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अमेरिकी मीडिया अमेरिकी युद्ध अत्याचारों पर ख़ामोश क्यों रहता है?

अमेरिकी मीडिया जितना अधिक और जिस भाषा में यूक्रेन युद्ध कवर किया जा रहा वह इस विश्वास को मज़बूत करता है युद्ध-निर्माताओं का एजेंडा वॉशिंगटन से निर्देशित हो रहा है।
US Special Forces
पत्रकारिता के भेष में राष्ट्रवाद अंधकार और रोशनी में युद्ध को कवर कर रहा है, जो हमें बताता है कि घंटी कौन बजा रहा है। | (प्रतिनिधि छवि। छवि सौजन्य: विकिमीडिया कॉमन्स)

मार्च 2022 के पहले दिन, लोगों ने अपनी स्क्रीन पर न्यूयॉर्क टाइम्स के होमपेज पर बड़ी हेडलाइन में एक शीर्षक देखा: रॉकेट बैरेज ने नागरिकों को मारा। 

यह उस तरह की ब्रेकिंग-न्यूज और बैनर वाली हेडलाइन थी, जो पिछले दो दशकों के दौरान अनगिनत अमेरिकी मिसाइल हमलों और अन्य सैन्य हमलों को संदर्भित कर सकती थी, जो अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सीरिया और अन्य जगहों पर नागरिकों की मौत के बारे में बता सकती थी। लेकिन वे खबरें "आतंकवाद के खिलाफ युद्ध" में हुई हत्याएं वाले बड़े बैनर की सुर्खियों के लायक नहीं थीं। फिर नागरिकों की मौत के बारे में किसी लेख को इतनी जल्दी प्रकाशित करने के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स में इतनी हलचल को मच गई थी – जिसे प्रिंट संस्करण के पहले पन्ने पर छापा गया और कहा गया कि, "यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खार्किव पर एक घातक रूसी रॉकेट हमला किया गया, जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि क्रेमलिन अपने छोटे पड़ोसी देश को वश में करने के लिए कितनी दूर तक जा सकता है। 

इन महीनों के दौरान न्यूयॉर्क टाइम्स, यूक्रेन में रूस के युद्ध के इस तरह के समाचार कवरेज को समर्पित करने वाले हजारों अमेरिकी आउटलेट्स में से एक बन गया है, जिसकी अमेरिकी युद्ध पर रिपोर्टिंग अकल्पनीय रही है। अप्रैल की शुरुआत में, रूसी आक्रमण शुरू होने के 40 दिनों के बाद, सभी राजधानियों में एक झकझोर देने वाली हेडलाइन छापी गई- "नर-संहार से यूक्रेन में आतंक बढ़ा" – जो टाइम्स प्रिंट संस्करण के पहले पन्ने का शीर्षक बन गया था। 

फेयरनेस एंड एक्यूरेसी इन रिपोर्टिंग के शोधकर्ताओं ने पाया कि अप्रैल के दौरान, अखबार के पहले पन्ने पर 14 स्टोरी "मुख्य रूप से रूसी हमले से हुई नागरिक मौतों के बारे में थीं, जो सभी अखबारों के पहले पन्ने पर दिखाई दीं।" यदि इसकी तुलना आप इराक पर अमरीकी कब्ज़ा जमाने से करें – तो टाइम्स ने अपने अखबार के "पहले पन्ने पर अमेरिकी सेना के हाथों नागरिकों की मौत के बारे में केवल एक ही स्टोरी" प्रकाशित की।

किसी भी सुसंगत मानक के अनुसार, रूस जो यूक्रेन में कर रहा है और अमरिकी सेना ने 2001 की शरद ऋतु में जो इराक़ में किया और इतने सारे नागरिकों मारा व उसकी भयावहता पीड़ितों के लिए कम भयानक नहीं थी। लेकिन अमेरिकी मीडिया कवरेज अमेरिकी नर-संहार के मुक़ाबले रूस के हमलों को बहुत अधिक तत्काल, ग्राफिक, व्यापक और आक्रोशपूर्ण रूप से प्रकाशित करता है। दुर्लभ अवसरों पर जब एक प्रमुख अमेरिकी समाचार आउटलेट ने अमेरिकी सुरक्षा बलों के कारण होने वाली नागरिक मौतों की गहन रिपोर्टिंग की, तो वे लेख आमतौर पर पूर्वव्यापी थे, जो घटनाओं के लंबे समय बाद प्रकाशित किए गए थे – जिनका पोस्टमॉर्टम करके छापा गया ताकि उनका राजनीतिक प्रभाव अधिक न पड़े, जिसने शायद ही मीडिया या जनता में कोई हलचल पैदा की हो।

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसके उच्च तकनीक वाले हथियार कितने नए या परिष्कृत हैं, यूक्रेन में बड़े पैमाने पर रूसी युद्ध बर्बर है। अफ़गानिस्तान और इराक में अमेरिकी युद्ध के बारे में भी यही कहा जा सकता है, यह एक ऐसा सच था जिसे यू.एस. मास मीडिया में बोलना लगभग वर्जित था। संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस दोनों ने खुले तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है, सीमाओं को पार किया और बड़े पैमाने पर घातक बल का इस्तेमाल किया है। सुसंगत सिद्धांत को हर उदाहरण की निंदा करनी चाहिए और उस पर रोशनी डालनी चाहिए। लेकिन, संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रेस की आज़ादी के बावजूद, ऐसे बहुत कम बड़े-नाम वाले पत्रकार या पेशे से जुड़े उनके साथी होंगे जो वाशिंगटन की आधिकारिक युद्ध कथाओं के सार के खिलाफ बोलने जुर्रत करेंगे, जो यह मानते हैं कि अमेरिका के अनुकरणीय राष्ट्रीय चरित्र को दुश्मन की असीमित बुराई को हराने के लिए लामबंद किया गया है।

पत्रकारिता के भेष में राष्ट्रवाद, अंधकार और रोशनी में युद्ध को कवर कर रहा है, जो बताता है कि घंटी कौन बजा रहा है। और इसलिए, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया और आतंकित किया, लोगों को मारा, उन्हे अपंग किया, तो अमेरिकी मीडिया टीवी, रेडियो, प्रिंट और ऑनलाइन आउटलेट ने सहानुभूतिपूर्ण तथा मार्मिक रिपोर्टिंग की। लेकिन जब पिछले दो दशकों में अमेरिकी मिसाइलों और गुरुत्वाकर्षण बमों ने जनसंख्याओं पर हमले किए, तो अमेरिकी मीडिया में उन मानव त्रासदियों को शायद ही कभी सही रूप से दिखाया या रिपोर्ट किया हो। अमरीकी मेडिया द्वारा जितना अधिक और जिस भाषा में युद्ध का कवरेज किया जा रहा है वह वाशिंगटन में स्थित युद्ध निर्माताओं के एजेंडा को दर्शाता है और इस विश्वास को मजबूत करता है कि यह खेल अमरीका खेल रहा है।

सोलोमन RootsAction.org के सह-संस्थापक और इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक एक्यूरेसी के कार्यकारी निदेशक हैं।

ग्लोबट्रॉटर के साथ साझेदारी में इस लेख को वितरित किया गया, यह टेक्स्ट नॉर्मन सोलोमन की नई किताब, वॉर मेड इनविजिबल: हाउ अमेरिका हिड्स द ह्यूमन टोल ऑफ इट्स मिलिट्री मशीन (द न्यू प्रेस, 2023) से लिया गया है। सर्वाधिकार सुरक्षित।

सौजन्य: ग्लोबट्रॉटर 

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