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'अग्निपथ' के ख़िलाफ़ देशभर में फूटा युवाओं का गुस्सा, कहीं ट्रेन फूंकी तो कहीं तोड़फोड़

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पेश की गयी अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरा देश आग बबूला हो गया है। विरोध प्रदर्शन की आग बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत देश के तकरीबन सात राज्यों में फैल गयी है।
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फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पेश की गयी अग्निपथ योजना के खिलाफ पूरा देश आग बबूला हो गया है। विरोध प्रदर्शन की आग बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत देश के तकरीबन सात राज्य में फैल गयी है। हरियाणा के रोहतक से खबर आ रही है कि इस योजना के विरोध में एक नौजवान ने आत्महत्या कर ली है। पलवल में हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियां जला दीं है। अग्निपथ योजना के विरोध में इसी तरह पूरा देश झुलस रहा है।  

अग्निपथ योजना के तहत सेना में अफसर रैंक से नीचे चार साल के लिए भर्ती की जाएगी। अग्निपथ के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। इस योजना का विरोध करने वाले नौजवानों का कहना है कि हम कड़ी मेहनत करने के बाद सेना में भर्ती होते हैं। किस हिसाब से सरकार महज चार साल की नौकरी दे रही है? सरकार को इस फैसले को वापस लेना होगा। चार साल बाद हम क्या करेंगे? पिछले दो साल से सेना में भर्ती नहीं हो पा रही थी। ठेके पर अग्निवीर सैनिक योजना न तो सेना की तरफ से मांग की गई है, न ही देश के युवाओं ने मांगी है। तीनों सेना में 2 लाख से ज्यादा पद खाली है, जिसकी भर्ती दो साल से बंद है। मेहनत और परीक्षा जब उतनी ही करनी है तो फिर नौकरी 4 साल की क्यों दे रही हैं सरकार? सरकार को अगर मेहनत देखना है तो किसी गाँव - देहात में जाकर देखें।  जाकर देखें सेना में भर्ती के लिए नौजवान कितनी मेहनत करते हैं? यह देश किसी के बाप का नहीं है।  सरकार जो चाहें वह कानून नहीं बना सकती है।

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अग्‍न‍िपथ योजना के खिलाफ बिहार के कई जिलों में लगातार दो दिनों से प्रदर्शन जारी है। बिहार से ही अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई। बिहार में सबसे उग्र प्रदर्शन हो रहा है। बिहार के तकरीबन 17 जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक़ बिहार में अब तक पांच ट्रैन आग के हवाले कर दी गयी है। छपरा , कैमूर , गोपालगंज के पांच ट्रेनों को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया। अकेले छपरा के पांच ट्रेनों में आग लगी है। 12 ट्रेनों में तोड़- फोड़ की गयी है। यात्रियों को जान बचाकर भागना पड़ा। आरा में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। मोतिहारी में ट्रैन पर पथराव की खबर आ रही है। बिहार के दो विधायकों पर हमला हुआ है। नावदा के भाजपा ऑफिस में आग लगा दी गयी है।

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर और बलिया में नौजवान प्रदर्शन कर रहे हैं। बलिया में युवाओं के प्रदर्शन के कारण वाराणसी छपरा रेल प्रखंड पर दिल्ली से जयनगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रैन रोक दी गयी। स्थानीय लोगों के मुताबिक बुलंदशहर के खुर्जा इलाके और शहरी क्षेत्र में युवाओं के समूह एकत्र हुए और ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

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‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ राजस्थान के अनेक हिस्सों में भी युवाओं ने विरोध-प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।युवाओं ने विशेष रूप से राजधानी जयपुर सहित सीकर, नागौर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर तथा झुंझुनू जैसे जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। जयपुर में बड़ी संख्या में युवाओं ने जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और केंद्र की प्रस्तावित योजना के खिलाफ नारेबाजी की। अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपे गए।

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वाम पार्टियों ने भी किया विरोध

देश के प्रमुख वामपंथी दलों ने कहा कि सरकार को सेना में भर्ती की अपनी नयी ‘अग्निपथ’ योजना को निरस्त करना चाहिए, क्योंकि इससे भारत के राष्ट्रीय हितों का नुकसान होने वाला है।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘माकपा पोलित ब्यूरो ‘अग्निपथ’ योजना को सिरे से खारिज करता है। यह योजना भारत के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाली है। पेशेवर सशस्त्र बल को ‘चार साल की संविदा पर सैनिकों की भर्ती करके’ तैयार नहीं किया जा सकता।’

उन्होंने दावा किया, ‘‘इससे हमारे सशस्त्र बलों की गुणवत्ता और कुशलता के साथ समझौता होगा।’’माकपा महासचिव ने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना को तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने भी इस योजना का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने दावा किया, ‘‘यह भारतीय सेना में अनुबंध की व्यवस्था लागू करना है, कम वेतन देकर युवाओं का शोषण करना है तथा यह आरएसएस के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश का तरीका है। यह हमारे बेरोजगार नौजवानों के साथ विश्वासघात है। सेना की भर्ती भाजपा की रसोई का कोई पकवान नहीं है।’’विश्वम ने कहा कि इस विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।

भाकपा महासचिव डी राजा ने आरोप लगाया कि यह नयी योजना युवाओं के भविष्य को खतरे में डालने वाली है। उन्होंने कहा, ‘‘इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। हमारे युवा उचित, सुरक्षित नौकरी के हकदार हैं।’’

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(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)

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