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मणिपुर हिंसा : कुकी समुदाय के सदस्यों ने अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थामे रखी थीं, जिन पर लिखा था कि ‘‘कुकी समुदाय के लोगों के जीवन की रक्षा करें।’’ प्रदर्शनकारियों ने नारे भी लगाए।
Kuki
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मणिपुर के कुकी समुदाय के सदस्यों ने पूर्वोत्तर के राज्य में जारी हिंसा के विरोध में बुधवार को यहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां थामे रखी थीं, जिन पर लिखा था कि ‘‘कुकी समुदाय के लोगों के जीवन की रक्षा करें।’’ प्रदर्शनकारियों ने नारे भी लगाए।

पुलिस के मुताबिक, गृह मंत्री के साथ बैठक के लिए चार प्रदर्शनकारियों को उनके आवास के अंदर जाने की अनुमति दी गई, जबकि बाकी को जंतर मंतर भेज दिया गया।

मणिपुर में एक महीने पहले भड़की जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान जा चुकी है और 310 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राज्य में फिलहाल कुल 37,450 लोगों ने 272 राहत शिविरों में शरण ले रखी है।

मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा हुई थी।

उधर मणिपुर सरकार ने मंगलवार को इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध दस जून तक के लिए बढ़ा दिया है।

आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवा पर रोक को दस जून अपराह्न तीन बजे तक के लिए बढ़ाया गया है। ये प्रतिबंध तीन मई को लगाए गए थे।

ज्ञात हो कि शांति बहाली के लिए  राज्य में सेना और असम रायफल्स के कम से कम 10 हजार जवानों को राज्य में तैनात किया गया है।

बता दें कि मणिपुर के काकचिंग जिले के सुगनू में नाराज ग्रामीणों ने एक खाली पड़े शिविर में आग लगा दी थी, जहां यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के उग्रवादी सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद ठहरे थे।

पुलिस ने गत सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि आगजनी के दौरान यह शिविर खाली था।

उग्रवादियों द्वारा काकचिंग जिले के सेरौ में सुगनू से कांग्रेस विधायक के. रंजीत के आवास सहित कम से कम 100 मकानों को शनिवार रात आग के हवाले किए जाने के बाद से ग्रामीण गुस्से में हैं।

पुलिस ने सोमवार को बताया था कि पिछले दो दिन से उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच करीब चौबीसों घंटे गोलीबारी हो रही है।

आगजनी से पहले रविवार को भारतीय रिज़र्व बटालियन और सीमा सुरक्षा बल सहित राज्य पुलिस के संयुक्त बलों की ग्राम स्वयंसेवकों के साथ नाज़रेथ शिविर में उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ हुई, जिसके बाद उग्रवादी अपना शिविर छोड़कर भाग गए। ग्रामीणों ने बाद में रविवार रात शिविर को आग के हवाले कर दिया, जिसमें नए भर्ती हुए कुकी उग्रवादियों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था।

पुलिस ने बताया था कि एक अन्य घटनाक्रम में अज्ञात लोगों ने रविवार को इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में कुछ मकानों में आग लगा दी।

गौरतलब है कि मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ

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