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बाढ़ का क़हर : दिल्ली नोयडा, पंजाब के कई गाँव ख़तरे में

उत्तर भारत में बाढ़ से कई मुश्किलें पैदा हो रही हैं। दिल्ली में किसानों की क़रीब 40 लाख की फसल ख़राब हो चुकी है। इसके अलावा नोयडा और पंजाब के गाँव मुश्किल में हैं। जालंधर में सेना ने खाने के पैकेट गिराए गए हैं।
बाढ़

दिल्ली की बाहरी सीमा पर यमुना नदी में पानी का स्तर बढ़ने से कम से कम 200 छोटे और सीमांत किसानों की लगभग 40लाख रुपए की फसलें तबाह हो गई हैं।

इन गरीब और असहाय किसानों का कहना है कि यह फसल उनकी आय का एकमात्र जरिया थी और इस नुकसान से उबर पाना उनके लिए नामुमकिन सा है।

चंद्रावती (50) ने कहा कि उसकी पांच जवान लड़कियां हैं।

उन्हें पानी का स्तर बढ़ने के खतरे के मद्देनजर सोमवार रात अपना घर छोड़ शिविर में पनाह लेनी पड़ी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम दशकों से यमुना खादर इलाके में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। मेरे पति भी यही करते थे। 2004 में उनके निधन के बाद से मैं अपनी पांच बेटियों के साथ खेती कर रही हूं। अब इसे बचाने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं।’’

किसानों का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब वे क्या करें या इस स्थिति से कैसे निपटें।

हेमंती (50) ने कहा, ‘‘अधिकारियों ने पानी का स्तर बढ़ने के संबंध में हमें जानकारी दी। हमें 25,000 रुपए का नुकसान हुआ और इसकी कोई बात नहीं कर रहा है। यह हमारी आय का एकमात्र जरिया था।’’

नदी के पानी के खतरे के निशान से ऊपर आने से पहले 10,000 से अधिक लोग निचले इलाकों से निकल निगमबोध श्मशान घाट में पनाह ली थी।

यमुना नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। हरियाणा यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ चुका है।

नोएडा के 77 गांवों पर बाढ़ का खतरा

हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को छोड़े गए आठ लाख क्यूसेक पानी के कारण बुधवार को नोएडा में यमुना ने विकराल रूप धारण कर लिया। इससे जिले के 77 गांवों पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।

जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि मंगलवार को ओखला बैराज पर 77,429 क्यूसेक पानी था, जो बुधवार दोपहर बढ़कर 1,23,000क्यूसेक हो गया।

उन्होंने बताया कि पानी का स्तर बढ़ने से यमुना के दोनों तटबंध तथा आसपास के क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। यमुना खादर में फसल को भारी नुकसान हुआ है। धान, बाजरा, ज्वार की फसल बर्बाद हो गई है।

चौहान ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए 17 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, जो 24 घंटे कार्य कर रही हैं।

सूचना अधिकारी ने बताया कि गांवो में पानी भरने लगा है, जिसकी वजह से लोगों की दिनचर्या काफी प्रभावित हो रही है। गांवों में पानी में फंसे लोगों को निकालकर प्राथमिक स्कूलों में ठहराने की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिन गांवों में बाढ़ का ज्यादा खतरा हैउनमें बदौली, झट्टा, कुंडली, मोमनाथल, मोतीपुर, मोहियापुर, छपरौली, मेहंदीपुर बांगर, चंडीगढ़, फलैदा, सिरौली बांगर, करौली बांगर, घरबरा, लतीफपुर आदि हैं।

अधिकारी ने बताया कि मोमनाथल गांव के पास यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से हिंडन नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है।

उन्होंने बताया कि यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है। जो लोग पुस्ता के अंदर मकान बनाकर रह रहे हैं, उन्हें दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है।

अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग के लेखपाल, तहसीलदार और एसडीएम हर पल की खबर रखे हुए हैं। जनपद में नौकाएं उपलब्ध हैं। अगर जरूरत पड़ी तो और नौकाएं अनूपशहर से मंगाई जाएंगी।

सूचना अधिकारी ने बताया कि मंगलवार शाम हरियाणा की सीमा से सटे गौतम बुद्ध नगर के गांव तिलवाड़ा में खेत पर काम कर रहे आठ लोग बाढ़ के पानी में फंस गए। उनको बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम बुलाई गई। इन लोगों में तीन महिलाएं, दो बच्चे और तीन पुरुष थे।

अपर जिलाधिकारी एम एन उपाध्याय ने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए मोतीपुर गांव के आठ परिवारों को गांव के प्राथमिक स्कूल में पहुंचाया जा रहा है। वहीं, तिलवाड़ा गांव में आठ परिवारों को प्रभावित इलाकों से हटाया गया है। तिलवाड़ा में 40 लोगों को अभी गांव की सड़क पर ही ठहराया गया है। उनके लिए तिलवाड़ा के प्राइमरी स्कूल में व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि मोतीपुर गांव के पास यमुना हिंडन नदी में मिलती है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से हिंडन का भी जलस्तर बढ़ने लगा है। इस वजह से हिंडोन किनारे बसे गांवों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

पंजाब भी बाढ़ की चपेट में

सेना के हेलीकॉप्टरों ने बुधवार को पंजाब के जालंधर जिले के बाढ़ प्रभावित गाँवों में भोजन के पैकेट गिराए।

हाल ही में हुई बारिश और भाखड़ा बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद सतलुज नदी और उसकी सहायक नदियों में उफान आ गई, जिससे राज्य के लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर और रूपनगर के ढेर सारे गांवों में बाढ़ आ गई। बाढ़ से निचले इलाकों में फसलों और घरों को नुकसान पहुंचा है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 36,000 परांठे के पैकेट, सूखे राशन के 18,000 पैकेट और पानी की बोतलों को बुधवार सुबह जालंधर छावनी ले जाया गया। उपायुक्त और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की देखरेख में इसे सेना के छह हेलीकॉप्टरों में लोड किया गया।

बाद में, सेना के हेलीकॉप्टरों ने चाक बडाला, जनिया, जनिया चहल, मेहराजवाला, गट्टा मुंडी कासु, मुंडी कासू, मुंडी शेहरिया, मुंडी चोहलियां, कांग खुर्द,जलालपुर, थेह खुशहालगढ़, गत्ती रायपुर, कोठा, फतेहपुर भगवान समेत शाहकोट उप-मंडल के बुरी तरह प्रभावित कई गांवों में खाद्य सामग्रियों के पैकेट गिराए।

अधिकारियों ने कहा कि हालात सामान्य होने तक सेना की मदद से प्रभावित गांवों में खाने के पैकेटों को पहुंचाने का काम जारी रहेगा।

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