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चुनाव चक्र: पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन लगभग तय!

ग़ौरतलब है कि दोनों दक्षिणपंथी सियासी दलों का गठबंधन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर टूट गया था।
Akali BJP
साभार : अमर उजाला

अब लगभग यह तय हो गया है कि पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन होने जा रहा है। हफ़्ते के आख़िर यानी शनिवार को इसकी विधिवत घोषणा हो सकती है। शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। बताया गया है कि गठबंधन के तहत बीजेपी पंजाब की तेरह में से पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और शेष पर सुखबीर सिंह बादल की प्रधानगी वाला शिरोमणि अकाली दल मैदान में होगा।

ग़ौरतलब है कि दोनों दक्षिणपंथी सियासी दलों का गठबंधन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के मुद्दे पर टूट गया था। केंद्र की राजग सरकार के मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था। दोनों पार्टियों ने पंजाब विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था और करारी शिकस्त खाई थी। ग्रामीण पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का अच्छा जनप्रभाव है तो कुछ शहरी इलाक़ों में भारतीय जनता पार्टी का।

पिछले साल दिग्गज अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल के दिवंगत होने के बाद दोनों दलों में गठबंधन की बाबत भीतरखाते बातचीत चल रही थी। लेकिन किसान आंदोलन और बंदी सिखों की रिहाई के मुद्दे पर गठबंधन की घोषणा सिरे नहीं चढ़ पाई। सूत्रों के अनुसार अब भाजपा दोनों मुद्दों पर नरम रुख़ ज़ाहिर करेगी।

कांग्रेस से भाजपा में गए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष (और अब पंजाब भाजपा के मुखिया) सुनील कुमार जाखड़ कई दिनों से कवायद में थे कि अकाली-भाजपा गठबंधन हो जाए। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा नेताओं ने कुछ महीनों से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने बंद कर दिए थे। तभी से संकेत मिलने शुरू हो गए थे कि दोनों राजनीतिक पार्टियां आसन्न लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एकबारगी फिर साथ होंगीं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह कहते हैं, "अकाली-भाजपा गठबंधन पंजाब के हित में है। गठबंधन आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।" पंजाब भाजपा के अध्यक्ष सुनील कुमार जाखड़ के मुताबिक़, "राजग से अलहदा हुए शिरोमणि अकाली दल की वापसी पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। आधिकारिक घोषणा से पहले अकाली दल बसपा से नाता तोड़ेगा।"

शिरोमणि अकाली दल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक शुक्रवार को होगी और संभावना है कि शनिवार को अकाली-भाजपा  गठबंधन की बाकायदा घोषणा हो जाएगी।

ज़िक्रेखास है कि उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) बाकायदा चुनाव रणक्षेत्र में दाखिल हो चुकी है। शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने गठबंधन की घोषणा न होने के चलते किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित नहीं किया। कांग्रेस भी इसीलिए अपने पत्ते नहीं खोले रही। जो हो, इस हफ्ते के आखिर तक सारी स्थिति साफ हो जाएगी। ज़ाहिरन पंजाब के चुनाव परिदृश्य में बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा! शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त सुखदेव सिंह ढींडसा कहते हैं, "चार-पांच दिन इंतज़ार कीजिए; पंजाब की राजनीति में अहम बदलाव होंगे।" 'आप' के पंजाब कार्यकारी अध्यक्ष विधायक प्रिंसिपल बुधराम पूछते हैं कि, "गठबंधन के बाद अकाली लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे? केंद्र ने किसानी मसले हल नहीं किए। अगर अकाली-भाजपा गठबंधन होता है तो शिरोमणि अकाली दल नुक़सान में रहेगा और भाजपा को भी बहुत ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा।"

(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।)

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