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किसान आंदोलन : सांसदों को प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिलने से रोका गया, पानी व मूल सुविधाएँ नहीं देने पर एनएचआरसी में याचिका दायर

विपक्षी दलों के 15 सांसदों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर जाने से रोका दिया। दूसरी तरफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ लगाकर किए जा रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर कांग्रेस ने मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर की है।
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नयी दिल्ली:  केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात करने जा रहे दस विपक्षी दलों के 15 सांसदों को पुलिस ने बृहस्पतिवार को ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर जाने से रोक दिया। दूसरी तरफ़ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ लगाकर किए जा रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर कांग्रेस ने मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर की है। जबकि हरियाणा सरकार ने हरियाणा के कुछ इलाकों में इंटरनेट की बहाली कर दी है, हालाँकि अभी भी पांच जिलों मे पुरी तरह से नेट बंद है, जिससे लोगो को कई तरह की समस्या आ रही है।

प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने जा रहे 15 सांसदों के समूह में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) , द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और तृणमूल कांग्रेस समेत अन्य दलों के सांसद शामिल थे।

शिअद नेता हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि नेताओं को अवरोधकों को पार करने और प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी गई।

हरिसमरत के अलावा राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, द्रमुक से कनिमोई और तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय इस समूह का का हिस्सा थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस, रेव्ल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडिनय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य भी इसमें शामिल थे।

इससे पहले बुधवार को संसद में एक चर्चा के दौरान अनेक विपक्षी दलों ने सरकार से तीनों विवादित कानूनों को वापस लेने और प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ ‘दुश्मनों’’ जैसा बर्ताव नहीं करने की अपील की थी।

ल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कायम है और यह अहम प्रदर्शन स्थलों में से एक है और यहां हजारों की संख्या में किसान केन्द्र से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर डेरा डाले हुए हैं।

गाजीपुर बॉर्डर :  लगाई गई कीलों का ‘स्थान बदला’ जा रहा है

किसानों के आवागमन को रोकने के मद्देनजर गाजीपुर सीमा पर सड़कों पर लगायी गयी कीलों का ‘‘स्थान परिवर्तित’’ किया जा रहा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।

गाजीपुर सीमा के पास से कीलों को निकालते कर्मचारियों के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस का यह बयान आया है। पुलिस उपायुक्त (पूर्व) दीपक यादव ने कहा कि सीमा पर सुरक्षा के इंतजाम यथावत रहेंगे।

उन्होंने कहा,‘‘ ऐसे फोटो और वीडियो सार्वजनिक हो रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि गाजीपुर में कीलें निकाली जा रही हैं। लेकिन इनका स्थान बदला जा रहा है और सीमा पर सुरक्षा इंतजाम यथावत रहेंगे।’’

गौरतलब है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट की किसानों से भावनात्मक अपील के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसानों के आने के मद्देनजर गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा इंतजाम लगातार पुख्ता किए जा रहे हैं। प्रदर्शन पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है।

 

दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित रूप से पानी और अन्य मूल सुविधाएं नहीं मिलने को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में बुधवार को एक शिकायत दी।

प्रदेश कांग्रेस के विधि और मानवाधिकार विभाग के प्रमुख सुनील कुमार ने कहा कि विभाग के सदस्य आयोग के अधिकारियों से मिले और अवरोधक लगाने और दिल्ली की सीमाओं पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों को पानी, चिकित्सा एवं अन्य मूल सुविधाएं नहीं देने को लेकर याचिका दायर की।

कुमार ने कहा, "हमने एनएचआरसी के अधिकारियों से तत्काल एक टीम गठित करने और किसानों की दुर्दशा का आकलन करने के लिए दिल्ली की सीमाओं का दौरा करने की अपील की।"

हरियाणा के पानीपत और चरखी दादरी में मोबाइल इंटरनेट पर लगा प्रतिबंध हटाया गया

हरियाणा सरकार ने राज्य में पानीपत और चरखी दादरी में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लगाये गये प्रतिबंध को बुधवार को हटा लिया। हालांकि, राज्य के पांच अन्य जिलों में चार फरवरी को शाम पांच बजे तक ये सेवाएं निलंबित रहेंगी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच राज्य के कुछ जिलों में शांति और लोक व्यवस्था में किसी भी तरह की खलल को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था।

अधिकारी ने कहा कि पानीपत और चरखी दादरी जिलों में अब यह प्रतिबंध हटा लिया गया है ।

हालांकि, राज्य सरकार ने पांच जिलों-कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत और झज्जर में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), एसएमएस सेवाओं (सामूहिक रूप से भेजे वाले एसएमएस) और सभी डोंगल सेवाओं आदि के निलंबन को चार फरवरी, शाम पांच बजे तक के लिए बढ़ा दिया है।

 

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

 

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