चंडीगढ़ सीमा पर पंजाब-हरियाणा के किसानों का 'महापड़ाव'

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर चंडीगढ़ की सीमाओं पर डेरा डाल दिया है। किसान जत्थेबंदियों ने इसे 'महापड़ाव' का नाम दिया है। पंजाब से लगभग बीस हजार किसान मोहाली में डट गए हैं। 33 किसान संगठन उनकी अगुवाई कर रहे हैं। हरियाणा की ओर से 17 किसान संगठन पंचकूला में मोर्चा डाले हुए हैं।
किसान संगठनों के मुताबिक फिलहाल आंदोलन तीन दिन के लिए है लेकिन अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो धरना-प्रदर्शन अनिश्चितकालीन भी हो सकता है। किसानों का चंडीगढ़ में प्रवेश रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की ओर से मोहाली-चंडीगढ़ और पंचकूला-चंडीगढ़ सीमा पर कड़ी नाकेबंदी की गई है। चंडीगढ़ पुलिस ने यातायात एडवाइजरी में कहा है कि आंदोलन के मद्देनजर कई सड़कें और मोहाली में शहीद भगत सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की ओर जाने वाला रास्ता 28 नवंबर तक बंद रहेगा।
पंजाब के किसानों ने बीते हफ्ते जालंधर में जबरदस्त धरना दिया था और सड़क तथा रेल ट्रैक जाम कर दिया था। मुख्यमंत्री से आश्वासन के बाद धरना उठा था।
भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के सचिव रणवीर सिंह कहते हैं, "हाल ही में हुई बैठक में गन्ने की कीमत बढ़ाने पर फैसला हो गया था, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान अब टालमटोल कर रहे हैं। इससे किसानों में गहरा रोष है। हमारी लड़ाई पंजाब सरकार के खिलाफ ही नहीं बल्कि केंद्र के खिलाफ भी है। गन्ने की फसल खरीद के दाम घोषित किए जाने चाहिए।"
गौरतलब है कि किसान 2020-21 के आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग भी कर रहे हैं। साथ ही आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवारों के किसी एक सदस्य के लिए मुआवजा और नौकरी, कर्ज माफी और पेंशन की मांग भी कर रहे हैं।
किसान नेता हरिंदर सिंह के मुताबिक, "अभी हम चंडीगढ़ बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। धरना दिल्ली तक जा सकता है। इसलिए भी कि दिल्ली ने भी हमारे साथ इंसाफ नहीं किया।" वरिष्ठ किसान नेता रुलदु सिंह मानसा कहते हैं कि किसान विरोधी सरकारी नीतियां हमें बार-बार धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर करती हैं, लेकिन हम थकने या हरने वाले नहीं।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहा) के महासचिव सुखदेव सिंह कोरीकलां के अनुसार चंडीगढ़ सीमा पर किसानों के जमावड़े ने दिल्ली बॉर्डर पर एक साल से ज्यादा समय तक चले किसान मोर्चे की यादें ताजा कर दी हैं।
आज गुरु नानक जयंती है और किसानों ने धरना स्थल पर ही गुरुपर्व मनाया। किसान नेताओं का कहना है कि मांगे पूरी करवाने के लिए देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। ये खबर लिखे जाने तक किसानों का चंडीगढ़ कूच जारी है। सूबे के तमाम हिस्सों से किसान चंडीगढ़ की ओर जा रहे हैं। महिलाओं और बुजुर्गों की तादाद भी काफी है। सैकड़ों की तादाद में ट्रैक्टर-ट्रालियां राज्य की राजधानी की सीमा तक जा रही हैं।
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