पॉक्सो के अभियुक्त को नहीं मिले दया याचिका का अधिकार : कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को कहा कि पॉक्सो क़ानून के अधीन आने वाली घटनाओं में अभियुक्तों को दया के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए और उन्हें इस तरह का अधिकार दिए जाने की कोई ज़रूरत नहीं है।
राष्ट्रपति माउंट आबू में ब्रह्मकुमारी के मुख्यालय में सामाजिक परिवर्तन के लिए महिला सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन कर रहे थे।
महिलाओं व बच्चियों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों का ज़िक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "इस तरह के जो अभियुक्त होते हैं उन्हें संविधान में दया याचिका अधिकार दिया गया है। और मैंने कहा है कि इस पर आप पुनर्विचार करिए।"
उन्होंने कहा, "पॉक्सो एक्ट के तहत आने वाली घटनाओं में उनको (अभियुक्तों को) दया याचिका के अधिकार से वंचित कर दिया जाए। उन्हें इस प्रकार के किसी भी अधिकार की ज़रूरत नहीं है।"
कोविंद ने कहा कि इस बारे में कोई क़दम संसद को उठाना है। कोविंद ने कहा, "अब यह सब हमारी संसद पर निर्भर करता है। उसमें एक संविधान है और उसमें संशोधन करने के लिए हम सब की सोच आगे बढ़ रही है।"
राष्ट्रपति ने कहा, "महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाक़ी है।"
उन्होंने कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में ‘महिलाओं के प्रति सम्मान’ की भावना मज़बूत बनाने की ज़िम्मेदारी हर माता-पिता की है।
(भाषा से इनपुट के साथ)
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