वर्तमान में हमारे पास कोझिकोड में दो अतिरिक्त केंद्र हैं। हमारे पास राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी) से एक मोबाइल लैब हैं, दो मशीनें हैं जो एक समय में 96 नमूनों की जांच कर सकती हैं।’’

नियम के मुताबिक केवल उन्हीं लोगों के नमूनों की जांच की जा सकती है जिनमें लक्षण दिखें। मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन यहां हमने उन सभी लोगों के नमूनों की जांच करने का फैसला किया है जो उच्च जोखिम वाली श्रेणी के संपर्क हैं। हमारे पास आरजीसीबी से मोबाइल लैब और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब है।’’

उन्होंने कहा कि आरजीसीबी की मोबाइल टेस्टिंग लैब के साथ-साथ पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की मोबाइल लैब भी राज्य में पहुंच गई है, जिससे जांच और परिणामों की पुष्टि की गति बढ़ जाएगी।

पुणे में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एनआईवी ने बृहस्पतिवार को जिले में वायरस के नमूनों की जांच के लिए कोझिकोड में अपनी मोबाइल बीएसएल -3 (बायोसेफ्टी लेवल -3) प्रयोगशाला भेजी थी। कोझिकोड में संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है।

स्थिति का जायजा लेने और निपाह संक्रमण के प्रबंधन में राज्य सरकार की सहायता करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) के विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम को केरल में भेजा गया है।

 यह चौथी बार है जब राज्य में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। 2018 और 2021 में कोझिकोड में और 2019 में एर्नाकुलम में इसका पता चला था।

जिला प्रशासन ने पहले ही कोझिकोड में बृहस्पतिवार और शुक्रवार के अलावा शनिवार (16 सितंबर) को शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी है।

बुधवार को 24 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी निपाह से संक्रमित हो गया जो संक्रमण का पांचवां मामला था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर के अध्ययन से पता चला है कि सिर्फ कोझिकोड ही नहीं बल्कि पूरा राज्य इस तरह के संक्रमण की चपेट में है।

वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक सावधानी बरतनी होगी। अध्ययन में कहा गया है कि नया वायरस जंगली क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे के भीतर उत्पन्न हुआ है।

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