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तमिलनाडु : श्रीलंका नौसेना द्वारा साथी मछुआरों के पकड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन

ऑल फ़िशरमेन यूनियन के अध्यक्ष एनजे बोस ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान इस समस्या की ओर खींचने के लिए किया है।
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Image courtesy : TOI

तमिलनाडु के रामेश्वरम के मछुआरों ने रविवार को भारतीय मछुआरों पर हमले और श्रीलंकाई नौसेना द्वारा उन्हें गिरफ्तार करने की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। 20 जुलाई को श्रीलंकाई नौसेना ने छह भारतीय मछुआरों को पकड़ कर लिया था और उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया था। नौसेना का दावा था का भारतीय मछुआरों ने उसके देश के क्षेत्रीय जल सीमा को पार कर लिया था। उधर भरातीय मछुआरों का कहना है कि श्रीलंका की सेना तमिलनाडु के मछुआरों को बेवजह परेशान कर रही है। वे तीन दिनों से हड़ताल पर हैं।

रविवार को ऑल फिशरमेन यूनियन के अध्यक्ष एनजे बोस के नेतृत्व में मछुआरों ने कच्चातीवू समझौते के उल्लंघन में शामिल श्रीलंकाई नौसेना की निंदा करते हुए रामेश्वरम बस स्टैंड के सामने विरोध प्रदर्शन किया और इसका विरोध न करने को लेकर भारत की केंद्र और राज्य सरकारों की आलोचना भी की।

बोस ने चेतावनी देते हुए कहा, "हमने इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन केंद्र और राज्य सरकारों का ध्यान इस समस्या की ओर खींचने के लिए किया है।" उन्होंने आगे कहा कि, अगर आगे कार्रवाई नहीं की जाती है तो उनका विरोध प्रदर्शन दूसरे रूप में बदल जाएगा।

फिशरमैन असोसिएशन के अध्यक्ष एन. देवदास, डिस्ट्रिक्ट फिशरमैन असोसिएशन के सचिव जेसुराज, फिशरमैन असोसिएशन के प्रभारी सगायम और मछुआरा संघ के सभी पदाधिकारी व बड़ी संख्या में मछुआरों ने रामेश्वरम में हुए विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और अपनी मांगों को पुरजोर तरीके से उठाते हुए नारेबाजी की।

पहले भी कई बार भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले श्रीलंकाई नौसेना ने 12 भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर देश के जल क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

इस गिरफ्तारी के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 12 भारतीय मछुआरों की तत्काल रिहाई के लिए उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के नेता ओ पन्नीरसेल्वम ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी एक पत्र लिखा था और श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार किए गए 12 भारतीय मछुआरों की रिहाई के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी।

इस साल 25 मार्च को इंडिया-श्रीलंका ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप ऑन फिशरिज की पांचवीं बैठक वर्चुअल मोड में की गई थी।

इस ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप ने मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं से संबंधित चिंताओं सहित सभी प्रासंगिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी जो कई वर्षों से भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय चर्चा के एजेंडे में रहे हैं।

भारत की ओर से पाक-बे फिशरीज की उत्पादकता बढ़ाने के लिए संयुक्त अनुसंधान के लिए श्रीलंका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की थी।

ये बैठक एक सकारात्मक चर्चा के बाद समाप्त हुई। इस बैठक में मछुआरों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए निरंतर सहयोग और बातचीत की प्रतिबद्धता के साथ-साथ ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की अगली बैठक निर्धारित समय के अनुसार करने को लेकर सहमति हुई थी।

ज्ञात हो कि इसी साल फरवरी महीने में कथित तौर पर अवैध शिकार करने के आरोप में करीब 21 भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था। साथ ही मछली पकड़ने के दो ट्रॉलर भी जब्त कर लिए थें। बीते साल दिसंबर महीने में श्रीलंकाई नौसेना द्वारा करीब 55 तमिल मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना द्वारा पकड़ लिया गया था और उनकी नौकाओं को जब्त कर लिया गया था। 

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