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लोकसभा ने महिला आरक्षण से जुड़े ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंज़ूरी दी

महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित करने वाला महिला आरक्षण विधेयक लोकसभा में आज बुधवार को पारित हो गया। 454 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 2 सांसदों ने इसके ख़िलाफ़ वोट किया।
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फोटो साभार : आईएएनएस हिंदी

लोकसभा ने बुधवार को ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है।

इससे संबंधित ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में करीब आठ घंटे की चर्चा और विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के जवाब के बाद मत विभाजन के जरिए इसे स्वीकृति दी गई। विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े और विरोध में 2 वोट पड़े।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं। 

मेघवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने इस बार ऐसी व्यवस्था की है कि महिलाओं को इस बार इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने तकनीकी मुद्दों पर कहा, ‘‘आप (विपक्ष) चाहते हैं कि यह विधेयक तकनीकी कारणों से फंस जाये, लेकिन हम इस बार इसे फंसने नहीं देंगे।’’

‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी। 

मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा।  

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।

राहुल ने कहा महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी कोटा शामिल हो 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक का बुधवार को समर्थन किया और यह भी कहा कि इसमें अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए अलग आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए क्योंकि इसके बिना यह विधेयक अधूरा है।

उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा में भाग लेते हुए यह आरोप भी लगाया कि सत्तापक्ष जातीय जनगणना की मांग से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरी नजर में एक चीज (ओबीसी कोटा नहीं होना) इस विधेयक को अपूर्ण बनाती है...मैं चाहता हूं कि इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण को शामिल किया जाना चाहिए था।’’

उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं।

राहुल गांधी ने जातीय जनगणना कराए जाने की मांग करते हुए कहा कि ये ओबीसी का अपमान है।

उन्होंने यह भी कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू किया जाए क्योंकि इसके लिए जनगणना और परिसीमन की जरूरत नहीं है।

न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ

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