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दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में दाखिल किया आरोपपत्र

‘‘पॉक्सो मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा ख़ुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सीआरपीसी की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाख़िल की है।’’
brij bhusan
फ़ोटो : PTI

दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न तथा पीछा करने के अपराधों को लेकर भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बृहस्पतिवार को आरोपपत्र दाखिल किया और एक नाबालिग पहलवान द्वारा उनके खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा कि ‘‘ कोई पुख्ता सबूत नहीं’’ मिले।

सरकार ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था।

दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) सुमन नालवा ने एक बयान में बताया कि पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में शिकायतकर्ता यानी नाबालिग के पिता तथा स्वयं लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करने वाली रिपोर्ट दाखिल की गई।

पटियाला हाउस अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मामले को रद्द करने की रिपोर्ट पर चार जुलाई को विचार किया जाएगा।

यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम में न्यूनतम तीन वर्ष कारावास की सजा है। हालांकि, यह उस धारा पर निर्भर करता है जिसके तहत अपराध आ रहा हो।

महिला पहलवानों की शिकायत पर दर्ज एक अन्य मामले में राउज एवेन्यू अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक कुमार ने आरोपपत्र पर विचार करने के लिए 22 जून की तारीख तय की।

विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने अदालत के बाहर बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354डी (पीछा करना) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तनाम प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग करने वाले पहलवान आरोपपत्र दाखिल होने के बाद अपने अगले कदम पर विचार कर रहे हैं।

भारतीय कुश्ती महासंघ के एक निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 109 (यदि कोई किसी को अपराध के लिए उकसाता है, यदि उकसाव के कृत्य को अंजाम दिया गया, और जहां इसके के लिए दंड कोई स्पष्ट प्रावधान न हो), 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

प्रदर्शन कर रहे पहलवान सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सात जून को ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी और पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल कर दिया जाएगा।

विशेष जांच दल ने 180 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। यह दल गोंडा में सिंह के आवास पर गया जहां उसने निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के रिश्तेदारों, सहयोगियों, घरेलू सहायकों और उनके सहयोगियों के बयान दर्ज किए।

जांचकर्ता एक महिला पहलवान को नयी दिल्ली में सिंह के आधिकारिक आवास पर भी ले गए ताकि उस घटनाक्रम का नाट्य रूपांतरण किया जा सके जो कथित अपराध का कारण बना।

पहलवानों ने निर्धारित अवधि में आरोपपत्र दाखिल नहीं होने पर फिर से विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी है।

ठाकुर ने सात जून को पहलवानों के साथ मुलाकात करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया था कि पहलवानों ने सुझाव दिया था कि मामले में आरोपपत्र 15 जून तक दाखिल किया जाए और डब्ल्यूएफआई के चुनाव 30 जून तक कराए जाएं।

पहलवानों ने यह भी सुझाव दिया था कि डब्ल्यूएफआई की एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाए, जिसकी अध्यक्षता एक महिला करे। 

इन सभी प्रस्तावों पर खेल मंत्री ने सर्वसम्मति से सहमति जताई। इस आश्वासन के बाद पहलवानों ने अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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