एशियाई खेल : साबले 3000 मीटर स्टीपलचेस जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष , तूर ने फिर जीता स्वर्ण
हांगझोउ: अविनाश साबले एशियाई खेलों में पुरूषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष बन गए जबकि पुरूषों के शॉटपुट में तेजिंदर पाल सिंह तूर ने आखिरी थ्रो पर बाजी मारते हुए अपना खिताब बरकरार रखा ।
भारत ने रविवार को 15 पदक जीते जो एक दिन में सबसे अच्छा प्रदर्शन है और इसमें सबसे ज्यादा योगदान एथलेटिक्स का रहा । भारत ने आज दो स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य पदक जीते लेकिन महिलाओं की 100 मीटर बाधादौड़ फाइनल में विवाद हो गया ।
ज्योति याराजी और चीन की वु यान्नी को ‘फाल्स स्टार्ट’ के कारण अयोग्य करार दिया गया लेकिन बाद में जज ने उन्हें रेस में भाग लेने की अनुमति दी ।
चीन की लिन युवेइ ने 12 . 74 सेकंड में स्वर्ण पदक जीता जबकि यान्नी दूसरे और याराजी तीसरे स्थान पर रही थी । भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने तुरंत विरोध दर्ज किया और तकनीकी नियम 16 . 8 के तहत यान्नी को अयोग्य करार दिया गया जबकि याराजी का कांस्य पदक रजत में बदल गया।
एएफआई की सीनियर उपाध्यक्ष और लंबी कूद की पूर्व स्टार अंजू बॉबी जॉर्ज ने इसे अविश्वसनीय ड्रामा करार दिया । एएफआई अध्यक्ष और विश्व एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा कि यह मामला उच्च स्तर तक ले जाया जायेगा ताकि आइंदा ऐसा नहीं हो ।
इससे पहले 29 वर्ष के राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी साबले ने एथलेटिक्स स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया । उन्होंने 8 : 19 . 50 सेकंड में रेस पूरी की ।
उन्होंने 8 : 22 . 79 सेकंड का एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा जो 2018 जकार्ता खेलों में ईरान के हुसैन केहानी ने बनाया था । सुधा सिंह ने 2010 ग्वांग्झू एशियाई खेलों में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था ।
वहीं शॉटपुट में तूर ने पहले दो प्रयास में फाउल करने के बाद तीसरे प्रयास में 19 . 51 मीटर का थ्रो लगाया । उनका चौथा थ्रो 20 . 06 मीटर का रहा लेकिन पांचवां थ्रो फिर फाउल हो गया । उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास आखिरी थ्रो पर 20 . 36 मीटर था जिसने उन्हें स्वर्ण पदक दिलाया ।
तूर ने जकार्ता खेलों में 20 . 75 मीटर के थ्रो के साथ पीला तमगा हासिल किया था ।
सउदी अरब के मोहम्मद डोडा टोलो ने 20 . 18 मीटर के साथ रजत पदक जीता जबकि चीन के लियू यांग ने 19 . 97 मीटर के साथ कांस्य पदक हासिल किया ।
महिलाओं की 1500 मीटर दौड़ में भारत की हरमिलन बैंस ने रजत पदक जीता जबकि पुरूष वर्ग में अजय कुमार सरोज को रजत और जिंसन जॉनसन को कांस्य पदक मिला । हरमिलन की मां माधुरी सिंह ने 2002 में 800 मीटर में रजत पदक जीता था ।
अनुभवी चक्काफेंक खिलाड़ी सीमा पूनिया ने 58 . 62 मीटर के थ्रो के साथ कांस्य पदक जीता । 40 वर्ष की पूनिया ने 2014 में स्वर्ण और 2018 में कांस्य जीता था ।
पुरूषों की लंबी कूद में मुरली श्रीशंकर ने 8 . 19 मीटर की कूद के साथ रजत पदक जीता । महिलाओं के हेप्टाथलन में नंदिना अगासरा ने कांस्य पदक जीता ।
गत चैंपियन भारत की हेप्टाथलन खिलाड़ी स्वप्ना बर्मन चोटों से जूझने के कारण भाला फेंक स्पर्धा के बाद हेप्टाथलन स्पर्धा से पदक की दौड़ से बाहर हो गईं।
इससे पहले अमलान बोरगोहेन पुरुष 200 मीटर हीट में 21.08 सेकेंड के समय के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए सेमीफाइनल में पहुंच गए।
नियमों के अनुसार प्रत्येक हीट (शुरुआती दौर) में शीर्ष तीन में रहने वाले खिलाड़ी सेमीफाइनल में जगह बनाते हैं। प्रत्येक हीट से शीर्ष तीन धावकों के बाद सभी हीट में चार सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी सेमीफाइनल में जगह मिलती है।
देश के सबसे तेज पुरुष धावक असम के अमलान के नाम अभी पुरुष 100 मीटर और 200 मीटर दोनों राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं।
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