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नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा को बहुमत, त्रिपुरा में भाजपा की जीत, मेघालय में किसी पार्टी को बहुमत नहीं

नगालैंड में सत्तारूढ़ एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने बृहस्पतिवार को हुए मतगणना में 37 सीटों पर जीत दर्ज कर लिया है। वहीं त्रिपुरा भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है जबकि मेघालय में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया है।
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नगालैंड विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन को बहुमत मिला है। गठबंधन को राज्य में 37 सीटों पर जीत हासिल हुई है। वहीं त्रिपुरा में भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा पार करते हुए जीत हासिल कर ली है। जबकि मेघालय में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। राज्य में नेशनल पीपल्स पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

नगालैंड

सत्तारूढ़ एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने बृहस्पतिवार को 37 सीट जीतकर 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया। निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी।

आयोग ने कहा कि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने 25 सीट जीती हैं जबकि उसके घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 12 सीट जीती हैं।

एनडीपीपी और भाजपा ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। एनडीपीपी ने 40 सीट पर और भाजपा ने 20 सीट पर प्रत्याशी उतारे थे।

नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा की 59 सीटों पर उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। जुनहेबोटो जिले में अकुलुतो सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार एवं मौजूदा विधायक कझेतो किनिमी निर्विरोध चुनाव जीत गए।

पिछले विधानसभा चुनाव में 26 सीटें जीतने वाली एनपीएफ ने 22 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनमें से एक ने नाम वापस ले लिया और उसके 21 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा।

कुल 19 उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे थे।

राज्य में मतदाताओं में 6,47,523 पुरुष और 6,49,876 महिला मतदाता थे।

त्रिपुरा

त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है। इस चुनाव में उसे 32 सीट हासिल हुए है। वहीं सीपीआईएम ने 11 सीटों पर अपना जीत दर्ज किया है। जबकि टिपरा मोथा को 13 सीट मिली है। वहीं कांग्रेस को 3सीटें प्राप्त हुई हैं।

बता दें कि त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीट पर 16 फरवरी को हुए चुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हुई। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) तथा वाम मोर्चा-कांग्रेस के गठबंधन और पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा द्वारा बनाई गई नयी पार्टी टिपरा मोथा के बीच एक मुकाबला देखा गया।

राज्य में 16 फरवरी को हुए मतदान में कुल 28.12 लाख मतदाताओं में से 89.98 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। विभिन्न राजनीतिक दलों के 259 उम्मीदवार मैदान में थे।

मेघालय

वहीं मेघालय में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया है। नेशनल पीपल्स पार्टी ने सबसे ज़्यादा 26 सीटों पर जीत दर्ज किया है। दूसरे स्थान पर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी रही जिसे इस चुनाव में 11 सीटें मिली हैं। वहीं कांग्रेस को 5 जबकि बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर जीत हासिल हुआ है।

मेघालय की 59 विधानसभा सीटों के लिए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हुई। राज्य की 60 विधानसभा सीट में से 59 के लिए 27 फरवरी को मतदान हुआ था। मतों की गिनती राज्य के 13 केंद्रों पर हुई।

मेघालय में 369 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। राज्य में 21.6 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के योग्य थे। कुल 369 उम्मीदवारों में से 36 महिलाएं थीं, जिनमें से सबसे अधिक 10 महिला उम्मीदवार कांग्रेस की थीं। सोहियोंग विधानसभा सीट पर एक उम्मीदवार के निधन के कारण इस सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया।

बता दें कि चुनावों के इन परिणामों की घोषणा के बाद कांग्रेस ने पूर्वोत्तर के तीन प्रदेशों के विधानसभा चुनाव के नतीजे को निराशाजनक बताया है और कहा है कि वह इसके कारणों पर वह विचार करेगी।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस त्रिपुरा में वाम दलों के साथ वाले गठबंधन को बहुमत मिलने की उम्मीद कर रही थी और मेघालय में भविष्य को देखते हुए टिकट दिए गए थे।

उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ पार्टियां सोच रही थीं कि कांग्रेस के लोगों को तोड़कर मजबूत बन जाएंगी, लेकिन चुनाव के नतीजों से ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

उनका कहना था, ‘‘नगालैंड में हमें उम्मीद है कि हमारा मत प्रतिशत बढ़ेगा। मेघालय में हम मानकर चल रहे थे कि हम भविष्य के लिए कांग्रेस को बना रहे हैं।’’

रमेश ने कहा, ‘‘हम नतीजों को स्वीकारते हैं और हमें संगठन को मजबूत करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा में बहुत बातचीत के बाद गठबंधन किया गया था और लोग मानकर चल रहे थे कि इस गठबंधन को बहुमत मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। ऐसा क्यों नहीं हुआ, हमें देखना होगा।’’

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