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पटना : पुरानी पेंशन समेत अन्य मांगों को लेकर कर्मचारी महासंघ का प्रदर्शन

बिहार की राजधानी पटना में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए नेताओं ने कहा कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं तो भविष्य बड़े आंदोलन किए जाएंगे।
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बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ (गोपगुट) ने राज्य के कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन लागू करने समेत अन्य प्रमुख मांगों को लेकर राजधानी पटना में प्रदर्शन किया। उनकी मांगों में प्रोन्नति पर लगी रोक हटाने, कार्यपालक सहायक, मौसमी व डीडीटी छिड़काव कर्मियों सहित संविदा-आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमित करने, नियोजित शिक्षकों को समान सेवा शर्त व राज्य कर्मी का दर्जा देने समेत 11 सूत्री मांगें शामिल हैं जिसको पूरा करने को लेकर आज विधान सभा के चालू बजट सत्र के दौरान पटना के गर्दानीबाग में मुख्यमंत्री के समक्ष हजारों की संख्या में राज्य कर्मियों-शिक्षकों,संविदा कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया गया।

इन कर्मचारियों के जुलूस चितकोहरा पुल से निकलकर गर्दनीबाग धरना स्थल तक जैसे ही पहुंचा बिहार विधानसभा की ओर जाने वाले गेट को वहां मौजूद दंडाधिकारी द्वारा बंद कर दिया गया जिसके कारण प्रदर्शनकारियों द्वारा नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन स्थल पर ही सभा का आयोजन किया गया।

प्रदर्शन का नेतृत्व महासंघ( गोपगुट) के राज्य अध्यक्ष निरंजन कुमार सिन्हा एवं महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा ने की। प्रदर्शनकारियों को विधान परिषद सदस्य श्री सर्वेश कुमार ने संबोधित किया और राज्य कर्मियों-शिक्षकों की मांगों को बिहार विधान परिषद के माध्यम से सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया।

इस सभा को गोप गुट के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, मुख्य संरक्षक महेंद्र राय, एक्टू राष्ट्रीय सचिव रणविजय कुमार, शशि यादव, एनएमओपीएस बिहार के प्रदेश अध्यक्ष वरुण पांडे, महासचिव शशि भूषण कुमार के साथ साथ अन्य नेताओं ने संबोधित किया।

इन नेताओं ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने, प्रोन्नति पर लगी रोक वापस लेने, संविदा-आउटसोर्स कर्मियों की सेवा नियमित करने, नियोजित शिक्षकों को सामान सेवाशर्त व राज्य कर्मी का दर्जा देने, नवनियुक्त राजस्व कर्मी-पंचायत सचिव, एएनएम सहित अन्य कर्मियों को गृह जिला अथवा निकटस्थ जिला में पदस्थापित करने, किसान सलाहकारों को जनसेवक में समायोजित करने, कार्यपालक सहायकों-डाटा एंट्री ऑपरेटर को निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर समायोजित करने, लोहिया स्वच्छ अभियान में कार्यरत कर्मियों की सेवा नियमित करने, डीडीटी-मलेरिया छिड़काव कर्मी, मौसमी कर्मियों, पशु स्वास्थ्य टीका कर्मी की सेवा नियमित करने, स्कीम वर्करों (आशा, ममता, रसोईया, आगनबाड़ी सेविका-सहायिका) को न्यूनतम 21000 मासिक मानदेय का भुगतान करने, आईटीआई अनुदेशकों का ग्रेड पे 4600 रुपये करने, पुलिस चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पुलिसकर्मियों के अनुरूप 13 माह के वेतन का भुगतान करने, केंद्र के अनुरूप मकान किराया भत्ता का भुगतान करने, कार्यभारित कर्मियों की सेवा नियमित करने, मृत शिक्षकों के आश्रितों को बिना प्रशिक्षित हुए भी अनुकंपा का लाभ देने, NIOS से प्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित मानते हुए वेतन वृद्धि का लाभ देने, सभी रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्ति करना आदि 11 सूत्री मांगों को शीघ्र पूरा करने की राज्य सरकार से पुरजोर मांग की। नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि मांग न पूरी होने पर आने वाले दिनों में और बड़े आंदोलन व हड़ताल किए जाएंगे।

प्रदर्शन स्थल पर मौजूद दंडाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्री मांगों से संबंधित मांग पत्र सौंपा गया।

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