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कोलंबिया में चुनाव : बदलाव की संभावना और चुनावी गारंटी की कमी

कोलंबिया में आने वाले वक़्त में विधान परिषद और राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में यह देखा जाना बाक़ी है कि क्या लैटिन अमेरिका में सबसे पुराना लोकतंत्र हाल में हासिल की गई बेहद जटिल शांति को आगे बरक़रार रखकर मज़बूत कर पाता है या नहीं?
Colombia

इस साल लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में चुनावी कैलेंडर, पिछले साल की ही तरह बेहद व्यस्तता भरा है। कोस्टा रिका, मेक्सिको, चिली, पेरू और संभावित तौर पर हैती समेत अन्य देशों में इस साल चुनाव और जनमत संग्रह होने हैं। लेकिन जिन दो चुनावों पर सबसे ज़्यादा नज़र होगी, वो हैं अक्टूबर में ब्राजील और शुरुआती अर्द्धवार्षिकी में कोलंबिया में होने वाले चुनाव हैं। ऐसा इन दो देशों की भूराजनीतिक स्थिति के चलते है।

कोलंबिया में 20 साल से ऐसी सरकारें रहीं है जिन्होंने यूरिबिज़्म आंदोलन को समर्थन दिया है। इस आंदोलन का नाम अल्वारो यूरीब वेलेज़ के नाम पर पड़ा है, जो 2022 से 2010 तक कोलंबिया के राष्ट्रपति थे। फिर वहां लंबे समय से सशस्त्र संघर्ष भी चल रहा है, ऐसे में कोलंबिया में ना केवल बदलाव के लिए, बल्कि एक अपूर्ण शांति प्रक्रिया के भविष्य को लेकर भी चुनाव हो रहे हैं।

कोलंबिया में चुनावी प्रक्रिया कैसी है?

कोलंबिया में चुनावी एजेंडा 13 मार्च को संसदीय चुनावों के साथ शुरू होगा, जिसमें नागरिक कुल 108 सीनेटर्स (सांसद) और "हाउस 
ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव" के 188 सदस्यों को चुनने के लिए मतदान करेंगे। सीनेट के लिए 100 सीटें राष्ट्रीय क्षेत्रों द्वारा चुनी जाएंगी, 2 सीटें देशी लोगों के लिए विशेष क्षेत्र द्वारा चुनी जाएंगी। वहीं 5 सीटें अपने आप कम्यून्स पार्टी के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को मिल जाएंगी, जिसे 2017 में पूर्व FARC (कॉमन अल्टरनेटिव रिवोल्यूशनरी फोर्स) दल के सदस्यों ने 2016 के हवाना शांति समझौते के तहत बनाया था। वहीं एक सीट राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे पायदान पर रहने वाले को मिल जाएगी, जिसे "अपोज़िशन स्टेचर" का नाम दिया गया है।

जहां तक हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटेवि की बात है, तो 161 सीटें देश के 32 क्षेत्रों और राजधानी जिला- बोगोटा से चुनी जाएँगी। एक सीट राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे पायदान पर रहने वाले को जाएगी (पहले उल्लेखित अपोज़िशन स्टेचर के तहत)। दो अफ्रीकी-कोलंबियाईलोगों के लिए, एक सीट सान एंड्रियाज़, प्रोविडेंसिया और सांटा कैटलीना में रैज़ल समुदाय के लिए, एक सीट विदेशों में रहने वाले कोलंबियाई लोगों के लिए (जिनकी संख्या विदेश मंत्रालय के मुताबिक़ 2012 में 47 लाख के आसपास थी), पांच सीट कम्यून्स पार्टी, एक सीट मूल निवासियों के लिए और 16 सीटें शांति के लिए विशेष विधानसभा क्षेत्रों के लिए जाएगी। इन सीटों के लिए 167 ग्रामीण निकाल प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान करेंगे, यह लोग कुल 90 लाख पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो आंतरिक सशस्त्र विद्रोह के चलते प्रभावित हुए हैं। इन्हें सरकार ने इस संघर्ष में पीड़ित के तौर पर पहचाना है।  

इसके अलावा 13 मार्च को संसदीय चुनाव के अलावा कोलंबिया के अलग-अलग दल राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी भी चुनेंगे। यह चुनाव एक साथ चुनाव में लड़ने वाले गठबंधन में आंतरिक विमर्श के बाद होगा। लेकिन यह योजना, कोलंबियाई इतिहास में निष्पक्ष उदारवादी-पारंपरिक योजना की तरह निष्पक्ष दिखाई नहीं देती। राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति पद के लिए 29 मई को चुनाव होंगे, दोनों का कार्यकाल 29 मई तक जारी रहेगा। अगर किसी प्रत्याशी को 50 फ़ीसदी से ज़्यादा मत नहीं मिलते हैं, तो 19 जून को दूसरे दौर का मतदान होगा।

यूरिबिज़्म का संकट और ऐतिहासिक समझौते का पक्षपात

राष्ट्रपति इवान डुके (डिसएप्रूवल रेटिंग 68 फ़ीसदी) और उनके मार्गदर्शक पूर्व राष्ट्रपति अल्वारो उरीब वेलेज़ (डिसएप्रूवल रेटिंग 68) की घटती लोकप्रियता के चलते संसद में सत्ताधारी डिमोक्रेटिक सेंटर पार्टी अपना बहुमत खो सकती है। फिलहाल पार्टी के पास संसद में 19 सीटों के साथ सबसे ज़्यादा सीटें हैं, जबकि हाउस में दूसरे पायदान पर सबसे ज़्यादा सीटें (32) हैं। वेलेज़ पर गवाह से छेड़छाड़ के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके चलते जज को उन्हें दो महीने तक घर में नज़रबंद रखना पड़ा था। यह घटना अगस्त 2020 की है। वेलेज़ का नाम कुख्यात चुनावी फर्जीवाड़े से भी जोड़ा जाता है, जिसे "नेनेपोलिटिका" के नाम से जाना जाता है। आरोपों के मुताबिक़ कुख्यात ड्रग तस्कर जोश नेने गुईलेर्मो हर्नांड़ेज़ ने 2018 के राष्ट्रपति चुनावों में मतों को खरीदने के लिए ड्रग्स से कमाया हुआ पैसा लगाया था। इसका खुलासा ला नुएवा प्रेंसा के पत्रकार जुलियन मार्टिनेज़ और गोंजालो गुलेन ने किया था। 

लेकिन कोलंबिया में चुनाव पर सबसे ज़्यादा असर 2021 की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पड़ेगा, जिसके बारे में दो साल पहले सोचना भी मुश्किल था। इस हड़ताल के दौरान ग्रामीण इलाकों और बोगोटा व काली की तरह देश के कुछ बड़े शहरों में बड़े प्रदर्शन हुए। यह प्रदर्शन डुके द्वारा पेश किए गए कर सुधार विधेयक के विरोध में हुए थे। इन प्रदर्शनों के साथ एस्माड (कोलंबिया की एंटी-डिस्टरबेंस मोबाइल स्क्वाड्रन) द्वारा दमन को तेज किए जाने, यहां तक कि कई जगह अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती से भी मामला बढ़ गया। जिसके चलते इन प्रदर्शनों पर पूरी दुनिया का ध्यान गया। 

पुलिस हिंसा का दस्तावेज़ीकरण करने वाले गैर लाभकारी संगठन टेम्ब्लोर्स ने बताया कि 28 अप्रैल से 26 जून 2021 के बीच कोलंबिया में राष्ट्रीय हड़ताल के दौरान सशस्त्र बलों पर 44 लोगों की हत्या का आरोप लगा (29 दूसरी मौतों की मौत की वज़ह पता नहीं चल पाई)। शारीरिक हिंसा की 1,617 घटनाएं हुईं, 82 हिंसा की घटनाएं ऐसी थीं, जिसमें पीड़ित को आंख में चोट आई, 28 पीड़ितों के साथ यौन हिंसा की गई, जबकि प्रदर्शन के दौरान 2,005 लोगों को मनमाफ़िक ढंग से हिरासत में लिया गया। ह्यूमन राइट्स वॉच, इंडीपाज़ और ओम्बड्समैन ऑफ़िस समेत दूसरे गैर लाभकारी संगठनों और संस्थानों ने भी कोलंबिया में हुए प्रदर्शनों में मानवाधिकार उल्लंघन की कई घटनाओं की पुष्टि की थी। 

इस संकट के बीच में दक्षिणपंथी धड़ों के साथ लंबी लुका-छिपी के खेल के बाद, जो उरीब के साथ नहीं थे, सत्ताधारी पार्टी द्वारा चुने गए प्रत्याशी, पूर्व वित्तमंत्री ऑस्कर इवान जुलुगा ने जनवरी 2022 में डेमोक्रेटिक सेंटर की तरफ से अकेले लड़ने का ऐलान किया। इससे भी पार्टी के जीतने की संभावना कम हो गई है। 

सत्ताधारी दल के अलावा, 13 मार्च को होने वाले चुनाव में तीन दूसरे गठबंधन भी हिस्सा ले रहे हैं। लेफ़्ट से लेकर सेंटर-लेफ़्ट के बीच ऐतिहासिक समझौता गठबंधन हुआ है, जिसमें "पहले राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रहे" नेता, जैसे बोगोटा के पूर्व महापौर गु्स्तावो पेट्रो (कोलंबिया ह्यूमाना पार्टी) और अफ्रीकी-कोलंबियाई सामाजिक नेता फ्रांसिया मार्केज़ (सॉय प्रोक सोमोस पार्टी) साथ आए हैं। दूसरे राजनीतिक जो इस ऐतिहासिक समझौते वाले गठबंधन का हिस्सा हैं, उनमें पैट्रियोटिक यूनियन शामिल है, जिसके 5000 सदस्यों और नेताओं का 1980 के दशक में नरसंहार कर दिया गया था। फिर इस गठबंधन में  कोलंबियाई कम्यूनिस्ट पार्टी, द अल्टरनेटिव डेमोक्रेटिक पोल, द इंडिजनस एंड सोशल अल्टरनेटिव मूवमेंट (एमएआईएस), द पीपल्स कांग्रेस के साथ-साथ पूर्व कांग्रेस सदस्या पीडाड कोर्डोबा स मोवीमिएंटो पोडर सिउडाडानो की पार्टी व अन्य राजनीतिक पार्टियां शामिल हैं। यहां तक कि यूरीब की डेमोक्रेटि सेंटर पार्टी का हिस्सा रहने वाले नेता, जैसे- रॉय बार्रेरास और अर्मांडो बेने़डेट्टी भी इस गठबंधन के समर्थन में आए हैं।

गठबंधन को बनाने वाले मुख्य नेता पेट्रो की लोकप्रियता पर बहुत कम शक है। उन्होंने अपना चुनावी अभियान 14 जनवरी को बेल्लो में शुरू किया, जो एंटिओकिया क्षेत्र में पड़ता है। यह वह क्षेत्र है जहां ऐतिहासिक तौर पर यूरिबिज़्म प्रभावी रहा है। पेट्रो ने नारा दिया है "अगर एंटिओकिया बदलाव लाता है, तो कोलंबिया बदलाव लाएगा।" पेट्रो पहल अप्रैल 19 नाम से पहचाने जाने वाले गुरिल्ला लड़ाका समूह का हिस्सा थे, जो 1970 और 80 के दशक में सक्रिय था। उन्होंने अपनी राजनीतिक पूंजी 2006 में सीनेटर बनने के बाद इकट्ठा की, उस दौरान उन्होंने AUC (ऑटोडिफेंसास यूनिडास डे कोलंबिया) के नि:शस्त्रीकरण की प्रक्रिया में "पैरापॉलिटिक्स" मतलब राजनेताओं और अरद्धसैनिक बलों के गठजोड़ का विरोध किया। यह यूरीब के पहले कार्यकाल की बात है। पेट्रो जब मेयर बने, तो उनकी यह राजनीतिक पूंजी और पुख़्ता हो गई। लेकिन बाद में एटॉर्नी जनरल एलेजांद्रो ओर्डानेंज़ ने उन्हें 2013 में हटा दिया। राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के तौर पर पेट्रो के पक्ष में इनवेमर की तरफ़ से अच्छे आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं। उन्हें 48।4 फ़ीसदी अंक दिए गए हैं, जो पहले दौर में जीत के बहुत करीब हैं। वहीं दूसरे दौर में उनके लिए 68।3 फ़ीसदी अंकों का अनुमान लगाया गया है। 

दूसरा गठबंधन, एक केंद्रीय स्थिति रखने वाला समूह, द होप सेंटर गठबंधन है, जिसमें डिग्निटी पार्टी, द रेवोल्यूशनरी इंडिपेंडेंट लेबर मूवमेंट या एमओआईआर  और गठबंधन की सबसे मजबूत पार्टी व मेडेलिन के पूर्व मेयर और एंटिओकिया के पूर्व गवर्नर रहे सर्जियो फज़ार्दो की पार्टी- न्यू लिबरलिज़्म एंड सिटीजन्स कमिटमेंट पार्टी शामिल है।

फिर तीसरा गठबंधन दक्षिणपंथी कोलिसियन इक्विपो पोर कोलंबिया (टीम फॉर कोलंबिया) है, जो पूर्व मेयरों और गवर्नरों का गठबंधन है। इसमें क्रीमॉस कोलंबिया (मेडेलिन के पूर्व गवर्नर फेडेरिको गुटिरेर्जे की पार्टी, एलेजांद्रो चार की पार्टी पाएस डे ओपॉर्चुनिडास है, कोलंबिया के तटीय इलाकों की द पार्टिडो डे ला यू है, जिसने अपने अध्यक्ष डिलियन फ्रांचिस्का टोरो की उम्मीदवारी नकार दी और वे बोगोटा के पूर्व मेयर एनरिक पेनालोसा का समर्थन करेंगे। फिर इसमें पारंपरिक कोलंबियन कंजर्वेटिव पार्टी और एमआईआरए मूवमेंट पार्टी भी शामिल है। बता दें गठबंधन मे शामिल सीरिया और लेबानी मूल के एलेक्जेंडर चार ताकतवर राजनेता और व्यापारी हैं, वे पहले अटलांटिको के गवर्नर रहे हैं और बारांकिला के मेयर।

सशस्त्र संघर्ष और राजनीतिक व चुनावी गारंटियों की कमी

1991 के संविधान की बहुसांस्कृतिक भावना होने के चलते कोलंबिया के चुनावी कानून विशेष नृजातीय प्रतिनिधित्व का भी समावेश करते हैं। मूल निवासियों के आर्थिक और सामाजिक समावेश के साथ-साथ अफ्रीकी-कोलंबियाई, रैज़ल और पेलेंक्येरो समुदाय का समावेश करना भी जरूरी है। साथ ही कोलंबिया के सभी क्षेत्र, जैसे प्रशांत क्षेत्र, ओरिनाको और कोलंबियाई अमेजन को भी मुख्य धारा में लाने की जरूरत है। इसके अलावा संघर्ष के चलते प्रभावित हुए पीड़ितों की समस्याओं पर भी आपात ढंग से काम करने की जरूरत है, लेकिन पांच साल पहले हुए हवाना शांति समझौते के बावजूद स्थिति बदतर होती जा रही है।

हवाना समझौते के बाद से अब तक कोलंबिया में 600 से ज़्यादा सामाजिक नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े संयुक्त राष्ट्र द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं। 6,402 मौतों को तथाकथित "फाल्स-पॉजिटिव" का नाम दिया गया है, यह राज्य द्वारा किया गया अपराध है, जिसमें नागरिकों की गुरिल्ला योद्धा बताकर हत्या की गई है, फिर FARC के उत्तराधिकारियों और द नेशनल लिबरेशन आर्मी की लगातार जारी गतिविधियों के चलते 2021 में कुल 90 नरसंहार हुए। इस साल अब तक 14 नरसंहार हो चुके हैं। यह आंकड़े इंजिपाज़ के हवाले से हैं। फिर कोलंबिया और वेनेजुएला की सीमा पर भी तनाव बढ़ रहा है। खासकर कोलंबिया के नोर्टे डे सांटांडेर और अराउका क्षेत्र में। अराउका में ओम्बड्समैन ऑफिस के मुताबिक 33 लोगों की हत्या हो चुकी है, वहीं 170 परिवारों को अनियमित समूहों की गतिविधियों के चलते विस्थापित होना पड़ा है। 

कोलंबिया में जारी संघर्ष और तथाकथित "दमन विरोधी" नीतियां ही ऐतिहासिक तौर पर यूरिबिज़्म की ताकत रही हैं। इससे कोलंबिया की राजनीति और चुनावी तस्वीर की अनिश्चित्ता समझ आती है। चुनावी गारंटियों के मामले में भी ऐसा ही है। हमने 2018 में भ्रष्टाचार और वोट खरीदे जाने के आरोप देखे-सुने ही थे। फिर प्रत्याशियों की व्यक्तिगत सुरक्षा भी अरहम है, हाल में ब्लोके कैपिटल स्थित अगुलिसा नेग्रास के अर्द्धसैनिक बलों ने पेट्रो को 4 दिसंबर 2021 को जान से मारने की धमकी दी थी। ध्यान रहे पिछली शताब्दी में ही कोलंबिया में 7 राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों की हत्या हो चुकी है। 

यह देखा जाना बाकी है कि क्या लैटिन अमेरिका में सबसे पुराना लोकतंत्र आने वाले वक़्त में हाल में हासिल हुई शांति को मजबूत कर पाएगा या जटिल स्थितियों को सुलझा पाता है या नहीं।

इस लेख को ग्लोबट्रोटर ने प्रकाशित किया था। लौतारो रिवारा एक समाजशास्त्री, शोधार्थी और कवि हैं। एक प्रशिक्षित पत्रकार के तौर पर उन्होंने संचार से जुड़े अलग-अलग क्षेत्रों में काम किया है, उन्होंने संपादन, लेखन, रेडियो ब्रॉडकास्ट और फोटोग्राफ़ी की है। जीन-जैक्स डेस्सालाइन्स ब्रिगेड, हैती में अपनी दो साल की तैनाती में वे संचार के लिए जिम्मेदार थे। साथ ही उन्होंने स्थानीय जन आंदोलनों के साथ मिलकर राजनीतिक शिक्षा का प्रसार करने का भी काम किया। वे अर्जेंटीना, बाकी लातिन अमेरिका और कैरेबियाई देशों में नोडल, एएलएआई, टेलेसुर, रेसुमेन लातिनअमेरिकानो, प्रेसेंजा, ला रेडएच, नोटास, हैती लिबर्टे, अलकार्ज़ो और अन्य पीपल्स मीडिया प्रोजेक्ट में लगातार लिखते रहते हैं। आप उन्हें ट्विटर पर @LautaroRivara हैंडल पर फॉलो कर सकते हैं।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

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