रोहतक : मारुति सुज़ुकी के केंद्र में लगी आग, दो कर्मियों की मौत
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हरियाणा के रोहतक स्थित मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसाई) के अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) केंद्र में ने सोमवार को आग लग गई। जिसकी वजह से वहां ठेके पर काम करने वाले कंपनी के दो कर्मियों दम घुटने से मौत हो गई।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी ने नियामक को दी गई जानकारी में बताया कि आग की घटना सोमवार को दोपहर के बाद रोहतक स्थित उसके आर एंड डी सेंटर की एक इमारत में लगी जहां पर तीसरे पक्ष की कंपनी द्वारा प्रयोगशाला का विस्तार कार्य किया जा रहा था।
देर शाम अपने बयान में कंपनी ने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है और इसकी वजहों का पता जांच अधिकारियों के साथ लगाया जा रहा है। जबकि मज़दूर संगठन सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन ने हादसे को लेकर लापरवाही का आरोप लगया। उन्होंने रेस्क्यू टीम पहुँचने में देरी और सुरक्षा मनको को पूरा न करने का भी आरोप लगाया।
हालाँकि कार निर्माता कंपनी ने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से दो लोगों की आग से मौत हो गई जो कंपनी की परियोजना को पूरा करने के लिए जिस कंपनी को ठेका दिया गया था उसके लिए काम करते थे।’’
गौरतलब है कि रोहतक आईएमटी स्थित मारुति सुजुकी के आर एंड डी इंस्टीट्यूट में अचानक आग लग जाने के चलते वहां कार्यरत दो मजदूर धुआं ज्यादा होने के कारण दम घुटने के चलते मारे गए।
एमएसआई ने कहा कि कंपनी इस जनहानि से दुखी है और शोक के इस समय में पीड़ितों के परिवार के साथ है। कंपनी ने कहा कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। एमएसआई ने रेखांकित किया कि इस घटना से कंपनी का उत्पादन या परिचालन प्रभावित नहीं हुआ है।
मृतकों की पहचना अर्जुन (26) निवासी चंपारण, बिहार व मनोज (25) निवासी लखनऊ, यूपी के तौर पर हुई है , ये दोनों यहाँ ठेके पर कार्यरत थे।
इस घटना की जानकारी लगने के तुरंत बाद देर शाम सीटू का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ट्रॉमा सेंटर पहुंचा और वहां मौजूद मृतक मजदूरों के साथियों और परिजनों से पूरे घटना के बारे में जानकारी ली और हादसे में जान गंवाने वाले दोनों मजदूरों के प्रति दुख का इजहार किया। प्रतिनिधिमंडल में सीटू जिला सचिव विनोद, जिला उपप्रधान संजीव सिंह और भोलू शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने अपना बयान जारी किया और कई गंभीर सवाल उठाए। प्रतिनिधि मण्डल ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि दोपहर 2:00 बजे के आसपास हादसा होने के बाद रेस्क्यू टीम लगभग 3 घंटे बाद पहुंची। जिस साइट पर काम चल रहा था वहां पर लगभग 6 महीने पहले फायर एनओसी मिल जानी चाहिए थी।
आज(सोमवार) हुई दुर्घटना का प्रमुख कारण अचानक हुआ शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। एनओसी मिलने के बावजूद ऐसा हादसा कैसे हुआ या कंपनी द्वारा एनओसी ली ही नहीं गई यह जांच का विषय है। सीटू नेताओं ने कहा कि हादसे का शिकार बने दोनों मजदूरों के परिजनों को 50-50 लाख मुआवजा दिया जाना चाहिए और हादसे के लिए जिम्मेवार कंपनी के लापरवाही पूर्ण रवैया के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )
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