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दिल्ली: पुरानी पेंशन बहाली को लेकर रामलीला मैदान में हुई महारैली

आज गुरुवार को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पेंशन अधिकार रैली हुई। जिसमे पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का हुआ ऐलान।
Rally

आज दस अगस्त को राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में पेंशन अधिकार महारैली हुई। जिसमे एक लाख से अधिक केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी एवं राज्य सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने का दावा किया गया। इस रैली मे भाग लेने के लिए देशभर से कर्मचारी बड़ी संख्या मे सुबह से ही रामलीला मैदान पहुंच रहे थे। सुबह दस बजे तक ही पूरा रामलीला मैदान पुरानी पेंशन की मांग करने वाले कर्मचारियों से पट गया था। जबकि बड़ी संख्या मे कर्मचारी मैदान मे घुसने की कोशिश मे लगे हुए थे। ये महारैली पुरानी पेंशन की बहाली के लिए हुई, जिसका आह्वान देश के लगभग 30 कर्मचारी संगठनों ने अपने संयुक्त मंच जॉइन्ट फोरम फॉर रेस्‍टोरेशन ऑफ ओल्ड पेंशन स्कीम (जेएफआरओपीएस) के तहत किया था। इस रैली मे बड़ी संख्या मे देश के रेल, डाक,प्रतिरक्षा सहित तमाम सेक्टर के कर्मचारी जुटे थे।


रैली के बाद संयुक्त रूप से देश के प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन भी सरकार को सौंपा गया जिसमे उन्होंने राष्ट्रीय पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना सभी केन्द्रीय राज्य सरकार के कर्मचारियों,शिक्षकों आदि चाहे उनकी  नियुक्ति की तारीख कोई भी हो, लागू किए जाने की मांग की और उसे न्यायोचित ठहराया गया है।

“पुरानी पेंशन हक है हमारा”

इस संयुक्त मंच के संयोजक शिवगोपाल मिश्र ने न्यूजक्लिक से बात करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है। वो अपने जीवन का बड़ा हिस्सा संस्थानों को देते है उसके बाद अगर उन्हे बुढ़ापे मे किसी और का सहारा लेना पड़े तो यह उसके आत्मसम्मान पर चोट है।

मिश्र ने कहा सरकार से हमारी एक ही मांग है की वो हमारी पुरानी पेंशन लागू करे नहीं तो ये जो सैलाब आज दिल्ली आया है। वो पूरा देश को भी जाम करेगा और हम भारत बंद करेंगे।

सेंट्रल ट्रेड यूनियन इंटक के उपाध्यक्ष अशोक सिंह इस महारैली मे शामिल हुए। उन्हने न्यूजक्लिक से बात करते हुए कहा देश का कर्मचारी लगातार बीते कई सालों से केंद्र सरकार से अपनी पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है लेकिन सरकार इसे नकार रही है। हमने बीते सालों मे कई संगठनों ने सांझे तौर पर देशव्यापी हड़ताल की उनमे भी ये मुद्दा रहा है। लेकिन अब कर्मचारी आर पार के मूड मे हैं। इसका नतीजा हिमाचल और कर्नाटक ने दे दिया है कि जो पुरानी पेंशन देगा कर्मचारी उसके ही साथ रहेगा।

वेस्ट रेलवे की एक युवा कर्मचारी कुसुम लता भी इस रैली मे शामिल होने आई थी। कुसुम ने कहा हम लोग सरकारी नौकरी मे इसलिए आए थे कि इस नौकरी मे सुरक्षा है। लेकिन सरकार ने पुरानी पेंशन बंद करके हमारा जीवन पूरी तरह असुरक्षित कर दिया है। मैं हाथ जोड़कर प्रधानमंत्री जी से आग्रह करती हूं कि वो हमारी पुरानी पेंशन लागू करें।

वो कहती हैं जब देश के नेताओ को पुरानी पेंशन मिल सकती है तो हम कर्मचारियों को क्यों नहीं?ऑल इंडिया रेलवे मैन फेडरेशन ऑफ इंडिया की महिला विंग की नेता प्रवीना सिंह ने कहा ये नई पेंशन स्कीम जिसे सरकार राष्ट्रीय पेंशन स्कीम कहती है। ये लाखों कर्मचार्यों के लिए घातक है। वैसे तो ये सभी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ है लेकिन ये महिला कर्मचारियों के लिए और भी खतरनाक है। क्योंकि महिला को हमारे समाज मे वैसे ही दोयम दर्जा हासिल है। ये पेंशन बुढ़ापे मे उनके आत्मसामान की एक गारंटी थी उसे भी ये सरकार छीन रही है।

नई पेंशन पुरानी पेंशन से किस तरह अलग है?

1- पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ)) सुविधा उपलब्ध है जबकि नई पेंशन योजना में जीपीएफ नहीं है। जीपीएफ पर ब्याज दर निश्चित है जबकि एनपीएस पूरी तरह शेयर पर आधारित है।

2- पुरानी पेंशन वालों के परिवार वालों को सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रेच्युटी मिलती है जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढाकर 20 लाख कर दी है जबकि नई पेंशन वालों के लिए डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा अभी हाल ही में की गयी है।

3- पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेन्ट के समय एक निश्चित पेंशन (अन्तिम वेतन का 50%) की गारंटी थी जबकि नई पेंशन योजना में पेंशन कितनी मिलेगी यह निश्चित नहीं है यह पूरी तरह शेयर मार्केट व बीमा कंपनी पर निर्भर है।

4- पुरानी पेंशन सरकार देती है जबकि नई पेंशन बीमा कम्पनी देगी। यदि कोई समस्या आती है तो हमें सरकार से नहीं बल्कि बीमा कम्पनी से लड़ना पडेगा।

5-पुरानी पेंशन पाने वालों के लिए रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन) मिलता है जबकि नयी पेंशन वालों के लिये ग्रेच्युटी की व्यवस्था सरकार ने हाल ही में की है।

6- पुरानी पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती है जबकि नयी पेंशन योजना में वेतन से प्रति माह 10% की कटौती निर्धारित है ।

7- पुरानी पेंशन में आने वाले लोगों को सेवाकाल में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन मिलती है जबकि नयी पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन को समाप्त कर दिया गया है, लेकिन अब सरकार इस पर विचार कर रही है।

8- पुरानी पेंशन पाने वालों को हर छह माह बाद महंगाई तथा वेतन आयोगों का लाभ भी मिलता है जबकि नई पेंशन में फिक्स पेंशन मिलेगी। महंगाई या वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा। यह एक बहुत बड़ा नुकसान है।

9- पुरानी पेंशन योजना वालों के लिए जी.पी.एफ. से आसानी से लोन लेने की सुविधा है जबकि नयी पेंशन योजना में लोन की कोई सुविधा नही है (विशेष परिस्थिति में कठिन प्रक्रिया है केवल तीन बार वह भी रिफंडेबल)।

10-पुरानी पेंशन योजना में जी.पी.एफ. निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता है जबकि नयी पेंशन योजना में जब रिटायरमेंट पर जो अंशदान का 60% वापस मिलेगा उस पर आयकर लगेगा। 

भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा

शिवगोपाल मिश्र द्वारा निम्नलिखित कार्य योजना के संबंध में एक डिक्लेरेशन पेश किया गया। जिसे रैली में सर्वसम्मति से पारित किया गया।
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को समाप्त करने और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग के लिए अभियान कार्यक्रम और कर्मचारियों को संगठित करना और सार्वजनिक समर्थन तैयार करना एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और आने वाले दिनों में सभी योग / कार्यालय/निगम  और स्थानीय स्तर पर इस कार्य में तेजी लाया जाना चाहिये। इस उद्देश्य के लिए सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए।

1. आने वाली 21 अगस्त , 21 सितंबर और 21 अक्टूबर को संयुक्त रूप से मीटिंग रैलियां, जुलूस धरने, सेमीनार आदि आयोजित किए जाएंगे।

2. 21 और 22 नवम्बर 2023 को बिना गारंटी वाले एनपीएस को रद्द/ वापस लेने और परिभाषित और गारंटी वाली पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की एकल सूत्रीय मांग को समर्थन में "अनिश्चितकालीन हडताल के लिए सभी घटक संगठनों द्वारा स्ट्राइक सेट (गुप्त मतपत्र) लिया जाएगा।'’

3. यह विशाल पेंशन अधिकार रैली इसके द्वारा जेएफआरओपीएस की संचालन समिति को हड़ताल नोटिस जारी करने की तारीख और "अनिश्चितकालीन हडताल शुरू होने की तारीख तय करने के लिए अधिकृत करती है।'’

4. केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों से परामर्श के बाद हड़ताल के दौरान जेएफआरओपीएस / एनजेसीए द्वारा भारत बंद का आवाहन किया जाएगा।

5. जेएफआरओपीएस के संयोजक उपरोक्त घोषणा को भारत सरकार के कैबिनेट सचिव और संबंधित राज्य सरकारों के सभी मुख्य सचिवों को बताएंगे।

संयुक्त मंच ने अपने बयान मे कहा कि उपरोक्त परिभाषित और गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना की मांग को पूरा करने के लिए आज 10 अगस्त 2023 को विधिवत रूप से आयोजित की गई इस विशाल पेशन अधिकार रैली की यह घोषणा है, ताकि सभी कोटियों के केंद्रीय एवं राज्य सरकारी कर्मचारियो एवं शिक्षको आदि के लिए एक सभ्य और सम्मानजनक सेवानिवृत्त जीवन संयोजन सुनिश्चित किया जा सके। 

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