‘गौ-गुंडों’ का शिकार हुए उमर मोहम्मद के परिवार को कौन दिलाएगा इंसाफ?
खुर्शीदा के बेटे होने के एक दिन बाद ही उमर मोहम्मद को हाईवे पर गोली मार दी गयी थी। बात नवंबर 2017 की है।
खुर्शीदा कहती है, "हमारा बच्चा पैदा होने वाला था और हमारे पास सिर्फ एक बकरी थी। हमने एक नई गाय खरीदने का फैसला किया, ताकि बच्चों के लिए ताजा दूध हो।"
भरतपुर, घाटमीका के एक डेयरी किसान, उमर मोहम्मद को एक नए खरीदी गाय के साथ पिक-अप ट्रक चलाने के कारण कथित गौ-रक्षक द्वारा मार दिया गया था।
उसका सिर काटकर फेंक दिया गया था और शव को रेल की पटरियों पर कटने के लिए छोड़ दिया गया था।
भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक और भीषण घृणा अपराध में उमर मोहम्मद को मेवात में मुस्लिम होने के कारण मार दिया गया था।
उनके और उनके परिवार के खिलाफ गाय तस्करी का मामला दर्ज किया गया है, जो न्याय के लिए जूझ रहे हैं।
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