म्यांमार में भूस्खलन से 160 से अधिक खनिकों की मौत
गुरुवार 2 जुलाई को म्यांमार के उत्तरी काचिन प्रांत में कम से कम 162 खनिक ज़िंदा दफन हो गए जबकि कई अभी भी लापता हैं। ये घटना तब हुई जब खनिक हपाकांत टाउनशिप के पहाड़ी इलाके में पत्थर जमा कर रहे थे।
घटना के वीडियो फुटेज से पता चलता है कि भारी बारिश के चलते खदान स्थल पर कीचड़ फैल गया जिससे पूरा क्षेत्र डूब गया। देश के अग्निशमन विभाग ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "भारी बारिश के चलते फैले कीचड़ से जेड माइनर्स (jade miners) दब गए।"
बचाव अभियान जारी है ऐसे में मौत की संख्या बढ़ सकती है। इस नुकसान की तस्वीर में मृत शरीर को उठाए जाने से पहले इन शवों को पानी पर बहते हुए देखा जा सकता है।
म्यांमार को दुनिया में जेड का प्रमुख स्रोत माना जाता है। हालांकि, इस उद्योग का ट्रैक रिकॉर्ड उपकरण विफलताओं और अन्य दुर्घटनाओं के इतिहास से जुड़ा हुआ है। पिछले साल, देश भर में खनन स्थलों पर लगभग 54 खनिकों ने अपनी जान गंवा दी थी। म्यांमार में कम वेतन वाले प्रवासियों श्रमिकों की स्थितियां जोखिम भरी हैं। मानसून के मौसम में जेड खदानें विशेष रूप से ख़तरनाक हो जाती हैं।
श्रम अधिकारों के लिए काम करने वाले कई संगठनों ने विन माइंट के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार की आलोचना की है जो जेड खनन के आसपास "आकर्षक व्यवसाय" को नियंत्रित करने में विफल रही है। स्थानीय श्रोतों के अनुसार, म्यांमार में जेड उद्योग को मुख्य रूप से सैन्य विशिष्ट वर्ग और निजी समूहों द्वारा नियंत्रित किया जाता है और ख़राब तरीक़े से नियंत्रित किया जाता है।
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