मुक्केबाजी में भारत के सात पदक पक्के, पंघाल, जैसमीन, सागर और रोहित सेमीफाइनल में
बर्मिंघम: भारतीय मुक्केबाजों ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए बृहस्पतिवार को सात पदक पक्के कर दिये जब सागर अहलावत , अमित पंघाल जैसमीन और रोहित टोकस अपने अपने वर्ग की स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गये।
हरियाणा के 22 साल के सागर ने पुरूषों के सुपर हेवीवेट (+91 किग्रा) वर्ग के क्वार्टरफाइनल में सेशेल्स के केडी इवांस एग्नेस पर 5-0 की जीत दर्ज की। इस मुक्केबाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण में स्वप्निल प्रदर्शन जारी रखा और अब वह अंतिम चार में नाईजीरिया के इफीनी ओनयेकवेरे के सामने होंगे।
जैसमीन ने महिलाओं के लाइटवेट (60 किग्रा) वर्ग के क्वार्टर फाइनल में न्यूजीलैंड की ट्राय गार्टन को 4-1 के विभाजित फैसले में हराया। हालांकि यह मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन भारतीय मुक्केबाज ने पहले राउंड में दबदबा बनाया। पर दूसरे राउंड में गार्टन ने वापसी की जिससे भारतीय मुक्केबाज हैरान हो गयी।
निकहत जरीन (50 किग्रा), नीतू गंघास (48 किग्रा) और मोहम्मद हुसामुद्दीन (57 किग्रा) के अपने वर्गों में पदक पक्के करने के एक दिन बाद गोल्ड कोस्ट में पिछले चरण के रजत पदक विजेता पंघाल ने फ्लाईवेट (48-51 किग्रा) क्वार्टर फाइनल में स्कॉटलैंड के लेनोन मुलीगन के खिलाफ सर्वसम्मत फैसले में जीत दर्ज की। वहीं रोहित टोकस ने पुरूषों के 67 किलोवर्ग में नीयू के जेवियर माताफा को अंकों के आधार पर 5.0 से हराया ।
विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व रजत पदक विजेता पंघाल और मुलीगन के बीच मुकाबला ज्यादा चुनौतीपूर्ण नहीं था। 26 साल के भारतीय मुक्केबाज ने अपने से युवा स्कॉटिश प्रतिद्वंद्वी को अपने मजबूत रक्षण से थका दिया। पंघाल ने तेज तर्रार जवाबी हमले से बीच बीच में अंक जुटाये।
पहले दो राउंड में पंघाल ने ‘गार्ड डाउन’ (हाथ नीचे रखकर खेलते हुए) रखते हुए मुलीगन को आक्रामक होने के लिये उकसाया लेकिन फुर्ती से उनकी पहुंच से बाहर हो गये।
बीच बीच में उन्होंने बायें हाथ से मुक्के जड़कर 20 साल के प्रतिद्वंद्वी मुक्केबाज को पछाड़ा। अंतिम राउंड में उन्होंने ‘वन-टू’ (एक के बाद एक) के संयोजन से मुक्के जड़े और राष्ट्रमंडल खेलों में अपना दूसरा पदक पक्का किया।
पर सेमीफाइनल उनके लिये कड़ा साबित होगा जिसमें वह तोक्यो ओलंपियन जाम्बिया के पैट्रिक चिनयेम्बा के सामने होंगे। लेकिन भारतीय मुक्केबाज मुकाबले से पहले आत्मविश्वास से लबरेज है।
पंघाल ने कहा, ‘‘मुझे स्वर्ण पदक जीतने का भरोसा है, विशेषकर इस प्रदर्शन के बाद। मैं अपनी सहनशक्ति और फुटवर्क पर काफी काम कर रहा हूं और काफी मजबूत भी महसूस कर रहा हूं। मैं जानता हूं कि मैं प्रत्येक मुकाबला जीत सकता हूं।’’
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