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सिद्धू मूसेवाला के गाने SYL में ऐसा क्या है कि सरकार ने कर दिया BAN?

सिद्धू मूसेवाला की मौत के 26 दिन बाद रिलीज़ किया गया गाना SYL, जिसे भारत सरकार की 'क़ानूनी शिकायत' के बाद यूट्यूब इंडिया से प्रतिबंधित कर दिया गया है। जानते हैं कि सतलुज-यमुना लिंक नहर पर बने इस गाने में है क्या, और सरकार को क्यों हुई है इससे आपत्ति?
Sidhu Moose Wala

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद भी उनका संगीत ज़िंदा है और लोगों के दिलों में बस रहा है। सिद्धू के चाहने वाले उनसे ख़ुश हैं और आलोचक अभी भी सिद्धू से परेशान हैं। इसी का उदाहरण है उनकी मौत के 26 दिन बाद रिलीज़ किया गया गाना SYL, जिसे भारत सरकार की 'क़ानूनी शिकायत' के बाद यूट्यूब इंडिया से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस गाने के रिलीज़ होते ही आम आदमी पार्टी हरियाणा ने इसपर पंजाब और हरियाणा के लोगों में दूरियाँ बढ़ाने का आरोप लगाया था। जानते हैं कि सतलुज-यमुना लिंक नहर पर बने इस गाने में है क्या, और सरकार को क्यों हुई है इससे आपत्ति?

पंजाब की नदियों को बचाने का आह्वान करता गीत

सतलुज-यमुना लिंक कैनाल पर बना यह गाना ग़ैर-विभाजित पंजाब, 1984, सिख क़ैदियों की रिहाई और किसान आंदोलन के दौरान लाल क़िले पर फहराए गए निशान साहिब की बात करता है।

गाना शुरू होता है आम आदमी पार्टी हरियाणा के राज्य सभा सदस्य सुशील गुप्ता के बयान से शुरू होता है जिसमें वह कह रहे हैं, "हमारी सरकार पंजाब में बन गई है, 2024 में हरियाणा में भी हमारी सरकार आ रही है, 2025 में हरियाणा के हर खेत में पानी पहुंचेगा यह हमारा वादा है।"

इसके बाद सिद्धू ग़ैर विभाजित पंजाब की बात करते हुए गाते हैं कि हमें चंडीगढ़, हिमाचल और हरियाणा दे दो। सिद्धू इस बाद गाते हैं, "जिन्ना चिर सानू सोवरेनिटी दा राह नी दिन्दे, ओना चिर पानी छड्डो, तुपका नी दिन्दे..." यानी जब तक हमें संप्रभुता का रास्ता नहीं मिलेगा, तब तक पानी तो छोड़ो हम एक बूंद तक नहीं देंगे..." इसी की तर्ज पर गाने में आगे चल कर सिद्धू अरविंद केजरीवाल की पार्टी को 'टोपीवाला' बोल कर, बब्बू मान को 'अड़ब पंजाबी' बोल कर उन पर हमला करते हैं।

सिद्धू इसमें समय-समय पर गिरफ़्तार हुए सिख क़ैदियों (बंदी सिंह) की रिहाई की भी मांग करते हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के अनुसार इस गाने को 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार और ख़ालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले के एनकाउंटर की बरसी पर रिलीज़ किया जाना था, और सिद्धू के पास इसकी वीडियो के लिए भी कई विचार थे। मगर 29 मई को उनकी हत्या कर दी गई थी। इस गाने का वीडियो शूट नहीं हुआ, जो गाना रिलीज़ किया गया है, उसमें स्क्रीन पर ख़ालिस्तान समर्थक सिख नेताओं की तस्वीरें, नासा की पंजाब की नदियों पर सर्वे के फुटेज और बयानों को इस्तेमाल किया गया है।

सिद्धू ने इसमें अभिनेता और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू की आवाज़ भी इस्तेमाल की है। दीप सिद्धू ने ही 26 जनवरी 2021 को किसान आंदोलन के दौरान लाल क़िले की प्राचीर पर निशान साहिब(सिखों का धार्मिक झण्डा) फहराया था। दीप सिद्धू की इसी साल 15 फ़रवरी को एक कार एक्सिडेंट में मौत हो गई थी।

SYL क्या है?

सतलुज यमुना लिंक कैनाल एक 214 किलोमीटर लंबी नहर परियोजना है जिसके तहत पंजाब की रावी और ब्यास नदियों से पानी हरियाणा को दिया जाएगा। इस नहर का हिस्सा हरियाणा ने बना कर तैयार कर लिया है मगर पंजाब ने इस पर हमेशा से आपत्ति जताई है और 1990 से इसका काम रुका हुआ है। 1982 में पटियाला के कपूरी गाँव में तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने इसका ऐलान करते हुए कहा था कि 122 किलोमीटर की नहर पंजाब में और 92 किलोमीटर की नहर हरियाणा में बनाई जाएगी। मगर अकाली दल ने इसका विरोध शुरू कर दिया।

इसके बाद 1985 में राजीव गांधी की सरकार के दौरान अकाली दल के नेता हरचंद सिंह लोंगोवाल ने एसवाईएल पर समझौता कर लिया। 24 जुलाई 1985 को यह समझौता हुआ, इसके 1 महीने से भी कम समय के बाद लोंगोवल की हत्या कर दी है।

हरियाणा ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा कई बार खटखटाया है। 1987 में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब का पानी शेयर 5 एमएएफ़ और हरियाणा का 3.85 एमएएफ़ कर दिया था।

पंजाब इसका विरोध इसलिए करता है क्योंकि राज्य सरकार की एक स्टडी के अनुसार 2029 तक पंजाब में सूखा पड़ने का ख़तरा है। नासा ने भी एक शोध किया था और बताया था कि हरियाणा, पंजाब और राजस्थान का ग्राउंडवॉटर तेज़ी से कम हो रहा है।

हरियाणा ने नहर बनाने का काम जारी रखा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 1990 में ख़ालिस्तान नेता बलविंदर सिंह जट्टाना, बलबीर सिंह फ़ौजी, जगतार सिंह पंजोला, और हरमीत सिंह के साथ एसवाईएल के दफ़्तर, चंडीगढ़ पहुंचे और कथित तौर पर चीफ़ इंजीनियर एमएस सिकरी और अवतार औलख का क़त्ल कर दिया। इसके बाद से ही इस प्रोजेक्ट को रोक दिया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सुप्रीम कोर्ट ने कई बार प्रोजेक्ट का काम शुरू करने को कहा मगर उन्होंने राज्य में हिंसा भड़कने का हवाला देते हुए इसे रोके रखा।

सिद्धू मूसेवाला गाने में बलविंदर सिंह जट्टाना का भी ज़िक्र करते हैं। एक तरफ़ हरियाणा के गायकों ने सिद्धू के गाने पर आपत्ति जताई है, वहीं सिद्धू का समर्थन भी लोग कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेन्द्र सिंह का कहना है कि कंफ्यूजन की वजह से लोग गाने के बोल सही तरह से समझ नहीं पा रहे हैं। विजेन्द्र का कहना है कि गाने से उन्हीं लोगों को जलन हो रही है जिनको किसानों में आतंकवाद दिखता था।

सिद्धू पानी की बात करते हुए कहते हैं, "पानी दा की ऐ, पानी तां पुलां थल्लों वगना, सानू नाल रला लो लख पावें, थलले नी लगना, हो दबके दे नाल मंगदे हो असी तां नी दिन्दे, ओना चिर पानी छड्डो तुपका नी दिन्दे..." यानी पानी का क्या है, पानी तो पुलों के नीचे बहेगा, हमारे साथ प्यार से रह लो मगर हम झुकेंगे नहीं, तुम ज़बरदस्ती कर के मांगते हो तभी नहीं देते, तब तक पानी छोड़ो एक बूंद भी नहीं देंगे…

गाने में सिद्धू मूसेवाला के कौन्सर्ट के वीडियोज़, किसान आंदोलन की तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं। इस गाने के बैन होने से पहले 2 करोड़ 70 लाख से ज़्यादा लोगों ने देख लिया था।

गाना अंत में दर्शकों से कहता है, "आप में से हर कोई पंजाब की नदियों को बचाने और पंजाब को रेगिस्तान बनने से रोकने की आख़िरी उम्मीद है।"

गाने का अंत #savepunjabwaters और #freesikhprisoners के हैशटैग के साथ होता है।

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